देवबंद में 1993 में हुए बम विस्फोटों का आरोपी 31 साल बाद श्रीनगर से गिरफ्तार
श्रीनगर/सहारनपुर:
उत्तर प्रदेश पुलिस ने राज्य के देवबंद में 1993 में हुए विस्फोट के मुख्य आरोपी नजीर अहमद वानी को जम्मू कश्मीर के बडगाम जिले से गिरफ्तार कर लिया है. अधिकारियों ने मंगलवार को यह जानकारी दी. उन्होंने बताया कि वानी को उत्तर प्रदेश पुलिस की टीम ने जम्मू कश्मीर पुलिस की मदद से गिरफ्तार कर लिया. वानी ने हाल में हुए जम्मू कश्मीर विधानसभा चुनाव में बडगाम विधानसभा सीट से मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला के खिलाफ चुनाव लड़ा था, लेकिन वह हार गया.
वानी (51) ने चुनावी हलफनामे में अपना व्यवसाय व्यापार बताया था. उसने अपने चुनावी हलफनामे में हालांकि देवबंद विस्फोट मामले का जिक्र नहीं किया है. उधर, सहारनपुर (उत्तर प्रदेश) के पुलिस अधीक्षक (ग्रामीण) सागर जैन ने बताया कि आतंकवाद निरोधक दस्ते (एटीएस) और देवबंद पुलिस की संयुक्त कार्रवाई में देवबंद में हुए बम धमाकों के आरोपी को जम्मू कश्मीर से रविवार को गिरफ्तार कर लिया गया है.
अधिकारी ने कहा कि वह पिछले 31 वर्ष से सबको चकमा देकर अपना नाम और वेशभूषा बदलकर अलग-अलग जगह रह रहा था. जैन ने बताया कि वर्ष 1992 में अयोध्या में विवादित ढांचा गिराये जाने के बाद पूरे देश में साम्प्रदायिक दंगे हुए थे और उस दौरान देवबंद में भी कई स्थानों पर साम्प्रदायिक हिंसा हुई थी. उन्होंने कहा कि इस हिंसा के दौरान अगस्त 1993 में शहर में पुलिसकर्मियों पर बमों से हमला किया गया था.
उन्होंने बताया कि उस समय पुलिस ने मुकदमा दर्ज करके नजीर अहमद को गिरफ्तार कर लिया था और 1994 में उसे न्यायालय ने जमानत दे दी थी.
जैन के अनुसार जमानत पर बाहर आने के बाद से ही वह फरार था और पुलिस इस मामले में उसकी तलाश कर रही थी. उन्होंने बताया कि आरोपी नजीर बम धमाकों के बाद से श्रीनगर में रह रहा था.
पुलिस के मुताबिक हिजबुल मुजाहिदीन का यह कथित आतंकी बम धमाके से पहले देवबंद में रह रहा था, लेकिन जेल से जमानत मिलने के बाद वह यहां से फरार हो गया था. उस बम धमाके में दो पुलिसकर्मियों सहित चार लोग घायल हो गये थे. जैन ने बताया कि वह पिछले 31 वर्ष से न्यायालय में तारीख पर नही आ रहा था, जिसके बाद न्यायालय द्वारा 20 मई 2024 को उसके खिलाफ स्थायी वारंट जारी किया गया था.
सहारनपुर पुलिस ने आतंकी वानी पर 25 हजार रुपये का इनाम घोषित किया था. पकड़ा गया आतंकी हिजबुल मुजाहिदीन का सक्रिय सदस्य बताया जाता है.