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भोले बाबा के नाम से भागते हैं भूत-प्रेत…आश्रम के इस गार्ड का हाथरस हादसे पर तर्क कर देगा हैरान  

Hathras Case : भोले बाबा उर्फ सूरजपाल ने लाखों लोगों को अपने वश में कर रखा था. तभी तो उसके पैर छूने के लिए भगदड़ मच गई और 121 लोगों की जान चली गई. भोले बाबा का पुश्तैनी गांव बहादुर नगर जब The Hindkeshariपहुंची तो देखा कि बाबा ने आलीशान महल बनवा रखा है. यह सैकड़ों एकड़ में फैला है. अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस इस आश्रम में कई सारी ऑटोमेटिक कैंटीन हैं. यहीं पर मौजूद गार्ड से टीम ने बात की तो उसके जवाब ने हैरान कर दिया. उसे हर चीज में दूसरों की गलती दिख रही थी, मगर बाबा की नहीं. यहां पढ़ें-भोले बाबा के बहादुर नगर गांव का पुश्तैनी घर कैसा है? जानें जन्मदिन की तारीख बाबा ने क्यों बदली

फ्री में करता है काम

फिरोजाबाद जिले के रहनेवाले इस गार्ड ने अपना नाम प्रताप सिंह बताया. अंदर क्या है पूछने पर बताया कि अंदर तो वह भी नहीं गया लेकिन अंदर जैसे सबका घर होता है, वैसे ही घर है. पिछले साल बाबा यहां आए थे. उसके बाद से नहीं आए हैं. आपलोग सोच रहे होंगे कि गार्ड को सैलरी मिलती होगी तो वह तो बाबा के पक्ष में बोलेगा ही मगर ऐसा नहीं है. यह गार्ड फ्री सर्विस करता है. इसने बताया कि धाम पर हम लोग 8-8 दिन की ड्यूटी देते हैं. घर कैसे चलता है के सवाल पर बताने लगा कि बाबा सब संभालते हैं. यहां ड्यूटी के बाद घर पर खेती करता हूं. बताने लगा कि 2004 में प्रभु के वचन, भजन-कीर्तन देखने के बाद उनसे जुड़ गया.  यहां पढ़ें भोले बाबा के साथ बैठने वाली महिला कौन है? मई में इनके सत्संग से गायब बुजुर्ग के परिजनों का बड़ा दावा

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बाबा से जुड़कर क्या फायदा हुआ

बाबा से जुड़कर फायदा क्या हुआ पूछने पर बताने लगा कि बाबा के साथ रहने से परेशानियां दूर होती हैं. घर में जो भी भूत प्रेत बाधाएं होती हैं, वह भाग जाती हैं. मैं कई जगहों पर प्रेत भगाने के लिए गया लेकिन कुछ नहीं हुआ, मगर इस आश्रम के दरवाजे पर आते ही प्रेत भाग गया. मैंने कहा, “परमात्मा हमारी प्रेत आत्मा को दूर कीजिए और हमें अपनी चरण शरण में ले लीजिए. प्रभु जी हम आपके वचनों को मानेंगे. हम इंसानियत का ही धर्म अपनाएंगे. परमात्मा कोई भी गलत रास्ते पर नहीं आएंगे तो हमारी प्रेत ठीक हो गई. बस और तभी से प्रभु के साथ नि स्वार्थ हो हो गए.” प्रेत भागने से पहले कैसा व्यवहार करते थे पूछने पर गार्ड ने बताया कि पति-पत्नी में विवाद होता था. किसी से झगड़ जाओ. गुस्सा आ जाओ, लेकिन प्रभु का नाम लेकर अब छोड़ देते हैं. नारायण साकार हरि की संपूर्ण ब्रह्मांड में सदा सदा के लिए जय जयकार हो. हरि जी का पांच बार 10 बार नाम लो बस प्रेत दूर हो जाती है. यहां पढ़ें-भोले बाबा के गांव की दो महिलाओं की भी भगदड़ में गई जान, परिजनों ने बताया-कैसा ढूंढा शव?

भाग रहे थे फिसल गए

हाथरस में 121 लोगों की मौत पर प्रताप सिंह कहने लगा कि ये परेशानी वाला है. ये सत्य है क्या कि मरने के बाद में परिवार को दुख होता है. हमें एक पाठ पढ़ाया जाता है… वसुदेव कुटुंबकम…यानी पूरा विश्व ही हमारा परिवार है. अगर वहां से कोई गुजर जाता है तो दुख होता है. ऐसा कभी नहीं हुआ. 24 सालों में ऐसा कभी नहीं हुआ. प्रभु के साथ अन्य आयोजनों में हम भी गए हैं. अभी तो हम यहां थे और घटना वहां की है मगर ऐसा कभी नहीं हुआ. प्रभु की गाड़ी के पीछे लोग भागे मगर वहां पर कीचड़ होने की वजह से फिसलन हुई. प्रभु हमेशा से ही 24 साल से यही मना कर रहे हैं आपको भागने की तो जरूरत नहीं है, लेकिन वो पीछे भाग रहे हैं तो फिसल गए. अब एक के बाद एक गिरेगा तो होगा ही. अब उसे कुछ भी मुद्दा बना दीजिए. 

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पीड़ित परिवारों से क्यों नहीं मिले

भोले बाबा पीड़ित परिवारों से मिलने क्यों नहीं गए के सवाल पर गार्ड बोला कि प्रभु तो केवल सिंहासन तक ही आते हैं. किसी से आज तक नहीं मिले. मुझे भी नहीं मिले. मेरी मन की बात उन्होंने यहां से सुन ली. वही निराकार साकार में जब बोलते हैं तो कोई मामूली चीज तो है नहीं कि लाखों की संख्या में श्रद्धालु आते हैं. आप ढोंगी, पाखंडी कहकर हम जैसे भक्तों की भावनाओं को ठेस पहुंचा सकते हैं. भोले बाबा मोबाइल नहीं चलाते. अपने वकील के माध्यम से संवेदना तो जता ही दी है.

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