यूएई में 500 भारतीयों की सजा माफ, मोदी सरकार ने विदेश से अब तक 10 हजार भारतीयों को करवाया रिहा

अधिकारियों ने कहा कि पीएम मोदी के व्यक्तिगत संबंधों के कारण भारतीयों की रिहाई संभव हो सकी है. (फाइल)
नई दिल्ली:
देश की मोदी सरकार (Modi Government) की सक्रिय और लगातार कूटनीतिक कोशिशों के चलते 2014 से अब तक विभिन्न आरोपों में विदेश में कैद 10 हजार से ज्यादा भारतीय स्वदेश लौटने में कामयाब रहे हैं. अधिकारियों ने शुक्रवार को यह जानकारी दी है. साथ ही उन्होंने बताया कि यूएई ने रमजान के महीने में करीब 500 भारतीय नागरिकों की सजा को माफ कर दिया है, जो भारत और खाड़ी देशों के बीच मजबूत द्विपक्षीय संबंधों को दर्शाता है.
एक अधिकारी ने बताया, “2014 से पीएम मोदी के नेतृत्व ने विदेश में भारतीय नागरिकों के कल्याण को प्राथमिकता दी है. कूटनीतिक वार्ता और उच्चस्तरीय हस्तक्षेप के जरिए विदेश में कैद करीब 10 हजार भारतीयों की सुरक्षित वापसी सुनिश्चित की गई है.”
इन देशों ने भारतीय नागरिकों को छोड़ा
- राजनयिक प्रयासों से भारतीय नागरिकों की रिहाई के प्रमुख उदाहरणों में 2022 से यूएई से 2,783 भारतीय कैदियों की रिहाई और सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान द्वारा 2019 में अपनी भारत यात्रा के दौरान 850 भारतीय कैदियों की रिहाई का आदेश देना शामिल है.
- सूत्रों ने बताया कि कतर द्वारा 2023 में मौत की सजा मिलने के बाद भारतीय नौसेना के दिग्गजों को रिहा करना महत्वपूर्ण उपलब्धि थी. उनमें से आठ को मौत की सजा सुनाई गई थी. हालांकि भारत के राजनयिक हस्तक्षेप के कारण उनकी सजा कम कर दी गई और फिर उनमें से अधिकांश को रिहा कर दिया गया था.
- ईरान ने 2024 में 77 भारतीय नागरिकों और 2023 में 12 मछुआरों सहित 43 को रिहा किया.
- बहरीन सरकार ने 2019 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की यात्रा के दौरान 250 भारतीय कैदियों की सजा को माफ कर दिया था.
- कुवैत के अमीर ने 2017 में राजनयिक वार्ता के बाद 22 भारतीयों को रिहा किया और 97 अन्य की सजा कम कर दी गई थी.
- आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि भारत के हस्तक्षेप के कारण श्रीलंका ने भारतीय मछुआरों को कई बार रिहा किया है और 2014 से अब तक 3,697 की रिहाई हो चुकी है.
- उन्होंने कहा कि 2014 से अब तक कूटनीतिक प्रयासों के कारण पाकिस्तान से 2,639 मछुआरों और 71 नागरिकों की रिहाई संभव हो सकी है.
भारत की बढ़ती हैसियत से मिली सफलता
अधिकारियों ने कहा कि इनमें से बहुत सी सफलताएं वैश्विक नेताओं के साथ पीएम मोदी के व्यक्तिगत संबंधों के कारण संभव हो पाई हैं.
एक अधिकारी ने कहा, “यह सफल हस्तक्षेप भारत की बढ़ती वैश्विक कूटनीतिक हैसियत और विदेशों में भारतीय नागरिकों की सुरक्षा के लिए मोदी सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाता है.”
(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को The Hindkeshariटीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)