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एक और वीडियो… जस्टिस वर्मा के घर के बाहर भी मिले 500-500 के जले नोट, सफाईकर्मियों ने बताई पूरी कहानी

Justice Yashwant Verma Cash Case: दिल्ली हाई कोर्ट के जज जस्टिस यशवंत वर्मा के सरकारी आवास से जले हुए नोटों के बंडल मिलने के मामले शुक्रवार रात सुप्रीम कोर्ट ने एक वीडियो जारी किया था. इस वीडियो में जज के सरकारी आवास में नोटों के बंडल जले हुए दिखे थे. अब जस्टिस यशवंत वर्मा के सरकारी आवास के बाहर भी 500 रुपए जले हुए नोट मिले हैं. दरअसल दिल्ली के 30 तुगलक रोड पर जस्टिस यशवंत वर्मा का सरकारी आवास है. रविवार को उनके आवास के  बाहर 500 रुपये का जला नोट मिला है.

सफाई कर्मी कूड़ा उठाने पहुंचा तो मिले जले नोट

रविवार को जब एनडीएमसी कर्मचारी सफाई करने पहुंचे तो उन्हें कागज के कुछ जले टुकड़े दिखे. कथित तौर पर इसे उठाया तो पता चला ये 500 रुपये का जला हुआ नोट है. पुलिस और जांच एजेंसियां इस मामले की जांच कर रही हैं, जिसमें जला हुआ नोट और अन्य सामान भी शामिल हैं. 

सफाई कर्मी ने बताया- 4-5 दिन पहले भी मिले थे जले नोट

सफाई कर्मी इंद्रजीत ने बताया कि 4-5 दिन पहले भी जब यहां सफाई कर रहे थे, तब 500 रुपए के जले नोट मिले थे. हमारा काम कूड़ा उठाने का है. हम यहां कूड़ा उठाने आए थे. तब भी जले हुए नोट मिले थे. इंद्रजीत ने आगे बताया कि जले हुए एक-दो नोट के टुकड़े मिले.

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एक दूसरे सफाई कर्मी सुरेंद्र ने बताया कि हम कूड़ा गाड़ी पर काम करते थे. 4-5 दिन पहले भी जले हुए नोट मिले थे. आज भी रोड पर जले हुए नोट मिले. 

सीजेआई ने मामले की जांच में तीन सदस्यीय कमेटी बनाई

मालूम हो कि इससे पहले शनिवार को सुप्रीम कोर्ट ने अपनी आधिकारिक वेबसाइट पर एक वीडियो जारी किया था जिसमें जस्टिस वर्मा के आवास से जले हुए नोटों की गड्डियां दिख रही थीं. इसके बाद आरोपों की जांच के लिए भारत के मुख्य न्यायाधीश (सीजेआई) न्यायमूर्ति संजीव खन्ना ने तीन सदस्यीय समिति का गठन किया.

हिमाचल, पंजाब और कर्नाटक के जज कर रहे जांच

इस समिति में हिमाचल प्रदेश हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस जी.एस. संधवालिया, पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस शील नागू और कर्नाटक हाई कोर्ट की जज अनु शिवरामन शामिल होंगी. इसके अलावा, जस्टिस यशवंत वर्मा को फिलहाल कोई न्यायिक काम नहीं सौंपने का आदेश दिया गया है.

सुप्रीम कोर्ट की ओर से शनिवार को जारी एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया है, “भारत के मुख्य न्यायाधीश ने दिल्ली उच्च न्यायालय के वर्तमान न्यायाधीश न्यायमूर्ति यशवंत वर्मा के खिलाफ आरोपों की जांच करने के लिए तीन सदस्यीय समिति गठित की है, जिसमें पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति शील नागू, हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति जी.एस. संधवालिया और कर्नाटक उच्च न्यायालय की न्यायाधीश अनु शिवरामन शामिल हैं.”

जांच तक न्यायिक कामों से दूर रहेंगे जस्टिस यशवंत वर्मा

प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार, “दिल्ली उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश को फिलहाल न्यायमूर्ति यशवंत वर्मा को कोई न्यायिक कार्य नहीं सौंपने के लिए कहा गया है. दिल्ली उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश द्वारा प्रस्तुत रिपोर्ट, न्यायमूर्ति यशवंत वर्मा का जवाब और अन्य दस्तावेज सुप्रीम कोर्ट की वेबसाइट पर अपलोड किए जा रहे हैं.”

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जज से घर लगी थी आग, फायर ब्रिगेड को मिले थे जले नोट

उल्लेखनीय है कि दिल्ली हाई कोर्ट के जज न्यायमूर्ति यशवंत वर्मा के आवासीय बंगले में आग लगने से एक बड़ा खुलासा हुआ था. कथित तौर पर उनके घर से भारी मात्रा में नकदी बरामद हुई थी. इस घटना ने न्यायिक गलियारों में हड़कंप मचा दिया था. इसने सुप्रीम कोर्ट के कॉलेजियम को भी तत्काल कदम उठाने पर मजबूर कर दिया.

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