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इजरायली बमबारी के बाद गाजा के अस्पतालों में बढ़ी घायलों की तादाद, गलियारों में सर्जरी कर रहे हैं डॉक्टर

डॉक्टर मोहम्मद अल ने कहा, “हम नहीं जानते कि कब घायल लोगों का इलाज करना पड़ जाए. भीड़ की वजह से कई बार हमें गलियारों में और यहां तक ​​कि कभी-कभी अस्पताल के वेटिंग एरिया में सर्जिकल स्पेस बनाना पड़ता है.”

तीन सप्ताह की बमबारी के बाद इजरायली टैंक गाजा में प्रवेश कर गई है. 7 अक्टूबर को हमास आतंकवादियों ने इजरायल में हमला कर पूरे सीमावर्ती जिले को नष्ट कर दिया था, इसमें दक्षिणी इज़राइल में 1400 लोग मारे गए थे और 240 लोगों को बंधक बना लिया था.

हमास द्वारा संचालित एन्क्लेव में स्वास्थ्य अधिकारियों का कहना है कि इज़राइल के हमले में 8,500 से अधिक लोग मारे गए हैं, जिनमें 3,500 बच्चे भी शामिल हैं. उत्तरी गाजा में, जहां इज़राइल ने दस लाख लोगों को अपने घर छोड़ने और एन्क्लेव के दक्षिणी हिस्से में जाने का आदेश दिया है, अस्पताल की हालत विशेष रूप से खराब हो गई है.

वहीं तुर्की फ्रेंडशिप अस्पताल के अधिकारियों ने कहा कि बमबारी से कैंसर रोगियों का इलाज करने वाला एक वार्ड क्षतिग्रस्त हो गया है. क्षेत्र की एकमात्र कैंसर उपचार सुविधा अस्पताल के निदेशक डॉक्टर सोबी स्काईक ने कहा, “बमबारी से भारी क्षति हुई और कुछ इलेक्ट्रो-मैकेनिकल प्रणालियों ने काम करना बंद कर दिया. इससे मरीजों और चिकित्सा टीमों के जीवन को भी खतरा पैदा हो गया है.”

हालांकि सोमवार से लगभग पूरी तरह से संचार ब्लैकआउट कम हो गया है, कई गाजा निवासियों को बमबारी के कारण फिर से दोस्तों और रिश्तेदारों के साथ संपर्क खोने का डर है. आपातकालीन और चिकित्सा सेवाओं के लिए, फोन और इंटरनेट खराब होने से महत्वपूर्ण परिचालन समस्याएं पैदा हुईं.

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गज़ावासियों ने एलन मस्क से इंटरनेट बनाए रखने में मदद करने का आग्रह किया

वहीं शनिवार को, एलन मस्क ने कहा कि स्पेसएक्स का स्टारलिंक ‘अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता प्राप्त सहायता संगठनों’ के साथ गाजा में संचार लिंक का समर्थन करेगा. इज़राइल के संचार मंत्री श्लोमो करही ने कहा कि इज़रायल इससे लड़ने के लिए अपने सभी साधनों का उपयोग करेगा. कुछ गज़ावासियों ने मस्क से इंटरनेट बनाए रखने में मदद करने का आग्रह किया.

एक विस्थापित शख्स सोभी अबू ज़ैद ने कहा, “हम 21वीं सदी में हैं और सभी संस्थान इंटरनेट, संचार और बिजली पर निर्भर हैं. अगर ये चीजें बंद हो गईं, तो गाजा पट्टी बाकी दुनिया से अलग हो जाएगी.”

इज़रायल ने की गाजा की नाकेबंदी

इज़रायल ने हमास के हमले के बाद गाजा की पूरी तरह नाकेबंदी कर दी है, बिजली काट दी है और ईंधन आपूर्ति की अनुमति देने से भी इनकार कर दिया है. इजरायल का कहना है कि इसका इस्तेमाल हमास द्वारा सैन्य उद्देश्यों के लिए किया जा सकता है. वहीं अस्पतालों का कहना है कि वे जल्द ही जीवन-रक्षक कार्यों को बनाए रखने के लिए आवश्यक जनरेटर संचालित करने में असमर्थ हो सकते हैं.

सर्जन मोईन अल-मसरी ने कहा, “अब से कुछ घंटों में सीमित ईंधन उपलब्ध होने के कारण बिजली कट जाएगी. इससे गहन देखभाल और सर्जिकल वार्डों में मरीजों की मौत हो सकती है.” वहीं गाजा के स्वास्थ्य मंत्रालय के प्रवक्ता अशरफ अल-किद्रा ने कहा कि गाजा शहर में इंडोनेशियाई अस्पताल और अल-शिफा अस्पताल दोनों के मुख्य जेनरेटर बुधवार देर रात तक बंद हो सकते हैं.

इज़राइल के सैन्य प्रवक्ता लेफ्टिनेंट-कर्नल जोनाथन कॉनरिकस ने कहा कि हमास अपने अभियानों के लिए ईंधन जमा कर रहा है. उन्होंने कहा, “अस्पतालों और पानी के पंपों को चलाने के लिए कई दिनों तक पर्याप्त सामग्री है.”

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पिछले सप्ताह, इंडोनेशियाई अस्पताल में ईंधन लगभग ख़त्म हो गया था और अधिकांश सुविधा में बिजली काटनी पड़ी थी. मास्री ने कहा कि गाजा की कुछ सीमित आपूर्ति हासिल करने के बाद ये फिर से काम कर रहा है, लेकिन पूर्ण ब्लैकआउट के करीब है.

मास्री ने कहा, इंडोनेशियाई अस्पताल में वर्तमान में लगभग 250 मरीज हैं. अस्पताल ने इज़रायल की बमबारी में घायल कई लोगों को भर्ती किया है. ये अस्पताल उत्तरी गाजा में अग्रिम मोर्चों के करीब है.

जब से इज़रायल ने गाजा में अपने जमीनी अभियानों का विस्तार किया है, तब से बेत लाहिया और बेत हनौन के उत्तरी जिले विशेष रूप से भारी आग की चपेट में हैं. रॉयटर्स द्वारा प्राप्त फुटेज में फ़िलिस्तीनियों को मंगलवार को बेइत हनौन से गधा गाड़ी पर शवों को अस्पताल ले जाते हुए दिखाया गया है.

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