5000 कमांडोज, ऑनलाइन रजिस्ट्री और को-ऑर्डिनेशन टीम… साइबर क्राइम को रोकने के लिए सरकार ने उठाए ये कदम
नई दिल्ली:
गृहमंत्री अमित शाह (Amit Shah) ने देशभर में साइबर फ्रॉड (Cyber Fraud) और साइबर क्राइम को रोकने के लिए बड़ी पहल की है. अमित शाह ने मंगलवार को 4 अहम साइबर प्लेटफॉर्म लॉन्च किए. सरकार भारत में साइबर अपराधों से निपटने के लिए अगले 5 साल में 5000 साइबर कमांडो को ट्रेनिंग करने और उन्हें तैयार करने की प्लानिंग में है. गृहमंत्री अमित शाह ने साइबर सुरक्षा (Cyber Security) को राष्ट्रीय सुरक्षा का अभिन्न हिस्सा बताते हुए कहा कि देश की प्रगति साइबर सुरक्षा के बिना संभव नहीं है.
गृहमंत्री अमित शाह ने भारतीय साइबर अपराध समन्वय केंद्र (I4C) के स्थापना दिवस समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि साइबर सुरक्षा राष्ट्रीय सुरक्षा का अभिन्न हिस्सा है. हमें साइबर सुरक्षा सुनिश्चित करनी होगी. क्योंकि साइबर सुरक्षा के बिना देश की प्रगति संभव नहीं है. गृहमंत्री अमित शाह ने एक कार्यक्रम में यह भी कहा कि साइबर क्राइम की कोई सीमा नहीं होती. इसलिए यह जरूरी है कि सभी पक्ष मिलकर इस समस्या से निपटें.
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प्रशिक्षण साइबर कमांडो
‘साइबर कमांडो’ के तहत देश में साइबर सुरक्षा खतरों का मुकाबला करने के लिए राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों और CBI जैसे केंद्रीय पुलिस संगठनों में प्रशिक्षित कर्मियों का एक स्पेशल ब्रांच बनाया जाएगा. प्रशिक्षित साइबर कमांडो से डिजिटल लोकेशन सुरक्षित करने में मदद मिलेगी.
ऑनलाइन होगी रजिस्ट्री
इसके साथ ही संदिग्धों की ऑनलाइन रजिस्ट्री भी होगी. भारत के फाइनेंशियल इकोसिस्टम में धोखाधड़ी जोखिम प्रबंधन क्षमताओं को मजबूत करने के लिए बैंकों और वित्तीय मध्यस्थों के सहयोग से इसे तैयार किया जाएगा.
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गृहमंत्री ने बताया कि ग्लोबल डिजिटल लेनदेन का 46% भारत में होता है. देश में इंटरनेट यूजर्स की संख्या 31 मार्च 2014 को 25 करोड़ से बढ़कर 31 मार्च 2024 को 95 करोड़ हो गई है. उन्होंने कहा कि इससे साफ है कि डेटा की खपत बढ़ी है. डाउनलोडिंग स्पीड में बढ़ोतरी और लागत में कमी के कारण यह डेटा की खपत 0.26 जीबी से लगभग 78 गुना बढ़कर 20.27 जीबी हो गई है. इसलिए हमें इसे साइबर हमलों से सेफ करने की जरूरत है.
साइबर क्राइम ने निपटने के लिए बनाए गए 4 प्लेटफॉर्म
गृहमंत्री ने कहा कि देश में साइबर अपराध से निपटने के लिए चार प्लेटफॉर्म बनाए गए हैं. ये सेंटर सभी राज्यों के 1930 कंट्रोल रूम से जुड़े होंगे. इसके तहत प्रियॉरिटी केस की मॉनिटरिंग की जाएगी. अमित शाह ने बताया कि ये सभी एजेंसियां साथ मिलकर काम करेंगी, ताकि साइबर हमलों के मामले में तुरंत एक्शन लिया जा सके और सीमलेस को-ऑपरेशन को बढ़ाया जा सके.
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7 ज्वॉइंट साइबर को-ऑर्डिनेशन टीम बनाई
गृहमंत्री ने कहा कि साइबर हमलों को रोकने के लिए 7 ज्वॉइंट साइबर को-ऑर्डिनेशन टीम बनाई गई है. ये टीमें हरियाणा के मेवात, झारखंड के जामताड़ा, गुजरात के अहमदाबाद, आंध्र प्रदेश के हैदराबाद, चंडीगढ़, आंध्र प्रदेश के विशाखापट्टनम और असम के गुवाहाटी में तैनात होंगी. इसके साथ ही I4C ने ‘साइबरदोस्त’ इनिशिएटिव्स के तहत सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर साइबर क्राइम के प्रति जागरूकता फैलाने की पहल की है.
अमित शाह ने कहा, “हमारे लक्ष्यों को हासिल करन के लिए हमें एक रणनीति के तहत साथ मिलकर काम करना होगा. समन्वय प्लेटफार्म ऐसी ही एक पहल है. ये एक संयुक्त साइबर अपराध जांच सुविधा प्रणाली है. यह एक वेब-आधारित मॉड्यूल है, जो वन-स्टॉप पोर्टल, साइबर अपराध के डेटा रिपॉजिटरी, डेटा शेयरिंग, क्राइम मैपिंग, डेटा एनालिटिक्स, सहयोग और समन्वय के लिए एक मंच के रूप में काम करेगा.”
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