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जम्मू-कश्मीर में चल रही मुठभेड़ में गलती से फंसे 2 ट्रेकर, 100 नंबर पर किया कॉल और फिर…


श्रीनगर:

रविवार को श्रीनगर के पास जबरवान में आतंकवादियों और सुरक्षा बलों के बीच हुई मुठभेड़ में दो ट्रेकर्स भी पकड़े गए थे. जानकारी के मुताबिक दोनों ने 100 नंबर डायल किया था और पुलिस को अपनी सूचना दी थी, जिसके बाद उन्हें बचाया गया था. इसके बाद कश्मीरी पुलिस ने ट्रेकर्स से कहा कि वो अपने रूट के बारे में पुलिस को पहले से जानकारी दें. कश्मीर पुलिस प्रमुख विधि कुमार बिरदी ने कहा, “ट्रैकर्स और एडवेंचर के शौकीन लोगों को अपना ट्रिप प्लान और संभावित रास्तों के बारे में करीबी पुलिस स्टेशन को जानकारी देनी चाहिए. खासकर उन हिस्सों में जहां अभियान हो सकता है. यह प्रोटोकॉल सुनिश्चित करता है कि अचानक होने वाली घटनाएं होने पर हम उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए तेजी से कार्रवाई कर सकें.”

आतंकवादियों के होने की सूचना पर शुरू हुई थी मुठभेड़

पुलिस और सुरक्षाबलों ने जबरवान वन क्षेत्र में आतंकवादियों के होने की सूचना के आधार पर ऑपरेशन शुरू किया है. एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा, अच्छी बात ये थी कि दोनों में एस को आइडिया था और उसने 100 नंबर पर कॉल कर दिया. पुलिस कंट्रोल रूम ने सीनियर ऑफिसर को जानकारी दी और दोनों को बाहर निकालने के लिए रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया. 

वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कही ये बात

एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा, “ड्यूटी पर तैनात अधिकारियों तक सूचना पहुंचाने में पीसीआर के कॉर्डीनेशन से संभावित त्रासदी को रोकने में मदद मिली.” कश्मीर पुलिस चीफ ने कहा, “हम सभी को – स्थानीय लोगों, टूरिस्ट और विशेष रूप से ट्रेकर्स को – हेल्पलाइन सेवाओं का इस्तेमाल करने के लिए प्रोत्साहित करते हैं, जिसमें 100 डायल करना या सीधे पुलिस स्टेशनों से संपर्क करना शामिल है, अगर उन्हें किसी भी ऐसी स्थिति का सामना करना पड़ता है जिसमें तत्काल हस्तक्षेप की आवश्यकता होती है. इस तरह, पुलिस चल रहे ऑपरेशनों के साथ समन्वय करते हुए कॉर्डीनेशन के साथ सहायता सुनिश्चित कर सकती है.”

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सर्दियों में घाटी में ट्रेक करने आते हैं टूरिस्ट

सर्दियों का मौसम घाटी में ट्रैकिंग के लिए अच्छा माना जाता है. दुनिया भर से टूरिस्ट ट्रैकिंग और स्कीइंग के लिए कश्मीर आते हैं. ट्रेक आयोजित करने वाले लोगों के अनुसार, कई ट्रेकर्स अकेले ही बाहर निकल जाते हैं और कई बार मुसीबत में पड़ जाते हैं. एक अधिकारी ने कहा, “ऊपरी इलाकों में ऑपरेशन चल रहा हो सकता है. तब यह सुरक्षा के लिए खतरा बन जाता है.”



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