देश

"3 साल की जेल और 1 लाख जुर्माना", रश्मिका मंदाना के डीपफेक वीडियो के बाद केंद्र ने याद दिलाया कानून

सरकार ने सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम, 2000 की धारा 66 डी का हवाला दिया है. ये धारा कंप्यूटर संसाधन का उपयोग कर धोखाधड़ी के लिए सजा से संबंधित है. इसके मुताबिक, “जो कोई भी किसी संचार उपकरण या कंप्यूटर संसाधन का उपयोग करके धोखाधड़ी करता है, उसे दंडित किया जाएगा. उसे किसी एक अवधि के लिए कारावास से दंडित किया जाएगा, जिसे तीन साल तक बढ़ाया जा सकता है और जुर्माना भी लगाया जा सकता है. ये एक लाख रुपये तक बढ़ सकता है.”

सरकार की ये सलाह उस वायरल वीडियो पर चिंता के बीच आई है, जिसमें रश्मिका मंदाना को एक लिफ्ट में प्रवेश करते हुए दिखाया गया है. क्लिप के ट्रेंड होने के तुरंत बाद, ये पाया गया कि ये वास्तव में ब्रिटिश-भारतीय प्रभावशाली ज़ारा पटेल का वीडियो था. डीपफेक तकनीक का उपयोग करके दृश्यों के साथ छेड़छाड़ की गई और परिणाम हैरान करने वाला था. जारा पटेल का चेहरा रश्मिका मंदाना के साथ बदल दिया गया था.

इस रहस्योद्घाटन ने इस तरह की छेड़छाड़ के प्रभाव पर चिंताएं पैदा कर दीं, खासकर सार्वजनिक हस्तियों के लिए, जो ऐसे वीडियो को लेकर परेशानी में पड़ सकते हैं, जिनके साथ उनके चेहरे के साथ छेड़छाड़ की गई है.

ये वाकया बेहद डरावना- रश्मिका मंदाना

रश्मिका मंदाना ने कहा, “ये वाकया बेहद डरावना है. मुझे इसे साझा करते हुए वास्तव में दुख हो रहा है और मुझे ऑनलाइन फैलाए जा रहे मेरे डीपफेक वीडियो के बारे में बात करनी पड़ रही है. ईमानदारी से कहूं तो ऐसा कुछ न केवल मेरे लिए, बल्कि हममें से हर किसी के लिए बेहद डरावना है, जो आज टेक्नालॉजी के दुरुपयोग के कारण बहुत अधिक नुकसान की चपेट में है.”

यह भी पढ़ें :-  कांवड़ रूट पर 'सुप्रीम' आदेश, कोर्ट ने आज क्‍या कहा 7 प्‍वाइंट में समझिए सार

अभिनेता अमिताभ बच्चन सहित फिल्म उद्योग में कई लोगों ने इस मामले को उठाया और कानूनी कार्रवाई की मांग की.

इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने कल कहा कि नरेंद्र मोदी सरकार लोगों के लिए सुरक्षा और विश्वास सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है.

सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म के लिए कानून

उन्होंने कहा, “अप्रैल, 2023 में अधिसूचित आईटी नियमों के तहत ये सुनिश्चित करना प्लेटफ़ॉर्म के लिए एक कानूनी दायित्व है कि किसी भी उपयोगकर्ता द्वारा कोई गलत सूचना पोस्ट न की जाए, ये सुनिश्चित करें कि किसी भी उपयोगकर्ता या सरकार द्वारा रिपोर्ट किए जाने पर, गलत सूचना को 36 घंटों में हटा दिया जाए. यदि प्लेटफ़ॉर्म अनुपालन नहीं करते हैं तो इसके साथ नियम 7 लागू होगा और आईपीसी के प्रावधानों के तहत पीड़ित व्यक्ति द्वारा प्लेटफार्मों को अदालत में ले जाया जा सकता है.”

मंत्री ने ट्वीट किया, “डीप फेक गलत सूचना का नवीनतम और उससे भी अधिक खतरनाक और हानिकारक रूप है और प्लेटफार्मों द्वारा इससे निपटने की जरूरत है.”

हालांकि, ये वीडियो अभी भी सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म पर देखा जा सकता है.

Rashmika Mandanna ने अपने वायरल डीपफेक वीडियो पर दिया है ये बड़ा बयान, IT मंत्री ने भी दी चेतावनी

Show More

संबंधित खबरें

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button