"जैसे मौत आपके सामने खड़ी हो…" : लिफ्ट में 48 घंटे फंसे शख्स की आपबीती, जानें कैसे निकला बाहर
तिरुवनंतपुरम:
केरल में तिरुवनंतपुरम के सरकारी मेडिकल कॉलेज अस्पताल से एक हैरान करने वाला मामला सामने आया है. यहां 59 वर्षीय व्यक्ति दो दिन तक लिफ्ट के भीतर फंसा रहा. लेकिन लिफ्ट के संचालन के लिए जिम्मेदार लोगों को इसकी जानकारी नहीं थी. जब लिफ्ट को सोमवार सुबह नियमित कामकाज के लिए चालू किया गया तब उसमें व्यक्ति के फंसे होने की जानकारी मिली. इसके बाद प्रशासन ने जिम्मेदार अधिकारियों की कथित चूक पर उनके खिलाफ कार्रवाई शुरू कर दी है.
59 वर्षीय रविन्द्रन नायर ने बताया कि यह ऐसा था जैसे मौत हमारे सामने खड़ी थी. अपने माता-पिता को याद करने लगते हैं. मैं उनके बारे में सोचकर फूट-फूट कर रोया. हालांकि, उन्होंने उम्मीद को जिंदा रखा और इस संकट पर उनकी हिम्मत ने उनको जीत दिलाई.
कैसे हुआ हादसा? पीड़ित ने बताया
रविन्द्रन नायर ने बताया, “अचानक, लिफ्ट ज़मीन पर गिर गई. टक्कर से मेरा फ़ोन टूट गया. मुझे नहीं पता था कि दिन है या रात, लेकिन मैं हर कुछ मिनट में आपातकालीन घंटी बजाता रहा. अंदर अंधेरा था. किसी तरह, मुझे एक छोटा सा छेद मिला, जहां से मुझे जीवित रहने के लिए हवा मिल रही थी.
कैसे निकला गया बाहर
अधिकारियों ने बताया कि यह घटना सोमवार सुबह सामने आयी जब लिफ्ट ऑपरेटर ने नियमित कामकाज के लिए लिफ्ट चालू की. पीड़ित व्यक्ति के परिवार ने रविवार रात को मेडिकल कॉलेज पुलिस में उनकी गुमशुदगी की शिकायत दर्ज करायी थी. अस्पताल में मीडिया से बातचीत में नायर ने कहा कि लिफ्ट फंस गयी थी और वह अलार्म बजाते रहे लेकिन कोई भी उनकी मदद के लिए नहीं आया.
“कोई बचाने नहीं आया…”
नायर के बेटे हरि शंकर ने बताया कि उनके पिता काफी सदमे में थे क्योंकि वह करीब दो दिन तक लिफ्ट के भीतर फंसे रहे. शंकर ने कहा, ‘‘मेरे पिता ने बताया कि वह लिफ्ट के भीतर अलार्म बजाते रहे लेकिन कोई बचाने नहीं आया.” तिरुमला निवासी नायर इलाज कराने के लिए अस्पताल में आए थे और शनिवार दोपहर करीब 12 बजे लिफ्ट में फंस गए. जब उनका फोन नहीं लगा तो परिवार के सदस्यों ने रविवार शाम को मेडिकल कॉलेज पुलिस थाने में शिकायत दर्ज करायी. बहरहाल, मेडिकल कॉलेज के अधिकारियों का कहना है कि इस लिफ्ट का नियमित रूप से इस्तेमाल नहीं किया जाता था.
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