अमेठी के बाद राहुल गांधी को वायनाड भी छोड़ना पड़ेगा : महाराष्ट्र में बोले प्रधानमंत्री मोदी
महाराष्ट्र के नांदेड़ और परभणी में चुनावी रैलियों को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि कांग्रेस ने लोकसभा चुनाव के नतीजे आने से पहले ही अपनी हार स्वीकार कर ली है. उन्होंने कांग्रेस को एक ऐसी ‘बेल’ करार दिया, जिसकी अपनी कोई जड़ या जमीन नहीं है और वह उसे सहारा देने वाले को ही सुखा देती है. उन्होंने लोगों से ‘विकसित भारत’ और ‘विकसित महाराष्ट्र’ के लक्ष्यों को साकार करने के लिए विपक्षी गठबंधन से सतर्क रहने को कहा.
पीएम मोदी ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर कटाक्ष करते हुए दावा किया कि इस लोकसभा चुनाव में ‘कांग्रेस के साहबजादे’ केरल के वायनाड निर्वाचन क्षेत्र से हारने जा रहे हैं. नांदेड़ और परभणी दोनों राज्य के मराठवाड़ा क्षेत्र में स्थित हैं. उन्होंने राहुल गांधी का जिक्र करते हुए कहा, ‘‘कांग्रेस के शहजादे को वायनाड में संकट दिख रहा है. शहजादे और उनकी टोली 26 अप्रैल को वायनाड में मतदान का इंतजार कर रही है. जैसे ही 26 अप्रैल को वायनाड में मतदान पूरा हो जायेगा, वैसे ही ये शहजादे के लिए एक और सुरक्षित सीट की तलाश करेंगे, क्योंकि अमेठी के बाद उन्हें वायनाड भी छोड़ना होगा.”
पीएम मोदी ने कांग्रेस पर देश का विभाजन करने का आरोप लगाया और दावा किया कि उसने अनुच्छेद 370 के बहाने कश्मीर में संविधान लागू नहीं होने दिया. महाराष्ट्र में विपक्षी गठबंधन महा विकास आघाड़ी (एमवीए) पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि कांग्रेस और ‘फर्जी शिवसेना’ (शिवसेना (यूबीटी) के संदर्भ में) याकूब मेमन की कब्र को सजाने में व्यस्त थी.
मुंबई में 1993 में हुए सिलसिलेवार बम विस्फोट मामले में दोषी मेमन को 2015 में फांसी दी गई थी. उन्होंने कहा, ‘‘जब ‘इंडी’ गठबंधन (विपक्षी समूह) सत्ता में था, तो उन्होंने (लोगों को) यह महसूस नहीं होने दिया कि निजाम शासन समाप्त हो गया है, रजाकार मानसिकता यहां हावी थी. उनकी प्राथमिकता याकूब मेमन की कब्र को सजाने की थी.”
प्रधानमंत्री ने कहा कि यह भारत को तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनाने का चुनाव है. मोदी ने कहा कि उनकी सरकार के पिछले कार्यकाल में लोगों ने ‘चंद्रयान’ मिशन की सफलता देखी और अगले कार्यकाल में 140 करोड़ भारतीय ‘गगनयान’ की सफलता देखेंगे. उन्होंने कहा कि यह ऐसा पहला चुनाव है, जहां लोग कोरोना वायरस रोधी टीके से लेकर सशस्त्र बलों के लिए हथियारों तक ‘आत्मनिर्भर भारत’ की सफलता के बारे में बात कर रहे हैं.
मोदी ने कहा, ‘‘केवल 10 वर्षों में देश ने विकास की एक लंबी यात्रा तय की है.” प्रधानमंत्री ने कहा कि जब उन्होंने 2014 में पहली बार लोकसभा चुनाव लड़ा था, तो देश में आतंकवादी हमलों और विस्फोटों के बारे में चर्चा होती थी. उन्होंने कहा कि लेकिन अब ‘सर्जिकल स्ट्राइक’ की बात होती है. मोदी ने कहा कि उन्होंने गरीबी का जीवन जीया है, गरीबों के दर्द को समझा है. नांदेड़ की रैली में उन्होंने कांग्रेस पर विकास की राह में बाधा डालने का आरोप लगाया और कहा कि देश की प्रगति के लिए काम करने के संबंध में उस पर भरोसा नहीं किया जा सकता.
पीएम मोदी ने प्रत्यक्ष तौर पर कांग्रेस की वरिष्ठ नेता सोनिया गांधी पर भी निशाना साधते हुए कहा कि विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ के कुछ नेता जो कई वर्ष लोकसभा के सदस्य रहे, उन्होंने अब संसद का निचला सदन छोड़ दिया और राज्यसभा चले गए क्योंकि उनमें लोकसभा चुनाव लड़ने का साहस नहीं है. प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘क्या कोई मतदाता ऐसे लोगों के लिए अपना वोट बर्बाद करेगा? इसके बजाय वह ‘विकसित भारत’ के लिए मतदान करेगा. कांग्रेस किसानों, गरीबों और महिलाओं के विकास में बाधा रही है… भरोसा नहीं है कि पार्टी देश की प्रगति के लिए काम करेगी.”
मोदी ने केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन के हालिया बयान का जिक्र किया, जिसमें उन्होंने राहुल गांधी की आलोचना की थी. प्रधानमंत्री ने कहा,‘‘ यहां तक कि मैं भी इस तरह की टिप्पणी नहीं कर सकता.” उन्होंने कहा कि कृषि संकट और किसानों की समस्या एक दिन में पैदा नहीं हुईं बल्कि कांग्रेस की त्रुटिपूर्ण नीतियों के कारण हुईं लेकिन राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) सरकार उनके कल्याण के लिए काम करने को प्रतिबद्ध है.
मोदी ने कहा कि उन्होंने कांग्रेस के शासनकाल की खराब चीजों को सुधारने में दस साल लगाए. प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘अब हमें और मेहनत से काम करना है.” प्रधानमंत्री मोदी ने विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ को स्वार्थी दलों का गुट करार दिया, जो अपने-अपने भ्रष्टाचार छिपाने के लिए साथ आए हैं. उन्होंने दावा किया कि पहले ही चरण में मतदाताओं ने इस गठबंधन को नकार दिया है. उन्होंने ‘इंडी’ गठबंधन पर निशाना साधते हुए कहा कि उसके पास कोई चेहरा ही नहीं है, जिस पर लोग देश के भविष्य के लिए भरोसा कर सकें.
मोदी ने कहा, ‘‘वे जो चाहे दावे करें लेकिन हकीकत यही है कि कांग्रेस के नेताओं ने चुनाव की घोषणा से पहले ही हार स्वीकार कर ली है.” उन्होंने कहा, ‘‘चार जून को नतीजे आने के बाद ‘इंडिया’ गठबंधन के सदस्यों के बीच चौतरफा लड़ाई छिड़ जाएगी. आपको इन लोगों को चुनाव में सबक सिखाने की जरूरत है.”