रूस घूमने गए थे हरियाणा-पंजाब के 7 लड़के, ठगी कर लड़वाया जा रहा यूक्रेन के खिलाफ युद्ध

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रूस-यूक्रेन युद्ध में फंसे भारत के 7 लड़के
The Hindkeshariके मुताबिक, ये सभी लड़के 27 दिसंबर को नया साल मनाने के लिए रूस रवाना हुए थे.उनके पास रूस जाने के लिए 90 दिनों का वैध वीज़ा था. उसके बाद एजेंट उनको बेलारूस ले गया. लड़कों का कहना है कि उनको ये बात नहीं पता थी कि बेलारूस जाने के लिए भी उनको वीजा की जरूरत होगी. बिना वीजा के बेलरूस पहुंचते ही एजेंट ने उनसे पैसे लेकर वहीं छोड़ दिया. इसके बाद पुलिस ने उनको पकड़कर अधिकारियों को सौंप दिया. वीडियो बना रहे हर्ष ने दावा किया कि उनसे दस्तावेजों पर हस्ताक्षर करवाए गए. जिसके बाद वह रूस उनको यूक्रेन के खिलाफ युद्ध लड़ने को मजबूर कर रहा है.
23-year-old man who said he is from #Gurdaspur#Punjab#GagandeepSingh called @ndtv@ndtvindia to appeal to @MEAIndia@states_mea@DrSJaishankar to help them return to India; says 7 of them who met in Russia may be deployed any time, without any training, to fight war in #Ukrainepic.twitter.com/re6eFuyY1v
— Uma Sudhir (@umasudhir) March 4, 2024
काम की तलाश में रूस गया था, अब युद्ध लड़के को मजबूर
हर्ष के परिवार ने The Hindkeshariको बताया कि उनका बेटा रोजगार की तलाश में विदेश गया था, कथित तौर पर उसे बताया गया था कि अगर वह रूस के रास्ते जाएगा तो अपनी पसंद के देश में रहना उसके लिए आसान होगा. हर्ष की मां ने कहा, “हमारा बेटा 23 दिसंबर को काम की तलाश में विदेश गया था और रूस में पकड़कर उसका पासपोर्ट छीन लिया गया. उसने हमें बताया कि उन्हें रूसी सैनिकों ने पकड़ लिया था, जिन्होंने उसे 10 साल की जेल की धमकी दी और उसे सेना में भर्ती कर लिया. हर्ष को सैन्य प्रशिक्षण के लिए मजबूर किया गया.” अब हर्ष की मां भारत सरकार से उनके बेटे को सुरक्षित वापस लाने की गुहार लगा रही है.
वहीं हर्ष के भाई का दावा है कि उसे हथियारों की ट्रेनिंग दी गई और डोनेस्टस्क क्षेत्र में तैनात किया गया. उन्होंने कहा, ”यह कहना मुश्किल है कि वह अब जीवित होगा या नहीं.” उन्होंने भी सरकार से भाई को देश वापस लाने की अपील की. वीडियो में दिख रहे अन्य शख्स का नाम गुरप्रीत सिंह बताया जा रहा है, उसके परिवार ने भी मदद की अपील सरकार से की है.
रूस की सेना में जबरन कराई भर्ती
गुरप्रीत सिंह के भाई अमृत सिंह ने The Hindkeshariको बताया कि उन लोगों को सेना में भर्ती होने के लिए मजबूर किया गया. उन्होंने दावा किया, “बेलारूस में जिन दस्तावेजों पर उन्होंने हस्ताक्षर किए थे, वे रूसी भाषा में थे, जिसके बाद वहां की सेना में उन्हें जबरन शामिल करा लिया गया. उनसे कहा गया कि या तो 10 साल की सजा भुगतें या फिर रूसी सेना में शामिल हों.
बेलारूस, राजनीतिक और आर्थिक सहायता के लिए रूस पर निर्भर, उसे रूस के सबसे करीबी सहयोगियों में गिना जाता है. क्रेमलिन ने यूक्रेन पर आक्रमण के लिए अपने क्षेत्र को मंच के रूप में इस्तेमाल किया. तब से, लगातार संयुक्त सैन्य अभ्यास से चिंता बढ़ गई है.
“रूस में फंसे भारतीयों को वापस लाने की कोशिश”
वीडियो में दिख रहे सात लड़के उन दो दर्जन लोगों में शामिल हैं, जो कथित तौर पर रूस में फंसे हुए है.उनका कहना है कि धोखे से उनको सेना में शामिल कर लिया गया. पिछले हफ्ते, विदेश मंत्रालय ने कहा था कि वह इसी तरह फंसे अन्य लोगों के संपर्क में है, जिनमें जम्मू-कश्मीर का 31 साल का आज़ाद यूसुफ कुमार भी शामिल है. “भर्ती” के कुछ दिनों बाद ही यूसुफ कुमार को कथित तौर पर युद्ध की स्थिति में पैर में गोली मार दी गई थी. ऐसी भी खबरें हैं कि कर्नाटक, तेलंगाना और उत्तर प्रदेश के करीब 10 लोग खुद को इसी तरह की संकटपूर्ण स्थिति में बता रहे हैं. उन्हें सुरक्षा गार्ड या मजदूर की के बहाने रूस भेजा गया था, बरगलाने वाले एजेंट ने उन सभी से तीन-तीन लाख रुपये भी वसूले.
पिछले महीने सरकार ने कहा था कि उसे पता चला है कि कुछ भारतीय यूक्रेन-रूस के युद्ध में फंस गए हैं. सरकार उनकी रिहाई के लिए मॉस्को में से बातचीत कर रही है.
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