महाकुंभ पर पीएम मोदी के बयान के बाद विपक्ष का शोर शराबा, स्पीकर बिरला ने समझा दिया नियम

नई दिल्ली:
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को महाकुंभ (PM Modi On Mahakumbh) को लेकर लोकसभा में अपना संबोधन दिया. इस दौरान उन्होंने उन सभी लोगों का आभार जताया, जिन्होंने महाकुंभ के आयोजन में अपना अहम योगदान दिया. महाकुंभ पर पीएम मोदी ने जैसे ही अपना संबोधन खत्म किया, विपक्षी सांसदों ने हंगामा शुरू कर दिया. सदन में उस वक्त नेता विपक्ष राहुल गांधी भी मौजूद थे. दरअसल विपक्षी सांसद महाकुंभ पर पीएम मोदी के बयान पर सवाल पूछने की मांग कर रहे थे. इस पर नियम 372 समझाते हुए स्पीकर ओम बिरला ने कहा कि नियम पढ़ लिया करें. 372 के अंदर यह नियम है कि प्रधानमंत्री और मंत्री स्वेच्छा से बयान देते हैं और उसमें यह भी नियम है कि उनके स्टेटमेंट के बाद कोई सवाल नहीं होता है.
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महाकुंभ पर PM मोदी का बयान पॉइंट्स में पढ़िए
- मैं प्रयागराज में हुए महाकुंभ वक्तव्य देने के लिए उपस्थित हुआ हूं और देशवासियों को कोटि कोटि नमन करता हूं, जिनकी वजह से महाकुंभ का सफल आयोजन हुआ.
- महाकुंभ की सफलता में अनेक लोगों का योगदान है.मैं सभी कर्मयोगियों का अभिनंदन करता हूं और देशभर के श्रद्धालुओं, यूपी की जनता, विशेषतौर पर प्रयागराज की जनता का धन्यवाद करता हूं.
- गंगाजी को धरती को लाने के लिए एक भगीरथ प्रयास लगा था. वैसे ही एक महाप्रयास इस भव्य आयोजन में हमने देखा है.
- पूरे विश्व ने महाकुंभ के रूप में भारत के विराट स्वरूप के दर्शन किए हैं.
- महाकुंभ में हमने हमारी राष्ट्रीय चेतना के जागरण के विराट दर्शन किए हैं.
- महाकुंभ ने उन शंकाओं और आशंकाओं को भी उचित जवाब दिया है, जो हमारे सामर्थ्य को लेकर कुछ लोगों को मन में रहती है.
- पिछले साल अयोध्या में राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा समारोह में हमने महसूस किया था कि कैसे देश 1 हजार साल के लिए तैयार हो रहा है.
- महाकुंभ ने इस संकल्प को और दृढ़ किया. प्रयागराज महाकुंभ एक ऐसा अहम पड़ाव है, जिसमें जागरूक होते देश का प्रतिबिंब नज़र आता है.
- भारत में महाकुंभ का उत्साह दिखा. सुविधा और असुविधा की चिंता से ऊपर उठते हुए कोटि कोटि श्रद्धालु जुटे, यह हमारी ताक़त है.
- महाकुंभ के पवित्र जल को जब मॉरीशस के गंगा तालाब में अर्पित किया गया तो श्रद्धा और उत्सव का माहौल देखने लायक था.