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कोच्चि के अस्पतालों में फ्लू जैसी बीमारियों से पीड़ित 30% लोग COVID-19 पॉजिटिव: विशेषज्ञ

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कोरोना का नया वेरिएंट ज्यादा संक्रमित-एक्सपर्ट

डब्ल्यूएचओ की पूर्व मुख्य वैज्ञानिक डॉ सौम्या स्वामीनाथन ने The Hindkeshariसे कहा कि कोविड को सामान्य सर्दी न मानने को लेकर आगाह किया है. जो लोग गंभीर रूप से बीमार हैं या लंबे समय से परेशानी झेल रहे हैं, ऐसे लोगों को ज्यादा जोखिम है.  इसकी वजह से दिल के दौरे, स्ट्रोक और मानसिक स्वास्थ्य जैसी समस्याओं से दो चार होना पड़ सकता है. 

हालांकि, दोनों विशेषज्ञों ने इस बात पर जोर दिया कि नया वेरिएंट अधिक संक्रामक है, लेकिन यह अस्पताल में भर्ती होने का कारण नहीं है. दरअसल भारत में कोरोना वैक्सीनेशन के बाद लोगों को नए वायरस से खतरा कम ही है. डॉ. स्वामीनाथन ने यह भी बताया कि भारत का हेल्थ सिस्टम 2020 में कोरोना की पहली लहर और 2021 में घातक डेल्टा लहर के समय से काफी दुरुस्त हो चुका है. देश कोरोना के बढ़ते मामलों पर काबू पाने के लिए तैयार है. डॉ. स्वामीनाथन ने लोगों को कोरोना को लेकर सावधानियां बरतने पर जोर दिया. उन्होंने बुजुर्गों और कमजोर प्रतिरक्षा वाले लोगों के लिए मास्क पहनना शुरू करने की जरूरत पर भी जोर दिया.

JN.1 वेरिएंट ने समुदाय में प्रवेश किया?

आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक, भारत में अब तक JN.1 सब-वेरिएंट के 21 मामले सामने आए हैं. गोवा में 19 और महाराष्ट्र और केरल में एक-एक मामला है. कोविड के फैलने पर, डॉ. जयदेवन, जिन्होंने नवंबर के बाद से मामलों में वृद्धि को दिखाते हुए एक्स पर एक चार्ट पोस्ट किया था, उन्होंने कहा, “पिछले एक महीने में, कोविड मामलों की संख्या बढ़ रही है. लेकिन, जैसा कि आप जानते हैं, परीक्षण हमारे देश में काफी धीमा है. कई जगह पर यह न के बराबर है. लेकिन अगर आप सितंबर, अक्टूबर, नवंबर और दिसंबर के ग्राफ पर मेरे द्वारा पोस्ट किए गए आंकड़ों को देखें, तो नवंबर में इसमें तेज वृद्धि हुई है. “

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डॉक्टर ने कहा कि नवंबर से पहले, इन्फ्लूएंजा जैसी बीमारियों का लगभग 1% ही कोविड पॉजिटिव में कनवर्ट होता था. लेकिन, नवंबर के बाद से, हमारे पास यह आंकड़ा लगभग 9% है. दिसंबर में, कल रात हुई बैठक के बाद, यह 30% था. और यह डेटा (कोच्चि) क्षेत्र के कई अस्पतालों से सामने आया है. इससे पता चलता है कि जिसे हम इन्फ्लूएंजा जैसी बीमारी कहते हैं, उसमें कोविड का बड़ा योगदान है, जिसका मूल रूप से मतलब श्वसन समस्याएं, सांस लेने में तकलीफ, खांसी, बुखार और शरीर में दर्द जैसी चीजें हैं.” 

हर नया वेरिएंट ज्यादा खतरनाक-सौम्या स्वामीनाथन

जब डॉ. सौम्या स्वामीनाथन से पूछा गया कि कोच्चि के अस्पतालों में निमोनिया के 30% मामले कोविड पॉजिटिव निकल रहे हैं और भारत के अन्य हिस्सों में भी इसके बढ़ने की संभावना है, तो उन्होंने कहा, “आपकी तरह हम भी पिछले चार सालों में कई बार इससे गुजर चुके हैं.”  हम एक नया वेरिएंट जेएन.1 देख रहे हैं, जो ओमीक्रॉन का एक सब वेरिएंट है. इसलिए उम्मीद है कि यह ओमीक्रॉन की तरह ही होगा, जो पहले की तुलना में हल्का था. लेकिन हर नया वेरिएंट ज्यादा संक्रमित होता है.  हमारे सिस्टम में पहले से मौजूद एंटीबॉडी प्रतिक्रियाओं से बचने में सक्षम है.

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