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 हाथरस का सबसे दर्दनाक वीडियो : "मेरी आंख पत्थर हेगईं…", सिर पीटती महिला का दर्द सीना चीर रहा है

हाथरस हादसे के बाद अपनों की तलाश में अस्पतालों के चक्कर काटते परिजन


नई दिल्ली:

हाथरस में मचे भगदड़ के बाद अब परिजनों के लिए सबसे बड़ी चुनौती साबित हो रही है अपनों को ढूंढ़ने की. इस घटना में अभी तक 121 लोगों की मौत की खबर है. अभी भी ऐसे कई लोग हैं जो अपनों की तलाश में एक अस्पताल से दूसरे अस्पताल के चक्कर काट रहे है. स्थिति इतनी भयावह है कि कुछ लोग तो अपनों की तलाश करते-करते ऐसे कई अनजान लोगों के शवों को देख चुके हैं. अब तो अपनों के इंतजार में उनके आखों में आंसू तक भी सूख गए हैं. The Hindkeshariकी ग्राउंड रिपोर्ट के दौरान ऐसे ही कई लोग मिले जो घटना के बाद से ही अपनों की तलाश में भूखे प्यासे एक शहर से दूसरे शहर और एक अस्पताल से दूसरे अस्पताल भाग रहे हैं. 

The Hindkeshariने ग्राउंड पर इस हादसे को कवर करने के दौरान अलीगढ़ के मेडिकल कॉलेज का भी दौरा किया. इस मेडिकल कॉलेज में भी कई ऐसे लोग हैं जो अपनों के शवों को ढूंढ़ने के लिए पहुंचे हैं. अलीगढ़ में कुल 17 शवों को रखा गया है जिनमें से सिर्फ दो पुरुष हैं, जबकि अन्य शव महिलाओं के हैं. 

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“मेरी आंखें अब पत्थर की हो गई हैं”

अलीगढ़ मेडिकल कॉलेज के बाहर अपनी बहु और बेटे की तलाश में आई एक बुजुर्ग महिला का दर्द सुनकर आपकी आंखों से भी आंसू निकल आएंगे. इस महिला से The Hindkeshariने बात की तो उन्होंने बताया कि वो लगातार अपनी बहु और  बेटे की तलाश में एक अस्पताल से दूसरे अस्पताल के चक्कर काट रही हैं. इस दौरान उन्होंने कई ऐसे लोगों के शव को भी देखा जिन्हे वो जानती तक नहीं है. अब तो हालत ऐसी हो चुकि है कि उनकी आंखों में आंसू भी सूख गए हैं. उन्होंने The Hindkeshariसे कहा कि मेरी आंखें अब अपनों की तलाश करते-करते पत्थर की हो चुकी हैं. 

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बारिश की वजह से हुआ ये बड़ा हादसा

हाथरस के सत्संग में मौजूद राजाराम ने बताया कि सत्संग जैसे ही खत्म हुआ वैसे बाबा वहां से चले गए. बाबा के जाते ही भक्त बाबा के पीछे भागने लगे. सत्संग से पहले वहां बारिश हुई थी जिस वजह से जहां हम बैठे थे वहां किचड़ थी. मिट्टी भी चिकनी थी जिस वजह से भगदड़ के दौरान काफी लोग फिसलने से भी गिर गए. भगदड़ मची तो सभी एक दूसरे के ऊपर होकर भागने लगा. भगदड़ में सेवादार खुद भी गिर गए थे. राजाराम ने बताया कि वह पहले भी बाबा के सत्संग में गए थे. 

“मेरी बेटी खत्म हो गई लेकिन मेरी बहु की लाश अभी तक नहीं मिली है”

ऐसे ही एक चश्मदीद ने The Hindkeshariको बताया कि इस घटना उनकी बेटी की मौत हो गई है जबकि उनकी बहु का अभी तक कोई पता नहीं चल सका है. सत्संग के दौरान दीवार पर कुछ लोग बैठे थे उसके पास में कुछ लेडीज बैठी थी, तो फिर दीवार गिर गई तो उसके पास बैठे कुछ महिलाएं उसमें दब गई. इसके बाद वहां भगदड़ मच गई. 
 



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