देश

घाटी में क्रिकेट के नए युग की होगी शुरुआत, अदाणी ग्रुप की मदद से युवाओं के सपने पूरे करेंगे आमिर हुसैन लोन


नई दिल्ली/श्रीनगर:

अगर आपके अंदर कुछ कर जाने का जज्बा है, तो आप दुनिया की परवाह किए बगैर कुछ भी कर सकते हैं. आपका जुनून और आपकी लगन है आपसे बहुत कुछ करवा सकती है. ऐसा इंसान जिसके दोनों हाथ न हों और वो क्रिकेट खेल रहा हो, ऐसा कोई सपने में भी नहीं सोच सकता… लेकिन आमिर हुसैन लोन ने ऐसा कर दिखाया है. दिव्यांग क्रिकेटर आमिर जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग जिले में बिजबेहरा के वाघामा के रहने वाले हैं. वो जम्मू-कश्मीर पैरा क्रिकेट टीम के कप्तान हैं. वो 2013 से पेशेवर क्रिकेट खेल रहे हैं. 

आमिर हुसैन लोन के दृढ़ संकल्प की दिग्गज उद्योगपति गौतम अदाणी और क्रिकेट के भगवान सचिन तेंदुलकर भी प्रशंसा कर चुके है. उनका एक सपना है. वो अनंतनाग के वाघामा-बिजबेहारा में एक इनडोर क्रिकेट एकेडमी बनना चाहते हैं. वहां मुफ्त में गरीब युवाओं को क्रिकेट की ट्रेनिंग देना चाहते हैं. 

8 साल में एक हादसे में खो दिए दोनों हाथ
आमिर जब 8 साल के थे, तो अपने पिता की मिल में एक हादसे का शिकार हो गए थे. इस हादसे में उन्होंने दोनों हाथ खो दिए थे. वह 2013 से पेशेवर रूप से क्रिकेट खेल रहे हैं. उनके टीचर ने उनमें क्रिकेट प्रतिभा की खोज की और उन्हें पैरा क्रिकेट से परिचित कराया था. वह अपने पैरों का इस्तेमाल करके बॉलिंग भी करते हैं.

खास स्टाइल में सीखी बॉलिंग और बैंटिंग
बचपन में हुए हादसे के बाद भी आमिर हुसैन ने अपना सपना नहीं छोड़ा. हाथ खोने के बाद उन्होंने बैट को पकड़ने की अलग स्टाइल अपनाई. हुसैन बैट को अपने कंधे और गले की बीच फंसाकर फिर शॉट लगाते हैं. वे पैर की उंगलियों के बीच बॉल फंसाकर स्पिन बॉलिंग भी कर लेते हैं. 

यह भी पढ़ें :-  PMLA प्राधिकरण ने ‘नेशनल हेराल्ड’ से जुड़ी संपत्तियों की कुर्की के आदेश को बरकरार रखा

2013 में मिला पहला ब्रेक
2013 में मिला ब्रेक हुसैन के टैलेंट को देखते हुए 2013 में उन्हें जम्मू-कश्मीर की पारा क्रिकेट टीम में शामिल किया गया. जल्द ही वे इस टीम का कप्तान भी बन गए. 2014 में वहां आई बाढ़ के कारण वे करीब एक साल तक खेल से दूर रहे. 2015 में इंटर स्टेट पारा टूर्नामेंट में उन्होंने फिर वापसी की और टीम को चैंपियन बनाया.

आमिर हुसैन का मानना है कि जम्मू-कश्मीर के युवाओं के पास क्रिकेट में अद्भुत प्रतिभा है, लेकिन वे गरीब परिवारों से हैं. लिहाजा क्रिकेट ट्रेनिंग हासिल करने के लिए कहीं भी नहीं जा सकते हैं. 

