महाराष्ट्र में हार के बाद कांग्रेस पहुंची EC, मतदाता रिकॉर्ड और मतदान प्रतिशत को लेकर उठाए सवाल
Congress Reached Election Commission: कांग्रेस (Congress) ने महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव (Maharashtra Election Result 2024) में गड़बड़ी का आरोप लगाकर चुनाव आयोग से शिकायत की है. शुक्रवार को कांग्रेस ने एक ज्ञापन के माध्यम से चुनाव आयोग से इस पर विस्तृत जवाब की मांग की. साथ ही यह भी आग्रह किया कि आयोग उसके नेताओं को मिलने का अवसर दे ताकि वह इन ‘विसंगतियों’ तथा इस विधानसभा चुनाव से संबंधित कुछ अन्य मुद्दों को उठा सके. कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर इस ज्ञापन को साझा किया. इस ज्ञापन पर कांग्रेस महासचिव मुकुल वासनिक, महाराष्ट्र प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष नाना पटोले और राज्य प्रभारी रमेश चेन्निथला के हस्ताक्षर हैं.
Here is a memorandum just submitted to @ECISVEEP on the Maharashtra assembly elections by Shri @NANA_PATOLE, Shri @MukulWasnik, and Shri Ramesh @chennithala
They have raised serious issues which are being discussed in the public domain. They have asked the EC for an in-person… pic.twitter.com/K4zfx5tjhF
— Jairam Ramesh (@Jairam_Ramesh) November 29, 2024
आज दोपहर सौंपे गए 12 पन्नों के दस्तावेज़ में, कांग्रेस ने मतदाता डेटा के बारे में पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त एसवाई क़ुरैशी द्वारा उठाए गए संदेह का भी उल्लेख किया और चिंता के दो प्वाइंट्स पर जोर दिया. पहला संदेह मतदाताओं को मनमाने ढंग से हटाना… और उसके बाद प्रत्येक निर्वाचन क्षेत्र में 10,000 से अधिक मतदाताओं को शामिल करना और दूसरा मतदान प्रतिशत में अकथनीय वृद्धि…कांग्रेस ने कहा कि मतदाता रिकॉर्ड को मनमाने ढंग से शामिल करने या हटाने के कारण जुलाई 2024 और नवंबर 2024 के बीच मतदाता सूची में लगभग 47 लाख मतदाताओं की अभूतपूर्व वृद्धि हुई.यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि 50 विधानसभा सीटों में से जहां औसतन 50,000 मतदाताओं की वृद्धि हुई, सत्तारूढ़ शासन और उसके सहयोगियों ने 47 पर जीत हासिल की.
कांग्रेस का दूसरा तर्क
दूसरा संदेह कांग्रेस ने मतदान प्रतिशत डेटा में जताया है. कांग्रेस ने बताया कि शाम 5 बजे तक महाराष्ट्र में चुनाव आयोग का औसत मतदान प्रतिशत 58.22 प्रतिशत था और यह रात 11.30 बजे तक बढ़कर 65.02 प्रतिशत हो गया. इसके बाद फिर मतदान प्रतिशत में वृद्धि हुई और अंततः 66.05 प्रतिशत बताई गई. मतदान के अंतिम घंटे में 70 लाख से अधिक वोट डाले जाना अविश्वसनीय और चुनावी इतिहास में अनसुना है .
EC के आंकड़ों पर सवाल
आयोग को भेजे ज्ञापन में कांग्रेस ने कहा, ‘‘हम आपको कुछ गंभीर विसंगतियों से अवगत कराने के लिए लिख रहे हैं, जो हाल ही में संपन्न महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के लिए मतदान और मतगणना प्रक्रियाओं से संबंधित आंकड़ों में सामने आ रही हैं. पारदर्शी, स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव प्रणाली के मूल पर हमला करने वाली ये स्पष्ट विसंगतियां किसी पक्षपातपूर्ण उद्देश्यों या दूरगामी अनुमानों पर आधारित नहीं हैं, बल्कि इस माननीय आयोग द्वारा सार्वजनिक रूप से उपलब्ध कराई गई जानकारी से निकाली गई हैं.
मतदाता रिकॉर्ड पर उठाए सवाल
पार्टी का कहना है, ‘‘वास्तव में, महाराष्ट्र के मतदाता डेटा से संबंधित प्रश्न एक पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त (CEC) द्वारा भी उठाए गए हैं, इसलिए हम इसे माननीय आयोग के ध्यान में ला रहे हैं. आधुनिक लोकतंत्र की पहचान वह निष्पक्षता और पारदर्शिता है, जिसके साथ किसी राज्य में चुनाव कराए जाते हैं. ऐतिहासिक रूप से यह माननीय आयोग यह सुनिश्चित करने के प्रति अपनी प्रतिबद्धता में दृढ़ रहा है कि चुनावी प्रक्रिया स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव के सिद्धांतों और समान अवसर के सिद्धांत के अनुरूप आयोजित की जाए.”
तत्काल व्यक्तिगत सुनवाई की मांग
कांग्रेस ने आयोग से आग्रह किया, ‘‘हम आयोग के ध्यान में डेटा से संबंधित कुछ बिंदु लाना चाहेंगे जो चिंता का कारण हैं. इस पर माननीय आयोग से हस्तक्षेप की आवश्यकता है. संविधान के अनुच्छेद 324 के तहत माननीय आयोग पर चुनावी प्रक्रिया की शुचिता सुनिश्चित करने की जिम्मेदारी है. हेराफेरी और चुनावी धोखाधड़ी के एक भी मामले में आयोग से तत्काल हस्तक्षेप की आवश्यकता होती है. यह आयोग का उत्तरदायित्व है कि वह स्वयं को जवाबदेह बनाएगा और जिस तरह की विसंगतियों को लेकर संदेह पैदा हुआ है, उस पर एक विस्तृत सार्वजनिक सूचना जारी करेगा. हम यह भी अनुरोध करेंगे कि हमें सभी मुद्दों को विस्तार से उठाने के लिए तत्काल व्यक्तिगत सुनवाई का अवसर दिया जाए. यहां उल्लिखित दो मुद्दों के अलावा, कई अन्य मुद्दे भी हैं, जिन्हें हम इससे पहले उठाना चाहेंगे.”
महाराष्ट्र चुनाव का स्कोर कार्ड
महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव के हाल में घोषित नतीजों में सत्तारूढ़ ‘महायुति’ प्रचंड बहुमत के साथ सत्ता बरकरार रखने में सफल रहा है. इस गठबंधन के घटक दलों में शामिल भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को 132 सीट, मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की अगुवाई वाली शिवसेना को 57 और उपमुख्यमंत्री अजित पवार के नेतृत्व वाली राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) को 41 सीट हासिल हुईं. विपक्षी महा विकास आघाडी (एमवीए) के तीनों घटक दल राकांपा (शरदचंद्र पवार), कांग्रेस और शिवसेना (उबाठा) सामूहिक रूप से राज्य की कुल 288 विधानसभा सीट में से केवल 46 पर ही जीत हासिल कर सके.