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इजरायल के तेल अवीव में ड्रोन अटैक, 14 लोग हुए घायल


सना:

यमन के हूती विद्रोहियों ने इजरायली शहर तेल अवीव में ड्रोन से हमला किया है. इस हमले में 14 लोगों के घायल होने की खबर है. नवंबर 2023 से, हूती ग्रुप ने इजरायली शहरों के खिलाफ रॉकेट और ड्रोन हमले कर रहा है और लाल सागर में ‘इजरायल से जुड़े’ जहाज को निशाना रहा है. हूती विद्रोहियों का कहना है कि वह यह ऑपरेशन इजरायली हमलों का सामना कर रहे गाजावासियों के साथ एकजुटता दिखाने के लिए कर रहा है.

हूती विद्रोहियों ने हाल ही में भी तेल अवीव में एक मिलिट्री टागरेट पर ड्रोन अटैक का दावा किया था. ग्रुप ने कहा था कि ड्रोन ने ‘अपना लक्ष्य’ सफलतापूर्वक हासिल कर लिया. हूती सैन्य प्रवक्ता याह्या सरिया ने गुरुवार को अल-मसीरा टीवी पर प्रसारित एक बयान में कहा था, ‘हम इजरायली दुश्मन के साथ एक लंबे युद्ध के लिए तैयार हैं.’ उन्होंने कहा, “जब तक गाजा पर इजरायली हमला बंद नहीं हो जाता, तब तक हमारे ऑपरेशन बंद नहीं होंगे.” बता दें अल-मसारी टीवी का संचालन हूती ग्रुप करता है.

समाचार एजेंसी सिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, इजरायल ने हूती ग्रुप के दावे पर अभी तक कोई टिप्पणी नहीं की है. इससे पहले दिन में इजरायल ने उत्तरी यमन में हूती ठिकानों के खिलाफ हवाई हमलों की एक श्रृंखला शुरू की थी. इसकी वजह राजधानी शहर सना में दो प्रमुख बिजली स्टेशन नष्ट हो गए थे. लाल सागर के बंदरगाह शहर होदेइदाह में आयातित ईंधन भंडारण पर बमबारी की गई.

इजरायल भी कर रहा है हमले

हूती ग्रुप ने कहा कि होदेइदाह के रास ईसा और अस-सलिफ बंदरगाहों पर तड़के हुए इजरायली हवाई हमलों में नौ लोगों की मौत गई जबकि तीन अन्य घायल हो गए. ये हमले हूती ग्रुप के लिए बड़ा झटका हैं. हूती रास ईसा और अस-सलिफ बंदरगाहों का इस्तेमाल ईंधन और खाना पकाने की गैस आयात करने और उन्हें अपने नियंत्रण वाले इलाकों में लोगों को बेचने के लिए करते हैं.

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इजरायली रक्षा बलों के प्रवक्ता डैनियल हगारी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर कहा कि इजरायली सेना ने ‘यमन में हूती सैन्य ठिकानों पर सटीक हमले’ किए हैं. यह हमला हूती विद्रोहियों की ओर से बुधवार रात को तेल अवीव में लंबी दूरी का रॉकेट दागे जाने के बाद हुआ.

यमन कई प्रांतों पर हूतियों का कब्जा

यमन 2014 से ही विनाशकारी संघर्ष में फंसा हुआ है. 21 सितंबर, 2014 को, हूती विद्रोहियों ने कई उत्तरी प्रांतों पर कब्जा कर लिया था. इसके बाद अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता प्राप्त यमनी सरकार को राजधानी सना से बाहर जाना पड़ा था. हूती ग्रुप का अब भी उत्तरी इलाकों के अधिकांश हिस्सों पर नियंत्रण कायम है. इसमें सना और रणनीतिक रूप से अहम लाल सागर बंदरगाह होदेइदाह शामिल हैं.

अप्रैल 2022 से राष्ट्रपति नेतृत्व परिषद के नेतृत्व में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता प्राप्त यमनी सरकार मुख्य रूप से दक्षिणी और पूर्वी क्षेत्रों को नियंत्रित करती है और अदन को अस्थायी राजधानी का दर्जा दिया गया है.


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