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यूक्रेन की धरती में छिपे 5 अनमोल ‘रत्न’ जिसको पाना चाहता है अमेरिका


नई दिल्ली:

यूक्रेन की जमीं में दबे पड़े खनिज अचानक से खबरों में हैं. रूस-यूक्रेन युद्ध और उसमें अमेरिकी फैक्टर के बीच इन खनिजों की चर्चा जोरों पर है. यूक्रेन अमेरिका के साथ एक बड़े डील के लिए सहमत हो गया है. इसके बाद यूक्रेन के खनिज भंडार तक अमेरिका को पहुंच मिल जाएगी. इसमें जिन खनिजों की सबसे अधिक बात हो रही है उन्हें हम दुर्लभ खनिज के रूप में जानते हैं. इन्हें रेयर अर्थ मेटल्स कहते हैं.

यूक्रेन का अनुमान है कि दुनिया के लगभग 5% “महत्वपूर्ण कच्चा माल” (क्रिटिकल रॉ मटेरियल) उसके पास है. यूरोपीय यूनियन के अनुसार क्रिटिकल रॉ मटेरियल (CMR) वे कच्चे माल हैं जो यूरोपीय अर्थव्यवस्था के लिए आर्थिक और रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण हैं, लेकिन उनकी सप्लाई के साथ उच्च जोखिम जुड़ा हुआ है.

चलिए आपको रेयर अर्थ मेटल्स सहित उन 5 खनिजों से रूबरू कराते हैं जो यूक्रेन में पाए जाते हैं. साथ ही हम आपको बताएंगे कि ये खनिज इतने अहम क्यों हैं.

1. टाइटेनियम

यूक्रेन टाइटेनियम के प्रमाणित भंडार के मामले में टॉप 10 देशों शुमार है और वैश्विक उत्पादन में 6-7% हिस्सा रखता है. रूस के हमले से पहले, यूक्रेन अमेरिका के लिए सैन्य क्षेत्र में टाइटेनियम का एक प्रमुख सप्लायर था. अगर बात करें चीन की तो वह दुनिया का सबसे बड़ा टाइटेनियम उत्पादक देश है. अन्य बड़े सप्लायर देशों में रूस, मोजाम्बिक, ऑस्ट्रेलिया और कनाडा शामिल हैं.

  • इस मेटल की सबसे बड़ी खासियत है कि इसमें वजन के अनुपात में उसकी ताकत बहुत अधिक होती है. साथ ही यह उच्च तापमान को सहने की शक्ति होती है. 
  • इन दो वजहों से इसकी भूमिका एयरोस्पेस में बहुत अहम हो जाती है. F-35 फाइटर जेट के हेड से लेकर इंजन तक बनाने में इसका इस्तेमाल होता है.
  • इसे लाइटवेट मेटल कहा जाता है और पावर स्टेशन में भी यह बड़े स्तर पर इस्तेमाल किया जाता है.
  • ऑर्थोपेडिक इंप्लांट के साथ-साथ सनस्क्रीन, पेंट और कॉस्मेटिक्स में एक एडहेसिव (बांधकर रखने के लिए) के रूप में काम करता है.
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2. ग्रेफाइट

यूक्रेन के पास ग्रेफाइट के 19 मिलियन टन प्रमाणित भंडार हैं. वहां की सरकारी भूवैज्ञानिक सर्वे एजेंसी का कहना है कि यूक्रेन ग्रेफाइट की स्पलाई में “शीर्ष पांच अग्रणी देशों में से एक” है. वहीं दूसरी तरफ चीन ग्रेफाइट उत्पादन में सबसे उपर है. चीन ग्लोबल सप्लाई में 75% से अधिक का योगदान देता है, और सबसे बड़ा भंडार भी रखता है.

  • ग्रेफाइट का उपयोग इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए बैटरी बनाने में किया जाता है.
  • इसका उपयोग न्यूक्लियर रिएक्टर का कोर बनाने के लिए होता है.
  • उच्च तापीय और विद्युत चालकता/ कंडक्टिविटी की वजह से स्टील बनाने में इसकी अहम भूमिका होती है. इसका उपयोग इलेक्ट्रिक आर्क भट्टियों में इलेक्ट्रोड के रूप में किया जाता है.
  • ग्रेफाइट के पेंसिल, लुब्रिकेंट और इलेक्ट्रिक मोटर के लिए कार्बन ब्रश बनाने जैसे असंख्य इस्तेमाल हैं.

3. लिथियम

पूरे यूरोप में स्टोर कुल लिथियम का एक-तिहाई हिस्सा यूक्रेन में है. अगर पूरी दुनिया के कुल लिथियम भंडार की बता करें तो 3% यूक्रेन में है. बड़े प्लेयर्स की बता करें तो चिली, ऑस्ट्रेलिया और चीन लिथियम के प्रमुख उत्पादक देश हैं.

लिथियम बैटरियों को बनाने में इस्तेमाल होने वाला महत्वपूर्ण तत्व है. इस वजह से इलेक्ट्रिक गाड़ियों के भविष्य भी यह मेटल तय करता है. कुछ दवाओं के उत्पादन में भी इसकी महत्वपूर्ण भूमिका होती है.

4. यूरेनियम

यूक्रेन के पास यूरोप का सबसे बड़ा यूरेनियम भंडार है. यूरेनियम का उपयोग न्यूक्लियर पावर प्लांट और न्यूक्लियर हथियारों में किया जाता है. साथ ही दुनिया भर में इसका उपयोग चिकित्सा, औद्योगिक और रक्षा उद्देश्यों के लिए उपयोग किए जाने वाले आइसोटोप के उत्पादन के लिए किया जाता है.

 5. दुर्लभ खनिज (रेयर अर्थ मेटल्स)

यूक्रेन में दुर्लभ धातुओं का महत्वपूर्ण भंडार है. ये 17 तत्वों का एक समूह है जिनका उपयोग हथियार, पवन टरबाइन, इलेक्ट्रॉनिक्स और मॉर्डर्न टेक्नोलॉजी में महत्वपूर्ण अन्य उत्पादों के उत्पादन के लिए किया जाता है. ये धातु अधिकांश हेवी मेटल होते हैं. हेवी मेटल्स होने की वजह से इन धातुओं के खनन के लिए बहुत केमिकल लगते हैं. इस वजह से भारी मात्रा में जहरीला कचरा निकलता है और इससे कई पर्यावरणीय आपदाएं होती हैं.

यूक्रेन के साथ परेशानी यह है कि रूसी हमले में बाद कुछ खनिज भंडार वाले क्षेत्र अब रूस के कब्जे में आ गए हैं. यूक्रेन की अर्थव्यवस्था मंत्री यूलिया स्विरिडेंको के अनुसार, $350bn (£277bn) के संसाधन अभी रूस के कब्जे वाले क्षेत्रों में हैं.

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