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हादसे में बेटे की मौत के बाद आर्मी जवान का बड़ा फैसला, 6 लोगों को नई जिंदगी दे गया अर्शदीप


नई दिल्ली:

आर्मी जवान ने जिस बेटे को बड़े लाड़-प्यार से पाला था, उसकी हादसे में बीते दिनों दर्दनाक मौत हो गई. अभी परिवार घर के चिराग को खोने का मातम मना ही रहा था कि तभी आर्मी जवान ने एक बड़ा फैसला लेते हुए बेटे के ऑर्गन को डोनेट करने का फैसला लेकर बड़ी मिसाल पेश कर दी. अब अर्शदीप 6 लोगों को नई जिंदगी दे गया. समाज को बड़ा संदेश देने वाली यह कहानी देश की राजधानी दिल्ली से सामने आई है. महार रेजीमेंट के हवलदार नरेश कुमार के बेटे अर्शदीप सिंह 8 फरवरी को हुए एक हादसे में बुरी तरह से घायल हो गया था. 

हादसे में घायल अर्शदीप को इलाज के लिए कमान्ड हॉस्पिटल, वेस्टर्न कमांड, चंडीमंदिर में इलाज के लिए भर्ती कराया गया था. जहां 8 दिनों तक चले इलाज के बाद डॉक्टर ने अर्शदीप को ब्रेन स्टेम डेन घोषित कर दिया था. 

अर्शदीप की मौत के बाद उसके पिता हवलदार नरेश ने बेटे के बलिदान को यादगार बनाते हुए उसके अंगों को दान करने का फैसला लिया.  

ग्रीन कॉरिडोर बनाकर अर्शदीप का अंग लाया गया दिल्ली

अर्शदीप की मौत के बाद उसके पिता ने अर्शदीप का लीवर, किडनी, क्रॉनिया, पैंक्रियास सहित अन्य ऑर्गन को डोनेट करने का फैसला लिया. जिससे गंभीर रूप से बीमार 6 लोगों को नई जिंदगी मिलेगी. 16 फरवरी को ग्रीन कॉरिडोर बनाकर अर्शदीप के लीवर और किडनी को दिल्ली स्थित आर्मी हॉस्पिटल में लाया गया. 

सेना ने कहा- अंगदान के विचार को प्रोत्साहित करेगा ये फैसला

साथ ही पैंक्रियास और अन्य अंगों को चंडीगढ़ भेजा गया. हवलदार नरेश कुमार द्वारा लिए गए इस फैसले पर सेना ने कहा कि हवलदार नरेश का बलिदान सिर्फ उनके धैर्य और लचीलेपन का प्रमाण नहीं है, बल्कि यह प्रेरणा है. उनका निस्वार्थ कार्य कई लोगों को अंगदान पर विचार करने के लिए प्रोत्साहित करेगा, जिससे यह साबित होगा कि व्यक्तिगत नुकसान के बावजूद भी कोई दूसरों के जीवन में रोशनी ला सकता है.

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