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27515 kg विस्फोटक, 100 लोग : कुछ ऐसे रिकॉर्ड समय में बनी बुलेट ट्रेन की 394 मीटर लंबी सुरंग

भारत की बुलेट ट्रेन (Bullet Train) अहमदाबाद से मुंबई के बीच चलेगी. इस प्रोजेक्ट के पहले फेज का काम तेजी से जारी है. इसमें 100 किमी का पुल तैयार हो चुका है. 250 किमी तक पिलर खड़े किए जा चुके हैं. रिकॉर्ड 6 महीने के अंदर नवी मुंबई में 394 मीटर लंबी सुरंग के लिए खुदाई का काम पूरा हो चुका है. नेशनल हाई स्पीड रेल कॉर्पोरेशन लिमिटेड के अधिकारियों ने बताया कि घनसोली में अतिरिक्त संचालित मध्यवर्ती सुरंग (Additional Driven Intermediate Tunnel-ADIT) के पूरा होने से महाराष्ट्र में बांद्रा-कुर्ला कॉम्प्लेक्स और शिलफाटा के बीच 21 किलोमीटर लंबी सुरंग के निर्माण में तेजी आएगी. 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और जापानी पीएम शिंजो आबे ने 14 सितंबर 2017 को अहमदाबाद में इस प्रोजेक्ट की शुरुआत की थी. इस प्रोजेक्ट का नाम मुंबई-अहमदाबाद हाई-स्पीड रेल कॉरिडोर रखा गया है. बुलेट ट्रेन के लिए सुरंग की खुदाई का काम 6 दिसंबर 2023 को शुरू हुआ था.

508 किमी का सफर 3 घंटे में होगा पूरा
मुंबई-अहमदाबाद के बीच चलने वाली बुलेट ट्रेन 508 किमी का सफर तीन घंटे में तय करेगी. अभी मुंबई-अहमदाबाद के बीच नॉर्मल ट्रेन से दूरी 7-8 घंटे की है. अगर 4 स्टेशनों मुंबई, अहमदाबाद, सूरत और वडोदरा पर रुकेगी, तो दो घंटे में सफर पूरा कर लेगी. ऐसे में औसत रफ्तार 254 किमी/घंटा होगी.

खुदाई के लिए 27515 किलो एक्सप्लोजन का हुआ इस्तेमाल
नेशनल हाई स्पीड रेल कॉर्पोरेशन लिमिटेड के अधिकारियों ने जानकारी दी कि ADIT 26 मीटर तक झुकी हुई है. इसे बनाने के लिए 27515 किलो एक्सप्लोजन का इस्तेमाल हुआ. 214 बार विस्फोट कर टनल तैयार किया गया. इसके लिए नॉन इलेक्ट्रिक डेटोनेटर्स भी इस्तेमाल किए गए. इस दौरान आग लगने की आशंकाओं से बचने के लिए नॉन इलेक्ट्रिक डिवाइस लगाए गए थे. स्टाफ और वर्कर मिलाकर कुल 100 लोग साइट पर काम कर रहे हैं. प्रोजेक्ट में कुल 21 किलोमीटर लंबी सुरंग बननी है. इसमें 16 किलोमीटर की खुदाई बोरिंग मशीनों से होगी. 5 किलोमीटर सुरंग न्यू ऑस्ट्रियन टनलिंग से बनेगी.

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समुद्र के नीचे से गुजरेगा सुरंग का 7 किमी हिस्सा
इस सुरंग का करीब 7 किलोमीटर हिस्सा ठाणे क्रीक में समुद्र के नीचे से गुजरेगा. मौजूदा समय में बीकेसी, विक्रोली और घनसोली के पास सावली में 3 शाफ्ट निर्माणाधीन हैं. ये शाफ्ट टनल बोरिंग मशीनों (TBM) का इस्तेमाल करके 16 किलोमीटर लंबी सुरंग बनाने में मदद करेंगे.

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320 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़ने वाली बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट को 2028 तक पूरा करने का टारगेट रखा गया है. हालांकि, रेलमंत्री अश्विनी वैष्णव 2026 तक पहले फेज की सौगात का वादा कर चुके हैं. 

फुल स्पैन बॉक्स गर्डर्स और सेगमेंट गर्डर्स का काम भी पूरा
नेशनल हाई-स्पीड रेल कॉर्पोरेशन लिमिटेड ( NHSRCL) के मुताबिक, बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट के तहत 40 मीटर लंबे फुल स्पैन बॉक्स गर्डर्स और सेगमेंट गर्डर्स को जोड़कर 100 किमी तक वायडक्ट (Viaduct) का निर्माण किया जा चुका है. वायडक्ट एक पुल जैसा स्ट्रक्चर होता है, जो दो पिलर को आपस में जोड़ता है.
 

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बुलेट ट्रेन के रूट पर होंगे 12 स्टेशन
बुलेट ट्रेन के रूट पर 12 स्टेशन होंगे. इनके नाम मुंबई, ठाणे, विरार, भोइसर, वापी, बिलिमोरा, सूरत, भरूच, वड़ोदरा, आणंद, अहमदाबाद और साबरमती हैं. मुंबई स्टेशन अंडरग्राउंड होगा. बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट की लागत 1.08 लाख करोड़ रुपये है. 

रोजाना लगाएंगी 70 फेरे 
प्रोजेक्ट की शुरुआत में ये ट्रेनें रोजाना 70 फेरे लगाएंगी. एक बुलेट ट्रेन में 750 लोग बैठ सकेंगे. बाद में 1200 लोगों के लिए 16 कोच हो जाएंगे. 

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