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देश

आजादी के दीवानों को याद करने का दिन…; स्वतंत्रता दिवस पर पीएम मोदी के संबोधन की 5 बड़ी बातें

  1. आज पूरे देश में आजादी का जश्न बड़ी धूमधाम से मनाया जा रहा है. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर लगातार 11वीं बार राष्ट्रीय ध्वज फहराया. इस अवसर पर लालकिले की प्राचीर से पीएम मोदी देश को संबोधित कर रहे हैं. लाल किले से अपने संबोधन में पीएम मोदी ने कहा कि लोगों ने 2047 तक भारत को विकसित बनाने के लिए कई सुझाव दिए हैं, जिनमें राष्ट्र को विनिर्माण का केंद्र बनाना, ‘सीड कैपिटल’ बनाना शामिल है.
  2. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लाल किले की प्राचीर से स्वतंत्रता दिवस संबोधन में कहा, “आज वो शुभ घड़ी है जब हम देश की आज़ादी के लिए मर मिटने वाले, अपना जीवन समर्पित करने वाले आज़ादी के दीवानों को नमन करने का ये पर्व है. ये देश उनका ऋणी है. ऐसे हर देशवासी के प्रति हम अपना श्रद्धा भाव व्यक्त करते हैं.”
  3. लाल किले की प्राचीर से पीएम मोदी ने कहा कि पिछले कुछ वर्षों में प्राकृतिक आपदाओं ने हमारी चिंता बढ़ा दी है; मैं इनसे प्रभावित परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त करता हूं. पीएम मोदी ने कहा, ‘‘प्राकृतिक आपदा में लोगों ने अपने परिवारजन खोए हैं, संपत्ति खोई है. विश्वास दिलाता हूं कि देश संकट की इस घड़ी में उनके साथ खड़ा है.” साथ ही पीएम मोदी ने कहा कि हम अपने संकल्प से भारत को 2047 तक विकसित राष्ट्र बनाने में सक्षम हैं.
  4. पीएम मोदी ने कहा कि हमारे किसान जो मोटा अनाज पैदा करते हैं, उस सुपर फूड को दुनिया के हर डायनिंग टेबल तक पहुंचाता है. कई लोगों ने सुझाव दिया कि देश में स्थानीय स्वराज की संस्थाओं से लेकर तमाम इकाइयों हैं, उसमें गर्वर्नेंस के रिफॉर्म की जरूरत है. न्याय व्यवस्था मे रिफॉर्म का सुझाव भी लोगों ने दिया है. अगर 40 करोड़ लोग गुलामी की बेड़ियां तोड़कर आजादी हासिल कर सकते हैं, तो जरा सोचिए कि 140 करोड़ लोगों के संकल्प से क्या हासिल किया जा सकता है.
  5. पीएम मोदी ने कहा कि जन जीवन मिशन के तहत 12 करोड़ नए परिवारों को नल से जल पहुंच रहा है. 15 करोड़ परिवार आभार्थी हैं. बिजली और पानी जैसी व्यय्वस्थाओं से कौन वंचित रह गया है. समाज के अग्रिम पंक्ति के लोग इसके अभाव में नहीं थे. मेरे दलित, मेरे पीड़ित, मेरे शोषित, मेरे आदिवासी भाई बहन, मेरे गरीब भाई बहन, मेरे झुग्गी झोपड़ी में रहने वाला भाई बहन इन चीजों के अभाव में जी रहे थे. हमारी सरकार ने उनकी प्राथमिक जरूरतों के लिए कोशिश की.
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