अदाणी समूह ने की थी मदद
आमिर के क्रिकेट के प्रति जुनून और विपरित परिस्तिथियों में जीवन के प्रति सकारात्मक सोच को अदाणी समूह ने हमेशा से प्रोत्साहित किया है. इस बार भी गरीब युवाओं के सपनों को पूरा करने की इनकी कोशिश में अदाणी फाउंडेशन ने इनडोर क्रिकेट एकेडमी बनाने के लिए 67 लाख 60 हजार रुपये का योगदान दिया है. इसके लिए आमिर ने अदाणी फाउंडेशन का तहे दिल से शुक्रिया अदा किया है.

गौतम अदाणी ने कहा था- आपका संघर्ष, हम सबके लिए प्रेरणा
अदाणी ग्रुप के चेयरमैन गौतम अदाणी ने इसी महीने पैरा क्रिकेटर आमिर हुसैन की तारीख की थी. उन्होंने X पर लिखा था, “आमिर की यह भावुक कर देने वाली कहानी अद्भुत है! हम आपकी हिम्मत, खेल के प्रति निष्ठा और विपरीत परिस्थिति में भी कभी ना हार मानने वाले जज्बे को प्रणाम करते हैं. AdaniFoundation आपसे शीघ्र संपर्क कर इस बेमिसाल सफर में आपका हर संभव सहयोग करेगा आपका संघर्ष, हम सबके लिए प्रेरणा है.”

यह भी पढ़ें :-  दिल्ली के 3 बड़े सरकारी अस्पतालों में भयावह स्थिति, पिछले छह साल में 6,204 शिशुओं की मौत

क्रिकेट एकेडमी का पूरा ड्राफ्ट किया तैयार
फाउंडेशन से मदद मिलने के बाद आमिर हुसैन लोन ने क्रिकेट एकेडमी का पूरा ड्राफ्ट तैयार कर लिया है. उन्हें खेल के मैदान के लिए 2 कनाल जमीन की जरूरत है, जहां वो एकेडिमी के लिए 90 x 40 फीट आकार की बिल्डिंग का निर्माण करना चाहते हैं. आमिर उन खिलाड़ियों को ट्रेनिंग देंगे जो बिजबेहारा, कैटरीटेंग, वाघामा, संगम, मरहामा, दादू, ताकीबल, कांडीपोरा, खिरम, सिरहामा, शालिगाम, पंचपोरा और अनंतनाग, पुलवामा, शोपियां के अन्य जिलों में रहते हैं. इसके साथ ही उनकी एकेडमी, एक साल के लिए रणजी ट्रॉफी और दूसरे ट्रायल के लिए लगभग 100 खिलाड़ियों को चुनेगी और उनको ट्रेनिंग देगी.

तीन शिफ्ट में दी जाएगी ट्रेनिंग
प्लान के मुताबिक, तीन शिफ्ट में ट्रेनिंग दी जाएगी; जिसमें नाइट शिफ्ट भी शामिल है. आमिर अंडर-16, अंडर-19 के खिलाड़ियों को प्रशिक्षित करना चाहते हैं, जो भारत के लिए रणजी ट्रॉफी और अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट खेलेंगे. उनका कहना है जम्मू-कश्मीर के युवाओं के पास स्पिन और तेज गेंदबाजी, स्विंग की प्रतिभा है जो भारत क्रिकेट टीम के लिए फायदेमंद हैं.

आमिर ने दिया स्पेशल मैसेज
जीवन की छोटी-छोटी परेशानियों से लोग जहां हार मानने लगते है, वहीं आमिर ने 8 साल की उम्र में दोनों हाथ गंवा देने के बाद भी उम्मीद नहीं हारी. उनका मानना है, “निराशा में अपना जीवन बर्बाद मत करो. कभी हार मत मानो. अपने लक्ष्यों को पूरा करने के लिए समर्पण और जोश के साथ कड़ी मेहनत करो. तुम सफल हो जाओगे.”

(Disclaimer: New Delhi Television is a subsidiary of AMG Media Networks Limited, an Adani Group Company.)

यह भी पढ़ें :-  lok Sabha Election 2024: तेलंगाना, आंध्र, ओडिशा, बंगाल, जानें ये चार राज्य कितनी भर सकते हैं BJP की झोली?


Show More

संबंधित खबरें

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button