"17वीं लोकसभा ने वो हासिल किया जिसका पीढ़ियों को इंतजार था" : PM मोदी ने संसद में कहा

पीएम नरेंद्र मोदी ने 17वीं लोकसभा की अंतिम बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि, एक प्रकार से आज का ये दिवस हम सबकी उन 5 वर्ष की वैचारिक यात्रा का, राष्ट्र को समर्पित समय का और देश को एक बार फिर से अपने संकल्पों को राष्ट्र के चरणों में समर्पित करने का अवसर है. यह पांच वर्ष…देश में रिफॉर्म, परफॉर्म और ट्रांसफॉर्म के रहे हैं. आज का यह दिवस लोकतंत्र की एक महान परंपरा का महत्वपूर्ण दिवस है. 17वीं लोकसभा ने 5 वर्ष देश सेवा में अनेक महत्वपूर्ण निर्णय किए गए और अनेक चुनौतियों का सामना करते हुए भी सबने अपने सामर्थ्य से देश को उचित दिशा देने का प्रयास किया.
पीएम मोदी ने कहा कि, पहले आतंकवाद नासुर बनकर देश के सीने पर गोलियां चलाते रहता था. मां भारती की धरा आए दिन रक्तरंजित हो जाती थी. देश के अनेक वीर आतंकवाद के कारण बलि चढ़ जाते थे. आजादी के बाद 75 वर्षों तक हमारी न्याय व्यवस्था अंग्रेजों के बनाए नियमों से तय होती रही. लेकिन अब हमारी आने वाली पीढ़ियां गर्व से कहेंगी कि हम उस समाज में रहते हैं जो ‘दंड-संहिता’ नहीं बल्कि न्याय संहिता को मानता है.
पीएम मोदी ने कहा कि, अनेक पीढ़ियों ने एक संविधान के लिए सपना देखा था, लेकिन हर पल संविधान में एक दरार दिखाई देती थी, एक खाई नजर आती थी, एक रुकावट चुभती थी. लेकिन इसी सदन ने अनुच्छेद 370 हटाया, जिससे संविधान के पूर्ण रूप का, पूर्ण प्रकाश के साथ प्रकटीकरण हुआ.
प्रधानमंत्री ने कहा कि, संसद की लाइब्रेरी के दरवाजे आपने (सभापति जी) सामान्य व्यक्ति के लिए खोल दिए. ज्ञान का ये खजाना, परंपराओं की ये विरासत आपने जनसामान्य के लिए खोलकर बहुत बड़ी सेवा की है. इसके लिए मैं आपका आभार व्यक्त करता हूं.
पीएम मोदी ने कहा कि, देश को जो नया संसद भवन प्राप्त हुआ है, इस नए भवन में एक विरासत का अंश और आजादी के पहले पल को जीवंत रखने का… सेंगोल को स्थापित करने का काम किया. इसको सेरेमोनियल बनाने का बहुत बड़ा काम आपके (अध्यक्ष) नेतृत्व में हुआ है. जो भारत की आने वाली पीढ़ियों को हमेशा-हमेशा उस आजादी के पल से जोड़ कर रखेगा.
उन्होंने कहा कि, मैं ‘पेपरलेस संसद’ के संचालन के लिए प्रौद्योगिकी के उपयोग की शुरुआत करने के लिए अध्यक्ष का आभारी हूं. यह आपकी विशेषज्ञता और सम्मानित सदस्यों की इच्छा है जिसके परिणामस्वरूप 17वीं लोकसभा के दौरान 97 प्रतिशत उत्पादकता रही है.
पीएम मोदी ने कहा कि, कोविड के चुनौतीपूर्ण समय को याद करते हुए, मैं संसद सदस्यों के प्रति अपना आभार व्यक्त करना चाहता हूं जिन्होंने जरूरत के समय बिना सोचे अपना विशेषाधिकार छोड़ने का फैसला किया. भारत के नागरिकों को प्रेरित करने के लिए माननीय सदस्यों ने अपने-अपने वेतन और भत्ते में 30 प्रतिशत की कटौती करने का निर्णय लिया.
उन्होंने कहा कि, मैं माननीय सांसदों का भी इस बात के लिए आभार व्यक्त करता हूं कि संकट काल में देश की आवश्यकताओं को देखते हुए सांसद निधि छोड़ने का प्रस्ताव जब मैंने माननीय सांसदों के सामने रखा, तो एक पल के विलंब के बिना सभी सांसदों ने इस प्रस्ताव को मान लिया.