झारखंड में इंडिया अलायंस की जीत के 5 महत्वपूर्ण कारण
नई दिल्ली:
Jharkhand election results: झारखंड चुनाव में वोटों की गिनती जारी है. इसमें इंडिया अलायंस का शानदार प्रदर्शन दिखने लगा है. गठबंधन ने एंटी इनकंबेंसी का किनारे कर दिया है और जीत की ओर बढ़ रही है. बीजेपी और एनडीए को यहां पर झटका लगता दिखाई दे रहा है. दिख रहा है कि जेएमएम के नेतृत्व में अलायंस सत्ता में वापसी कर रहा है. इससे यह भी कहा जा सकता है कि राज्य में हेमंत सोरेन सरकार के काम को जनता ने स्वीकार किया है और अपना आशीर्वाद दिया है.
राज्य में इंडिया अलायंस की जीत के 5 कारण कौन से हैं.
पहला कारण
झारखंड में मुख्यमंत्री रहते हुए हेमंत सोरेन को गिरफ्तार किया गया था. उन्होंने इस्तीफा देकर चंपई सोरेन को सीएम बनाया था. उनके जेल जाने से लोगों में गुस्सा था और लोग इसे बीजेपी की राजनीतिक चाल के रूप में देख रहे थे. हेमंत सोरेना के जेल जाने से बीजेपी को नुकसान हुआ और आदिवासी वोटों के लिए जो बीजेपी ने चाल चली थी वह कामयाब होती नहीं दिख रही है.
दूसरा कारण
राज्य में बीजेपी ने प्रयास किया कि आदिवासी वोटों को एकत्र करने के लिए मुस्लिम वोटों से अलग कर पार्टी अपने पाले में कर ले, लेकिन ऐसा नहीं हो पाया. जेएमएम ने बीजेपी के इस कार्ड को फेल कर दिया. बीजेपी के हिंदू वोटों के ध्रुवीकरण की कोशिश को कामयाब नहीं होने दिया. राज्य में मुस्लिम वोटों का एक साथ इंडिया अलायंस के पक्ष में जाने की बात कही जा रही है. कुल मिलाकर बीजेपी के स्टैंड से मुस्लिम वोटों का ध्रुवीकरण हुआ. गौरतलब है कि आदिवासी वोटों को गोलबंद करने के लिए बीजेपी ने बांग्लादेशी घुसपैठ का मुद्दा उठाया था.
तीसरा कारण
झारखंड में आदिवासी वोट काफी अहम रहा है. झारखंड विधानसभा की कुल 81 में से अनुसूचित जनजाति (ST) और अनुसूचित जाति (SC) की 26 सीटें हैं. आरक्षित सीटों पर इस बार 77 प्रतिशत तक वोट पड़े थे. अब तक के चुनावों में मतदान का यह रिकार्ड था. जिन 26 आरक्षित सीटों पर मतदान हुआ, उनमें झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) के नेतृत्व वाले इंडिया ब्लाक के पास 21 सीटें थीं. सिर्फ पांच सीटें ही एनडीए के पास थीं. इस बार जेएमएम ने अच्छा प्रदर्शन किया है.
चौथा कारण
इंडिया अलायंस की जीत के पीछे हेमंत सोरेन की योजनाओं को भी कारण बताया जा रहा है. हेमंत सोरेन सरकार द्वारा शुरू की गई मईयां सम्मान योजना लोगों को काफी पसंद आई. बता दें कि राज्य सरकार ने तीन महीने पहले ही 18 से 50 साल की महिलाओं के लिए मईयां सम्मान योजना की शुरुआत की थी. इसके तहत महिलाओं के खाते में राज्य सरकार हर महीने हजार रुपये डाल रही है. ये सम्मान राशि लेने वाली महिलाओं की संख्या 49 लाख के करीब बताई जा रही है. इस सम्मान राशि को हेमंत सोरेन ने दिसंबर से 2500 रुपए करने का वादा भी किया है. हालांकि भाजपा ने भी सरकार बनने पर हर महीने महिलाओं को गोगो दीदी योजना के तहत 2100 रुपए देने का वादा किया है. लेकिन, परिणाम बता रहे हैं कि सोरेन ने बाजी मार ली है. कल्पना सोरेन ने भी इस बार चुनाव में काफी मेहनत की और लोगों के बीच अपनी अलग पहचान बनाई.
पांचवां कारण
हेमंत सोरेन सरकार की योजनाओं का लाभ लेने वाली महिलाओं और उनके परिवार की ओर से सरकार को पूरा समर्थन दिया गया है. राज्य की 49 लाख महिलाओं ने राज्य की योजना का लाभ उठाया था. इसका असर सीधा वोटों पर दिखाई दिया है. इससे साफ है कि राज्य की महिलाओं ने सरकार का साथ दिया है.