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बजट में अप्रेंटिसशिप के साथ-साथ इंटर्नशिप की पहल से 1 करोड़ लोगों को होगा फायदा


नई दिल्ली:

मोदी सरकार (Modi Government) के तीसरे कार्यकाल का पहला बजट (Union Budget 2024) आ चुका है. इस बजट का फोकस रक्षा, रोजगार, किसान, महिला और युवाओं पर रहा. बजट में नई टैक्स रिजीम चुनने वालों के लिए अब 7.75 लाख तक की इनकम टैक्स (Income Tax Slab) फ्री हो गई. मुझे लगता है ये मोटे तौर पर रोजगारपरक, स्किल डेवलपमेंट और शिक्षापरक बजट है. बहुत से लोगों ने इस बारे में आशंका जताई कि 2047 तक विकसित भारत कैसे होगा. उसके भी कुछ इंडिकेटर्स इस बजट में हैं. 

बजट में जो सबसे बड़ी चीज हाइलाइट हुई है, वो है नौकरियों को पैदा करना. लोकसभा चुनाव में बीजेपी को जिन राज्यों में सीटों का नुकसान हुआ, उनमें राजनीतिक कारणों के साथ-साथ बड़ा कारण बेरोजगारी भी था. इस बजट में बेरोजगारी को कम करने और नई नौकरियां पैदा करने का जिक्र किया गया है. 

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इकोनॉमिक सर्वे देखने के बाद मैंने पहले ही कहा था कि सरकार को बेरोजगारी कम करने के लिए कुछ बड़े ऐलान करने की जरूरत है. चाहे वो सर्विस सेक्टर हो या मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर हो, इसमें जॉब क्रिएशन के लिए इंसेंटिव्स होने चाहिए. EPFO कॉन्ट्रिब्यूशन को लेकर तीन स्कीम्स बताई गई हैं. यानी अगर मैन्युफैक्चरिंग में रोजगार पैदा हुए, तो क्या होगा. सर्विस सेक्टर में जॉब्स क्रिएट हुईं, तो कितना EPFO कॉन्ट्रिब्यूशन होगा. 

वहीं, अगर फर्स्ट हैंड जॉब है यानी पहली बार नौकरी कर रहे हैं, तो कितना PF कटेगा. बजट में अलग तरह के इंसेंटिव्स दिए गए हैं. बजट में नौकरियों के सृजन के लिए कुल 1.48 लाख करोड़ रुपये का फंड अलॉट किया गया है. ये सरकार का अच्छा प्रयास है.

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मुझे लगता है कि कुल अलॉटमेंट GDP का 3% होता है. लेकिन एजुकेशन और स्किल डेवलपमेंट के लिए बजट का अलॉटमेंट और बढ़ेगा. बजट में कई छोटी-छोटी सौगातें दी गई हैं. सरकार की नीतियों में अप्रेंटिसशिप (Apprenticeship) तो रहता था, लेकिन इंटर्नशिप (Internship) कभी नहीं रहता था. इस बार के बजट में अप्रेंटिसशिप के साथ-साथ इंटर्नशिप पर भी फोकस किया गया है. इससे एक करोड़ लोगों को अगले पांच साल में फायदा होगा. वहीं, एम्प्लॉयी और एम्प्लॉयर को ट्रेनिंग का कॉस्ट देना पड़ेगा. सरकार जो एक स्टाइपेंड टाइप की चीज देती है, वो 5 हजार रुपये भी देगी.

भारत इतना बड़ा देश है, जहां बहुत बड़ी जनसंख्या है. जनसंख्या का करीब दो-तिहाई हिस्सा 35 साल से कम उम्र का है. कितना भी कर लीजिए, वो काफी नहीं है. बजट में नौकरियों के लिए अच्छा खासा इंसेंटिव दिया गया है. ये एक नए युग की शुरुआत है. सरकार ने ई-बाऊचर्स की बात की है. 3 फीसदी तक ब्याजमुक्त लोन की बात की है. ये सब अपने आप में बहुत अच्छी शुरुआत है. 

(जयंत कृष्णा CSIS-US के सीनियर फेलो हैं.)


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