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BJP के लिए पूरब से खुल रहा 400 पार का द्वार? The Hindkeshariसे एक्सक्लूसिव इंटरव्यू में PM मोदी के इस जोश के मायने समझिए

नई दिल्ली:

लोकसभा चुनाव 2024 (Lok sabha election 2024) को लेकर तीन चरण के मतदान संपन्न हो गए है. सोमवार को चौथे चरण के लिए वोट डाले जाएंगे. 284 सीटों पर उम्मीदवारों के भाग्य किस्मत में बंद हो चुके हैं. पटना में रविवार को पीएम मोदी ने एक रोड शो किया. इस रोड शो में उनके साथ बिहार के सीएम नीतीश कुमार भी थे. प्रधानमंत्री ने The Hindkeshariके साथ बात करते हुए दावा किया कि इस बार एनडीए की आंधी चल रही है. साथ ही उन्होंने कहा कि पूर्वी भारत के राज्यों में पिछले चुनाव की तुलना में इस बार बड़ी सफलता बीजेपी को मिलेगी. 

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पीएम मोदी को पूर्वी राज्यों से क्यों है उम्मीद?

पिछले 10 साल में केंद्र की भारतीय जनता पार्टी की सरकार ने पूर्वी और पूर्वोत्तर भारत के राज्यों के लिए कई योजनाओं पर काम किया है. पूर्वी राज्य पश्चिम बंगाल, ओडिशा, बिहार एवं झारखंड को लेकर भी बीजेपी की तरफ से बड़ी तैयारी की गयी है. बिहार में एनडीए में नीतीश कुमार की वापसी हुई वहीं झारखंड बीजेपी का पुराना गढ़ रहा है. हालांकि झारखंड में पिछले विधानसभा चुनाव में हार के बाद बीजेपी ने अपने पुराने दिग्गज नेता बाबूलाल मरांडी की वापसी करवाकर पार्टी को मजबूती दी है. बंगाल में बीजेपी पिछले एक दशक से लगातार ग्राउंड जीरो पर काम करती रही है. ओडिशा में बीजेपी के पास अभी 8 सांसद हैं और बीजेपी की तरफ से इसे बढ़ाने के लिए जद्दोजहद जारी है. 

पूर्वी राज्यों का क्या है समीकरण? 

बिहार, झारखंड, बंगाल और ओडिशा की अगर बात करें तो इन राज्यों में लोकसभा की कुल 117 सीटें हैं. पिछले लोकसभा चुनाव में एनडीए को 77 सीटों पर सफलता मिली थी. बिहार की 40 में से 39 सीटों पर एनडीए को जीत मिली थी. झारखंड की 14 में से 12 सीटों पर एनडीए को जीत मिली थी. बंगाल की 42 में से 18 सीटों पर बीजेपी को जीत मिली थी. ओडिशा की 21 सीटों में से बीजेपी को 8 सीटों पर जीत मिली थी. इन 4 राज्यों में अभी भी ऐसी 40 सीटें हैं जहां बीजेपी को पिछले चुनाव में जीत नहीं मिली थी. एनडीए के मिशन 400 को लेकर बीजेपी इन क्षेत्रों में विस्तार चाहती है. 

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किस राज्य में कितनी सीटें बढ़ाने का है लक्ष्य

भारतीय जनता पार्टी और एनडीए की तरफ से बिहार की सभी 40 सीटों पर जीत का लक्ष्य है ऐसे में बिहार में एनडीए एक सीट बढ़ाने के लक्ष्य पर काम कर रही है. वहीं अगर बात झारखंड की करें तो 14 में से 12 सीटें एनडीए के पास है. एनडीए की कोशिश सभी 14 सीटों पर जीतने की है. एनडीए 2 सीट झारखंड में बढ़ाना चाहती है. बंगाल की 42 में से 18 सीटों पर पिछले चुनाव में जीत मिली थी. इस बार के चुनाव में 35 सीटों का लक्ष्य एनडीए ने रखा है. अर्थात एनडीए 17 सीटों को बढ़ाने के लक्ष्य पर काम कर रही है. ओडिशा में भी बीजेपी का मिशन 15 सीट है. ऐसे में ओडिशा से भी 7 सीटों की बढ़ोतरी की उम्मीद बीजेपी कर रही है. इन राज्यों में पिछले चुनाव की तुलना में 27 अधिक सीटों पर जीत के लक्ष्य के साथ एनडीए काम कर रही है. 

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पूरब बीजेपी के लिए क्यो है अधिक महत्वपूर्ण? 

पश्चिम के राज्य गुजरात, महाराष्ट्र और गोवा में बीजेपी पहले से ही शानदार प्रदर्शन कर चुकी है. इन राज्यों में बीजेपी की कोशिश पिछले चुनाव परिणाम को दोहराने की है. वहीं इन पूर्वी राज्यों में बीजेपी के पास यह संभावनाएं है कि पश्चिम के राज्यों में होने वाले किसी भी तरह के नुकसान की भरपाई करते हुए मिशन 400 के लिए कुछ अधिक सीटें निकाल लिया जाए.

उत्तर भारत में भी पिछले चुनाव की तुलना में बढ़त की है कम संभावना

उत्तर भारत के राज्यों की अगर बात की जाती है तो मुख्यरूप से हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, हरियाणा, पंजाब, राजस्थान, उत्तर प्रदेश और केंद्र शासित प्रदेश जम्मू कश्मीर की बात होती है. इन राज्यों में या तो बीजेपी पूरी सीट जीत चुकी है या बहुत कम संभावना है कि कुछ सीटों की बढोतरी हो पाए. ऐसे में पीएम मोदी के लिए अपने लक्ष्य तक पहुंचने के लिए पूर्वी राज्य बेहद महत्वपूर्ण हो जाते हैं. 

 

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