"सेना में एक लाख अग्निवीर, जवानों के साथ मिलकर निभाते हैं समान कर्तव्य" : शीर्ष सैन्य अधिकारी
नई दिल्ली:
एक शीर्ष सैन्य अधिकारी ने अग्निवीर (Agniveers) को लेकर विपक्ष के उन आरोपों का खंडन किया है, जिसमें केंद्र सरकार पर सैनिकों के दो वर्ग बनाने का आरोप लगाया जा रहा है. उन्होंने कहा कि अग्निवीर एक जैसी वर्दी पहनते हैं और समान कर्तव्य निभाते हैं. साथ ही उन्होंने कहा कि कुछ क्षेत्रों में वे कुछ बेहतर हैं. अग्निपथ योजना (Agnipath Scheme) को 2022 में शुरू किया गया था. यह योजना तीनों सेवाओं की आयु सीमा को कम करने के उद्देश्य से सशस्त्र बलों में कर्मियों को अल्पकालिक शामिल करने का प्रावधान करती है. इसके तहत भर्ती लोगों को अग्निवीर कहा जाता है. सशस्त्र बलों में अल्पकालीन सेवा योजना (17.5-21 वर्ष) के कारण देश के कई हिस्सों में हिंसक विरोध प्रदर्शन शुरू हो गए थे.
लेफ्टिनेंट जनरल चन्नीरा बंसी पोनप्पा ने समाचार एजेंसी एएनआई को बताया, “मुझे कहना होगा कि वे यूनिट में जमीन पर मौजूद अन्य सिपाहियों या रंगरूटों की तरह सभी कार्यों, ऑपरेशनल और अन्य पेशेवर कर्तव्यों का पालन कर रहे हैं और उन्हें यूनिट्स में पूरी तरह से एकीकृत और आत्मसात कर लिया गया है. वे समान वर्दी पहनते हैं. समान कर्तव्य निभाते हैं और जमीन पर बहुत अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं. यूनिट्स, कमांडिंग ऑफिसर्स और उनकी खुद की प्रतिक्रिया मिल रही है कि वे अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं.”
#WATCH | On the current status of Agnipath scheme, the number of Agniveers being employed, Lieutenant General Channira Bansi Ponnappa- Adjutant General of the Indian Army, says, “Since June 2022, the scheme was launched and then we had the first batch that was recruited and… pic.twitter.com/okwXzpqycF
— ANI (@ANI) July 21, 2024
कुछ क्षेत्रों में बेहतर हैं अग्निवीर : पोनप्पा
अधिकारी ने कहा, “हम देखते हैं कि वे वास्तव में कुछ क्षेत्रों में बेहतर हैं, फिजिकल टेस्ट में करीब 10% अधिक अच्छे हैं और अपनी शिक्षा में करीब 20% अधिक बेहतर हैं. संभव है कि यह उनके केंद्रित दृष्टिकोण से संबंधित है.”
चुनाव से पहले The Hindkeshariको दिए एक साक्षात्कार में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने रेखांकित किया था कि “इस योजना को शुरू करने के पीछे एक मकसद अधिक युवाओं को सशस्त्र बलों में लाना है”.
भविष्य के लिए युवा फोर्स तैयार करनी है : पोनप्पा
लेफ्टिनेंट जनरल चन्नीरा बंसी पोनप्पा ने कहा, “मैं बस कुछ क्षेत्रों पर प्रकाश डालना चाहूंगा जिनमें हम परिवर्तन लाने में सक्षम हुए हैं और वे अग्निपथ योजना से संबंधित हैं, जो परिवर्तनकारी रही है, समस्त मैनपॉवर में सुधार, भर्ती और नीति में सुधार, जिसने हमारी भारतीय सेना के एक बड़े हिस्से, अन्य रैंकों को प्रभावित किया है. इसका मुख्य उद्देश्य एक युवा और भविष्य के लिए फोर्स तैयार करना है, जिसमें मुख्य रूप से टेक्नोलॉजी और आधुनिक प्रक्रियाओं से संबंधित भविष्य की सभी चुनौतियों को संभालने की क्षमता हो.”
उन्होंने कहा, “जून 2022 से योजना शुरू की गई और फिर हमारे पास पहला बैच था जिसे दिसंबर 2022-जनवरी 2023 में भर्ती और नामांकित किया गया. करीब एक लाख अग्निवीरों को सेना में भर्ती किया गया है. इसमें करीब 200 महिलाएं भी शामिल हैं. करीब 70 हजार को पहले ही यूनिट्स में भेज दिया गया है और बटालियनों में बहुत अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं. इसमें करीब 100 महिला पुलिस भी शामिल हैं, इस साल 2024-25 में करीब 50,000 रिक्तियां जारी की गई हैं.”
कांग्रेस ने अग्निवीरों को लेकर उठाए हैं सवाल
प्रमुख विपक्षी दल कांग्रेस ने तर्क दिया है कि यह योजना अग्निवीरों को 25 वर्ष की आयु में बेरोजगार कर देगी. साथ ही पार्टी ने कहा है कि यह बलों की एकजुटता को प्रभावित करता है क्योंकि अल्पकालीन भर्ती होने वाले सैनिक सुरक्षित पेंशन और अधिक उदार भत्ते के लिए पात्र सैनिकों के साथ काम करते हैं.
केंद्र सरकार का कहना है कि अग्निवीरों को उनकी चार साल की सेवा के आखिर में एक अच्छा वित्तीय पैकेज उन्हें फोर्सेज में काम करने के अनूठे अनुभव के साथ ही अच्छी शुरुआत देगा. विभिन्न केंद्रीय सरकारी एजेंसियों और विभागों ने पहले ही पूर्व अग्निवीरों की भर्ती की योजना की घोषणा कर दी है.
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