हर हफ़्ते औसतन 47.7 घंटे काम करते हैं भारतवासी, US-UK बहुत पीछे : ILO के आंकड़े
गौरतलब है कि भारत में सरकारी दफ़्तरों में सप्ताह में पांच दिन काम होता है, और हर रोज़ काम के लिए सिर्फ़ 7.5 से 8 घंटे का नियम है, हालांकि ज़रूरत के हिसाब से कुछ कर्मचारी-अधिकारी इससे कहीं ज़्यादा देर तक काम करते हैं. दूसरी और, प्राइवेट संस्थानों में भी पांच दिन और छह दिन के हफ़्ते का नियम है, लेकिन हर रोज़ औसतन 9 घंटे काम करना पड़ता है. कुछ कंपनियों में इससे ज़्यादा भी काम करना पड़ता है.
The Hindkeshariकामकाज से जुड़े आंकड़ों की तलाश करने पर इंटरनेशनल लेबर ऑर्गेनाइज़ेशन (ILO या International Labour Organization) की वेबसाइट पर पहुंचा, जहां पाया गया कि इसी साल अप्रैल तक के हिसाब-किताब से हर हफ़्ते सबसे ज़्यादा काम करने वालों मुल्कों में भारत दुनियाभर में सातवें पायदान पर है, और अहम बात यह है कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) में शामिल विकसित देशों में से चीन के अलावा कोई भी मुल्क टॉप 20 देशों में शुमार नहीं है.
सबसे ज़्यादा काम करते हैं UAE के कर्मचारी
दुनियाभर में हर हफ़्ते सबसे ज़्यादा घंटे तक, यानी 52.6 घंटे काम करने वाला मुल्क संयुक्त अरब अमीरात (UAE) है, जहां की 46 फ़ीसदी वर्कफ़ोर्स प्रति सप्ताह 49 घंटे या उससे ज़्यादा काम करती है. दूसरे स्थान पर गाम्बिया है, जहां हर हफ़्ते औसतन 50.8 घंटे काम किया जाता है, और 26 फ़ीसदी वर्कफ़ोर्स हर हफ़्ते 49 या अधिक घंटे काम करती है. हर हफ़्ते सबसे ज़्यादा काम करने वाले मुल्कों में तीसरे पायदान पर भूटान है, जहां हर सप्ताह औसतन 50.7 घंटे काम होता है, और भूटान की 54 फ़ीसदी वर्कफ़ोर्स प्रति सप्ताह 49 या अधिक घंटे तक काम में जुटी रहती है. सूची में चौथे स्थान पर लेसोथो है, जहां के 36 फ़ीसदी कामगार हर हफ़्ते 49 घंटे या उससे ज़्यादा देर तक काम करते हैं, जबकि इस मुल्क का प्रति सप्ताह औसत 49.8 घंटे है.
हर हफ़्ते 47.7 घंटे काम करते हैं भारतवासी
हर हफ़्ते औसतन सबसे ज़्यादा देर तक काम करने वालों की सूची में पांचवें पायदान पर कॉन्गो है, जहां औसतन प्रति सप्ताह 48.6 घंटे काम होता है, और कॉन्गो का 46 फ़ीसदी वर्कफ़ोर्स 49 घंटे या उससे अधिक काम करता है. लिस्ट में छठे स्थान पर कतर है, जहां के लोग औसतन 48 घंटे प्रति सप्ताह काम करते हैं, लेकिन सिर्फ़ 29 प्रतिशत कतरवासी 49 घंटे या उससे ज़्यादा काम करते हैं. सूची में सातवें पायदान पर भारत है, जहां हर हफ़्ते औसतन 47.7 घंटे काम होता है, लेकिन कितने प्रतिशत भारतीय 49 घंटे या उससे अधिक काम करते हैं, यह आंकड़ा ILO के पास भी नहीं है. इसी लिस्ट में आठवें स्थान पर मॉरिटानिया है, जहां के लोग हर सप्ताह औसतन 47.5 घंटे काम करते हैं, और लगभग 47 फ़ीसदी कामगार 49 घंटे या उससे ज़्यादा देर तक काम में जुटे रहते हैं.
बांग्लादेश और पाकिस्तान हैं 10वें, 11वें स्थान पर
वैश्विक स्तर पर सबसे ज़्यादा घंटे काम करने वालों की सूची में नौवां स्थान मिला है लाइबेरिया को, जहां हर हफ़्ते 47.2 घंटे काम होता है, और 28 फ़ीसदी काम करने वाले 49 घंटे से ज़्यादा काम करते हैं. लिस्ट में 10वें स्थान पर हमारा पड़ोसी मुल्क बांग्लादेश है, जहां के लोग हर सप्ताह 46.9 घंटे काम करते हैं, लेकिन आधे कामगार, यानी पूरे 50 प्रतिशत बांग्लादेशी कर्मचारी हर हफ़्ते 49 घंटे या उससे भी ज़्यादा काम में लगे रहते हैं. 11वें स्थान पर भी भारत के पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान का नाम दर्ज है, जहां के कामगार प्रति सप्ताह 46.7 घंटे तक काम में लगे रहते हैं, जबकि 42 फ़ीसदी पाकिस्तानी वर्कफ़ोर्स 49 घंटे या उससे ज़्यादा देर तक काम करती है. इसी सूची में 12वें स्थान पर लेबनान है, जहां औसतन 46.7 घंटे हर सप्ताह काम होता है, और 39 फ़ीसदी लेबनानी वर्कफ़ोर्स 49 घंटे काम करती है.
विकसित मुल्कों में औसतन कम होता है काम
163 देशों की इस सूची में बेहद आश्चर्यजनक रूप से ब्रिटेन (UK), संयुक्त राज्य अमेरिका (USA) और कनाडा जैसे विकसित मुल्क काफ़ी नीचे हैं, जबकि चीन को 16वां स्थान हासिल हुआ है. चीन में प्रति सप्ताह औसतन 46.1 घंटे काम होता है, लेकिन चीन के बारे में भी ILO के पास 49 घंटे या उससे ज़्यादा काम करने वालों वर्कफ़ोर्स का आंकड़ा उपलब्ध नहीं है. इसके अलावा, 115वें स्थान पर मौजूद USA में हर हफ़्ते औसतन सिर्फ़ 36.4 घंटे काम होता है, और वहां की सिर्फ़ 14 फ़ीसदी वर्कफ़ोर्स ही 49 घंटे या उससे ज़्यादा काम करती है. इसी सूची में 121वें स्थान पर UK दर्ज है, जहां के निवासी 35.9 घंटे प्रति सप्ताह काम करते हैं, और 11 प्रतिशत वर्कफ़ोर्स 49 घंटे या उससे अधिक समय तक काम करती है. इसी सूची में 151वें पायदान पर कनाडा मौजूद है, जहां प्रति सप्ताह औसतन सिर्फ़ 32.1 घंटे ही काम होता है, जबकि 11 फ़ीसदी कनाडाई वर्कफ़ोर्स ऐसा है, जो 49 घंटे या उससे ज़्यादा देर तक हर हफ़्ते काम करती है.