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2 महीने पहले तेहरान आया बम, फिर कमरे में फिट, हमास चीफ की हत्या की क्राइम थ्रिलर सी कहानी


दिल्ली:

7 अक्टूबर 2023…वो तारीख जब इजरायल पर लगातार एक के बाद एक हजारों मिसाइलें दागकर 1200 बेगुनाहों को मौत की नींद सुला दिया, इन हमलों का जिम्मेदार था गाजा पट्टी में शासन करने वाला हमास. हमास को लीड कर रहा था इस्माइल हानिया….उसी दिन इजरायल ने हमास को दुनिया के नक्शे से मिटा देने की कसम खा ली थी. फिर आया 31 जुलाई 2024, ये वो दिन था, जब हमास चीफ इस्माइल हानिया का नाम-ओ-निशान मिटा (Hamas Chief Haniyeh Killed) दिया गया. हानिया की तेहरान में उनके गेस्ट हाउस में हत्या कर दी गई. हानिया की हत्या के बाद उन बेगुनाह इजराइलियों की रूहों को सुकून जरूर मिला होगा, जो हमास के मिसाइल हमलों में मारे गए थे.

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हानिया की हत्या 2 महीने पहले ही तय थी!

माना जा रहा है कि इजरायल ने हानिया को मौत की नींद सुला दिया, लेकिन इसकी जिम्मेदारी यहूदी देश न तो इनकार कर रहा है और ही इकरार. खास बात यह है कि हानिया की हत्या आकस्मिक नहीं बल्कि पूर्व नियोजित थी. हानिया की हत्या की पटकथा को 2 महीने पहले ही लिख दी गई थी. दिन, जगह, सब पहले से तय था. ये दावा अमेरिका का है.

60 दिन पहले ही गेस्ट हाउस में छिपाया बम!

हानिया की हत्या के लिए तेहरान के उस गेस्ट हाउस में बम दो महीने पहले ही प्लांट कर दिया गया था, ये दावा अमेरिका ने किया है.अमेरिकी मीडिया हाउस न्यूयॉर्क टाइम्स और 2 ईरानी और 1 अमेरिकी समेत 75 मिडिल ईस्ट अधिकारियों का दावा है कि जिस बम धमाके में हानिया मारा गया है, उसे गेस्ट हाउस में 60 दिन पहले ही छिपा दिया गया था, जहां हानिया तेहरान में ठहरा था. नेशात नाम के कॉम्प्लेक्स में मौजूद इस गेस्ट हाउस की सुरक्षा की पूरी जिम्मेदारी ईरानी सेना IRGC की थी. 

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उस दिन क्या हुआ था?

माना जा रहा है कि कातिल ने हानिया को मारने से पहले लंबी प्लानिंग की थी. पहले उसने हानिया का पूरा शड्यूल देखा. ये पता करना भी टास्क रहा कि हानिया कहां जाता है और रुकता कहां है. ये सब जानकारी जुटाने के बाद रची गई हानिया की मौत की वो खौफनाक साजिश. 

हमास चीफ इस्माइल हानिया ईरान के नए राष्ट्रपति के शपथ ग्रहण सामरोह से  वापस लौटा. वह नेशात कॉम्पलेक्स के उस VVIP गेस्ट हाउस में गया, जहां उसके ठहरने का इंतजाम किया गया था. थका हानिया जैसे ही गेस्ट हाउस पहुंचा और अपने बेड पर सुकून से बैठा, वह कहां जानता था कि मौत दरवाजे पर दस्तक दे रही है. उसे तो यहां तक नहीं पता था कि मौत के लिए दरवाजा खोलने का भी उसे वक्त नहीं मिलेगा. साये की तरह साथ रहने वाला उसका बॉडीगार्ड भी उसे बचा नहीं पाएगा. बस इसी बीच बाहर से किसी ने रिमोट का बटन दबाया और तस्करी करके छिपाए गए बम में धमाका कर दिया और हानिया और उसके बॉडीगार्ड दोनों को उड़ा दिया. धमाका इतना तेज था कि न सिर्फ दीवारें ढह गईं, बल्कि खिड़कियां और शीशों के भी परखच्चे उड़ गए, ऐसे में हानिया को खुद को बचाने का समय तो कहां ही मिला.

हमास चीफ की मौत के लिए ईरान सीधे तौर पर इजरायल को जिम्मेदार मान रहा है. हानिया की हत्या के बाद ईरान बौखलाया हुआ है. ईरान के सुप्रीम लीडर आयतुल्लाह खामेनेई ने उसकी मौत का बदला लेने के लिए सीधे हमला करने की कमस खाई है. वहीं इजरायल भी पूरी तरह से इस चुनौती के लिए तैयार है. इसका संकेत नेतन्याहू ने पहले ही दे दिया है. नेतन्याहू ने कहा कि आने वाले दिन मुश्किल भरे हो सकते हैं, लेकिन वह चुनौती के लिए तैयार हैं.

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ईरान सरकार पर भी सवाल?

हानिया तेहरान के जिस गेस्ट हाउस में ठहरा था, उसकी सुरक्षा की जिम्मेदारी ईरानी सेना के पास थी. फिर उनके ही नेता के खिलाफ इतनी बड़ी साजिश कैसे रच दी गई, जिसकी भनक उनको 2 महीने तक भी नहीं लगी. सवाल ये भी है कि इसके पीछे कहीं ईरान ही तो नहीं? हालंकि हानिया की हत्या हमास के लिए किसी बड़े झटके से कम नहीं है. 

कैसे मारा गया हानिया?

इस्माइल हानिया ईरान के नए राष्ट्रपति के शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होने तेहरान पहुंचा था.समारोह में शामिल होने के बाद वह वापस अपने गेस्ट हाउस में आराम करने आ गया. लेकिन उसे क्या पता था कि वहां मौत दस्तक दे रही है. जैसे ही कातिलों को पता चला होगा कि हानिया अपने कमरे में ही है, विस्फोट कर उसे हमेशा के लिए मौत की नींद सुला दिया गया. 
 


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