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1984 हिंसा: सुप्रीम कोर्ट का केंद्र और दिल्ली सरकार को निर्देश, पिछले आदेश का करें पालन


नई दिल्ली:

सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र और दिल्ली सरकार से 1984 सिख विरोधी हिंसा के दौरान हत्या के मामलों में बरी किए जाने के खिलाफ अपील दायर करने के पिछले आदेश का पालन करने को कहा है. सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली हाईकोर्ट की रजिस्ट्री को लंबित मामलों पर प्रगति रिपोर्ट दाखिल करने का भी निर्देश दिया है.

सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली हाईकोर्ट की रजिस्ट्री को 1984 सिख विरोधी हिंसा के हत्या के मामलों में हाईकोर्ट के समक्ष लंबित चार स्वत: संज्ञान  संशोधन याचिकाओं पर प्रगति रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया.

जस्टिस अभय एस ओक और जस्टिस उज्जल भुइयां की पीठ ने केंद्र और दिल्ली सरकार को उन मामलों में बरी किए जाने के खिलाफ याचिका दायर करने का भी निर्देश दिया, जिन्हें पहले दिल्ली हाईकोर्ट ने खारिज कर दिया था. कोर्ट ने मामले की अगली सुनवाई इस साल 25 मार्च को तय की है.

अदालत 2016 में श्री गुरलाद सिंह कहलों द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें दिल्ली में 1984 के सिख विरोधी हिंसा के दौरान हुई 51 हत्याओं की जांच की मांग की गई है.

17 फरवरी को पिछली सुनवाई में, सुप्रीम कोर्ट ने निर्देश दिया था कि दायर की जाने वाली अपीलों को वर्तमान याचिका के साथ को टैग करने के निर्देश के लिए भारत के मुख्य न्यायाधीश के समक्ष रखा जाएगा.


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