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'पुलिस से कविता समझने में गलती हुई…' कांग्रेस सांसद इमरान प्रतापगढ़़ी के खिलाफ FIR मामले में बोला सुप्रीम कोर्ट

(फाइल फोटो)


नई दिल्ली:

कांग्रेस सांसद इमरान प्रतापगढ़ी के खिलाफ FIR मामले में सुप्रीम कोर्ट ने गुजरात पुलिस पर सवाल उठाए. सुप्रीम कोर्ट ने कविता पर  FIR दर्ज करने पर सवाल उठाए. सुनवाई के दौरान जस्टिस अभय एस ओक ने कहा कि यह केवल एक कविता है. उन्होंने कहा कि हाईकोर्ट ने कविता के अर्थ को ठीक से नहीं समझा. यह कविता किसी धर्म के खिलाफ नहीं है और इसमें यह संदेश दिया गया है कि यदि कोई हिंसा में लिप्त है, तो हम हिंसा में लिप्त नहीं होंगे. यह कविता किसी विशेष समुदाय के खिलाफ नहीं है. सुप्रीम कोर्ट ने गुजरात सरकार से कहा कि इस मामले में अपना विवेक लगाएं क्योंकि क्रिएटिविटी भी जरूरी है.

बता दें कि कांग्रेस से राज्यसभा सांसद इमरान प्रतापगढ़ी के खिलाफ गुजरात के जामनगर मे दर्ज मुकदमे को रद्द करने की मांग वाली याचिका पर सुप्रीम कोर्ट  सुनवाई कर रहा है. पिछली सुनवाई मे सुप्रीम कोर्ट ने गुजरात सरकार को नोटिस जारी करते हुए इमरान प्रतापगढी के खिलाफ कठोर कार्रवाई पर रोक लगा दी थी. गुजरात हाईकोर्ट ने 17 जनवरी को कांग्रेस सांसद इमरान प्रतापगढ़ी की याचिका खारिज कर दी थी.

इमरान प्रतापगढ़ी के खिलाफ कथित तौर पर उत्तेजक गाने के साथ एक एडिडेट वीडियो पोस्ट करने के लिए जामनगर में मुकदमा दर्ज किया गया था. कांग्रेस नेता इमरान प्रतापगढ़ी ने दावा किया है कि FIR गुजरात पुलिस द्वारा दुर्भावनापूर्ण इरादे से दर्ज की गई है. सोशल मीडिया एक्स पर प्रतापगढ़ी द्वारा अपलोड की गई 46 सेकंड की वीडियो क्लिप में जब वह हाथ हिलाते हुए चल रहे थे तो उन पर फूलों की वर्षा की जा रही थी और बैकग्राउंड में एक गाना बज रहा था. आरोप है कि गाने के बोल उत्तेजक, राष्ट्रीय एकता के लिए हानिकारक और धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने वाले हैं. इमरान प्रतापगढ़ी कांग्रेस के अल्पसंख्यक विभाग के चेयरमैन पद पर हैं.

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