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नाबालिग लड़की की जबरन की गई शादी, ससुराल नहीं लौटने पर पति जबरदस्ती उठा लाया; वीडियो वायरल होने पर हुआ एक्शन


बेंगलुरु:

भारत के दक्षिण राज्य के होसुर इलाके से बड़ा ही परेशान करने वाला मामला सामने आया है. जहां एक नाबालिग लड़की को शख्स उठाकर ले जा रहा है, लड़की बुरी तरह चीख-चिल्ला रही है, ताकि उसकी आवाज सुन कोई उसे बचा सकें. लेकिन कोई लड़की की मदद करने के लिए आगे नहीं आता. इसी घटना का वीडियो अब सोशल मीडिया पर भी वायरल हो रहा है.

लड़की की जबरन की गई शादी

लड़की तमिलनाडु के होसुर के पास थोट्टामंजू पहाड़ी इलाके के एक छोटे से गांव की है, जिसकी उम्र 14 साल है. स्थानीय स्कूल में कक्षा 7 तक की पढ़ाई करने के बाद, वह घर पर ही रह रही थी. लेकिन 3 मार्च को, उसके परिवार ने कर्नाटक के कालीकुट्टई के पहाड़ी गांव के 29 वर्षीय मज़दूर मदेश से उसकी शादी कर दी. जबकि लड़की ने शादी से मना कर दिया था, लेकिन फिर भी लड़की का शादी कर दी गई.

घर से जबरन उठाकर ले गए ससुराल वाले

अपने घर लौटने के बाद, लड़की ने फिर से अपने ससुराल जाने से इनकार कर दिया. उसने अपने माता-पिता और रिश्तेदारों के सामने भी अपना विरोध जताया. इस बार भी लड़की को अनसुना कर दिया. इसके बाद मदेश और उसका बड़े भाई मल्लेश लड़की को जबरन कालीकुट्टई गांव में ले गए. इस वीडियो को वहां मौजूद लोगों ने मोबाइल फोन पर रिकॉर्ड कर लिया और सोशल मीडिया पर अपलोड कर दिया, जिसके बाद ये वीडियो वायरल हो गया. अब डेनकानीकोट्टई में महिला पुलिस स्टेशन मामले की जांच कर रहा है.

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पुलिस ने कई लोगों को किया गिरफ्तार

लड़की की दादी ने औपचारिक शिकायत दर्ज कराई है. बुधवार को पुलिस ने मदेश, उसके भाई मल्लेश और लड़की की मां नागम्मा को गिरफ्तार किया गया है. इससे पहले लड़की के पिता और मल्लेश की पत्नी को भी गिरफ्तार किया जा चुका है. इन सभी के खिलाफ पोक्सो और बाल विवाह अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है. इन सभी को दो साल की जेल और एक लाख रुपये तक के जुर्माने का सामना करना पड़ सकता है. लड़की अब अपने दादा-दादी के साथ रह रही है.

बाल विवाह करने पर सजा का प्रावधान

18 वर्ष से कम आयु की लड़की का विवाह करना जुर्म माना जाता है. बाल विवाह की अनुमति देने या कराने या नाबालिगों का वयस्कों से विवाह कराने जैसे विभिन्न अपराधों के लिए सजा का प्रावधान है. इसके बावजूद, पूरे देश में बाल विवाह थम नहीं रहे, खासकर राजस्थान, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, झारखंड, छत्तीसगढ़, बिहार और आंध्र प्रदेश में बाल विवाह जारी है. 2023-2024 में उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार, अधिकारियों को कर्नाटक में 180 बाल विवाहों के बारे में जानकारी मिली थी; 105 ऐसे विवाहों को रोका गया और शेष 75 मामलों में पुलिस मामले दर्ज किए गए.



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