2009 से 2014 के बीच अमेरिका में अवैध रूप से रह रहे 3766 भारतीय किए गए डिपोर्ट
नई दिल्ली:
अमेरिका से भेजे गए अवैध भारतीय प्रवासियों को जंजीर लगाए जाने का मामला तूल पकड़ता दिख रहा है. इसे लेकर अब सिसायत भी शुरू हो गई है. विपक्षी दल इस मुद्दे पर सरकार की घेराबंदी करने की कोशिश कर रहे हैं. इन सब के बीच विदेश मंत्री एस जयशंकर ने इस मुद्दे पर गुरुवार को राज्यसभा में बयान दिया. उन्होंने कहा कि भारत सरकार अमेरिकी सरकार से लगातार संपर्क में है ताकि वापस भेजे जा रहे भारतीयों से बदसलूकी ना हो. और उन्हें बुनियादी सुविधाएं मिलें. आपको बता दें कि अमेरिका से 104 अवैध भारतीय प्रवासियों को लेकर एक विमान बुधवार को अमृतसर एयरपोर्ट पर लैंड हुआ था.
आज तक कितने लोगों को अमेरिका से किया गया डिपोर्ट
कब कब भेजे गए लोग | कितनी थी संख्या |
2009 | 734 |
2010 | 799 |
2011 | 597 |
2012 | 530 |
2013 | 550 |
2014 | 591 |
2015 | 708 |
2016 | 1303 |
2017 | 1024 |
2018 | 1180 |
2019 | 2042 |
2020 | 1889 |
2021 | 805 |
2022 | 862 |
2024 | 1368 |
2025 | 104 |
ऐसे में सवाल ये है कि क्या अमेरिका में भारतीयों के खिलाफ कोई मुहिम चल रही है, जिसे रोकने में सरकार नाकाम रही है? इसका जवाब है, नहीं. ट्रंप सरकार एक व्यापक नीति के तहत अमेरिका में रह रहे अवैध प्रवासियों को उनके देश भेज रही है.ऐसा नहीं है कि सिर्फ भारतीयों को ही निशाना बनाया जा रहा है. अब एक और सवाल ये खड़ा होता है कि क्या ये पहली बार हो रहा है? तो इसका जवाब है, नहीं. मौजूदा सरकार से पहले भी अमेरिका से अवैध भारतीय वापस भेजे गए.और इस तरीके से भी भेजे गए.
असलियत ये है कि 2009 से 2014 के बीच अमेरिका में अवैध रूप से रह रहे 3766 भारतीयों को वापस भेजा गया. इसकी जानकारी खुद विदेश मंत्री ने संसद में दी. भारतीयों को जंजीरों में जकड़े जाने का वीडियो देखने के बाद अगर आपको लग रहा है कि ऐसा पहली बार किया गया है, तो आप गलत हैं. सच्चाई ये है कि अवैध भारतीय प्रवासियों को 2012 से ही ऐसे ही भेजा जा रहा है. दरअसल 2012 में यूएस इमिग्रेशन और कस्टम्स एनफोर्समेंट ने SOP बनाई, जिसके तहत अवैध प्रवासियों को ऐसे ही उनके देश भेजा जाता है.हालांकि, महिलाओं बच्चों को नहीं बांधा जाता.
2011 में भी हुई थी ऐसी ही कार्रवाई
आज कांग्रेस भले इस मुद्दे पर मुखर है लेकिन 2011 में घटी एक घटना को याद करेंगे तो आपको भी ताजुज्ब होगा. 2011 में कैलिफोर्निया की ट्रि वैली यूनिवर्सिटी स्कैम का पर्दाफाश हुआ था. उस दौरान पता चला कि इस यूनिवर्सिटी में पढ़ाई के नाम पर फर्जीवाड़ा हो रहा था. नतीजतन अमेरिकी प्रशासन ने कई भारतीय स्टूडेंट से पूछताछ की,उन्हें हथकड़ियां लगाईं और जेल में डाल दिया. कई को तो रेडियो टैग भी लगाया गया. इन स्टूडेंट का करियर खराब हुआ ये अलग.आरोप है कि तब कि कांग्रेस नेतृत्व वाली सरकार ने इन भारतीयों की मदद के लिए कुछ नहीं किया.
दूसरी तरफ इसी कांग्रेस की सरकार ने अवैध बांग्लादेशियों को उनके देश वापस भेजने के बारे में कुछ नहीं किया.आरोप तो यहां तक लगते हैं कि वोट बैंक के लिए बांग्लादेशियों को यहां बसाया और बसे रहने दिया. जाहिर है कि इस मामले पर राजनीति कर रहे विपक्ष को वापस भेजे जा रहे प्रवासियों की चिंता कम और अपनी राजनीति चमकाने की फिकर ज्यादा लग रही है.