सपा का PDA धोखा, यूपी में गुंडाराज की वापसी नामुमकिन… : अखिलेश के तंज पर केशव मौर्य का जवाब
लखनऊ:
लोकसभा चुनाव 2024 में यूपी में खराब प्रदर्शन के बाद BJP में मंथन का दौर जारी है. यूपी के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य बगावती तेवर दिखाते हुए संगठन और सरकार को लेकर लगातार बयान दे रहे हैं. BJP के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से मुलाकात के बाद भी मौर्या के तेवर में नरमी नहीं आई. ऐसे में BJP की अंतर्कलह पर सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने तंज कसा. अब मौर्य ने सोशल मीडिया के जरिए अखिलेश यादव को जवाब दिया है. केशव प्रसाद मौर्य ने अखिलेश यादव के PDA यानी पिछड़ा, दलित और अल्पसंख्यक फॉर्मूले को धोखा करार दिया है.
केशव प्रसाद मौर्य ने बुधवार को X पर पोस्ट किया, “सपा बहादुर अखिलेश यादव जी, बीजेपी की देश और प्रदेश दोनों जगह मजबूत संगठन और सरकार है. सपा का PDA धोखा है. यूपी में सपा के गुंडाराज की वापसी असंभव है. बीजेपी 2027 विधानसभा चुनाव में 2017 दोहराएगी.”
सपा बहादुर श्री अखिलेश यादव जी,भाजपा की देश और प्रदेश दोनों जगह मज़बूत संगठन और सरकार है,
सपा का PDA धोखा है।
यूपी में सपा के गुंडाराज की वापसी असंभव है,
भाजपा 2027 विधानसभा चुनाव में 2017 दोहरायेगी।#फिर_एकबार_डबल_इंजन_सरकार— Keshav Prasad Maurya (@kpmaurya1) July 17, 2024
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अखिलेश यादव ने क्या कहा था?
अखिलेश यादव ने BJP के अंदरूनी मुद्दे को लेकर X पर पोस्ट किया, “BJP की कुर्सी की लड़ाई की गर्मी में उत्तर प्रदेश में शासन-प्रशासन ठंडे बस्ते में चला गया है. तोड़फोड़ की राजनीति का जो काम BJP दूसरे दलों में करती थी, अब वही काम वो अपने दल के अंदर कर रही है. इसीलिए BJP अंदरूनी झगड़ों के दलदल में धंसती जा रही है. जनता के बारे में सोचने वाला BJP में कोई नहीं है.”
मौर्य के किस बयान से शुरू हुआ विवाद?
दरअसल, यूपी BJP ने केशव मौर्य के समर्थन में 2 पोस्ट किए थे:- 1- संगठन सरकार से बड़ा है, संगठन से बड़ा कोई नहीं होता. हर एक कार्यकर्ता मेरा गौरव है.
2- जो भी होता है घटनाक्रम, रचता स्वयं विधाता है. आज लगे जो दंड वही, कल पुरस्कार बन जाता है. निश्चित होगा प्रबल समर्थन, अपने सत्य विचार का. कर्मवीर को फर्क नहीं पड़ता, कभी जीत और हार का. कार्यकर्ता ही मेरा गौरव और मेरा अभिमान है.
नड्डा ने दिल्ली किया तलब
इस पोस्ट के बाद मौर्य ने कार्यसमिति की बैठक में यही बात दोहराई. उन्होंने संगठन को सरकार से ऊपर बताया. इसके बाद मौर्य को नड्डा ने मंगलवार को दिल्ली बुलाया. दोनों के बीच काफी देर बातचीत हुई. सूत्रों के मुताबिक, आलाकमान ने नसीहत दी कि सरकार-संगठन में तालमेल बनाकर रखें, बयानबाजी से भी बचें.
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हालांकि, जेपी नड्डा से मुलाकात के 15 घंटे बाद भी केशव प्रसाद मौर्य ने फिर से X पर लिखा- “संगठन सरकार से बड़ा होता है.”
कार्यकर्ताओं का दर्द मेरा दर्द
केशव प्रसाद मौर्य ने बुधवार सुबह एक और पोस्ट किया, “संगठन सरकार से बड़ा है, कार्यकर्ताओं का दर्द मेरा दर्द है. संगठन से बड़ा कोई नहीं, कार्यकर्ता ही गौरव है.” उन्होंने कार्यकर्ताओं को संदेश दिया था कि हम आपके साथ खड़े हैं.
नाराजगी के चलते बैठकों में नहीं आ रहे मौर्य
रिपोर्ट के मुताबिक, जेपी नड्डा 14 जुलाई को BJP की प्रदेश कार्यसमिति की बैठक में शामिल होने लखनऊ आए थे. उस समय केशव मौर्य ने संगठन को सरकार से बड़ा बताया था. रिपोर्ट के मुताबिक, लोकसभा चुनाव नतीजों के बाद से केशव मौर्य कैबिनेट की बैठक में भी नहीं जा रहे. पौधारोपण कार्यक्रम को लेकर सीएम योगी ने जो बैठक बुलाई, उसमें भी केशव मौर्य नहीं पहुंचे थे.
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