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दिल्ली में पिछले छह वर्षों में नवंबर-दिसंबर 2023 में वायु गुणवत्ता सबसे खराब रहीः सीएसई

विश्लेषण के अनुसार ऐसा गर्मियों और मानसून के सामान्य से अधिक साफ मौसम के बावजूद हुआ और उत्तरी राज्यों में पराली से निकलने वाले धुएं में काफी कमी आई. सीएसई ने कहा कि इस साल दिल्ली के प्रदूषण को बढ़ाने वाले कारक पराली जलाने में कमी, नवंबर में अधिक बारिश और हल्की सर्दी की स्थिति के बावजूद, वार्षिक स्तर में सुधार होना चाहिए था. इसने कहा कि इसके बजाय, प्रतिकूल मौसम संबंधी स्थितियों, विशेष रूप से कम हवा की गति के कारण प्रदूषण की स्थिति खराब हो गई.

दिल्ली में 2015-17 के बाद से इसके पीएम2.5 के वार्षिक स्तरों में लगातार गिरावट हो रही थी. गिरावट का यह रुझान हालांकि 2023 में रुक गया था. वर्ष 2023 (29 दिसंबर तक) के लिए दिल्ली का पीएम2.5 वार्षिक औसत 100.9 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर था, जो 2022 के मुकाबले दो प्रतिशत अधिक है.

आंकड़ों के अनुसार, औसत वार्षिक पार्टिकुलेट मैटर (पीएम)2.5 सांद्रता 2018 में 115.8 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर, 2019 में 109.2, 2020 में 95.1, 2021 में 106.2, 2022 में 98.6 और 2023 में 100.9 थी.

विश्लेषण से पता चला कि जहां गर्मियों में मौसम स्वच्छ होता जा रहा हैं, वहीं सर्दियां अधिक प्रदूषित होती जा रही हैं.

सीएसई ने कहा कि 2023 में, गर्मी के महीने (मार्च से जून) 2022 की तुलना में काफी कम प्रदूषित (14-36 प्रतिशत) थे. इसके विपरीत, 2023 में जनवरी, नवंबर और दिसंबर के सर्दियों के महीने 2022 में इन्हीं महीनों की तुलना में बहुत अधिक प्रदूषित (12-34 प्रतिशत) थे.

सीएसई ने कहा, ‘‘दिल्ली में आमतौर पर नवंबर और दिसंबर में दो बार ‘स्मॉग एपिसोड’ हुआ. वर्ष 2023 में, 24 दिसंबर तक, तीन एपिसोड हुए, और 30 दिसंबर को, दिल्ली में ‘गंभीर’ वायु गुणवत्ता का लगातार तीसरा दिन देखा गया, दिल्ली में लगातार तीसरे दिन हवा की गुणवत्ता ‘गंभीर’ रही, जो शहर में ‘स्मॉग’ की चौथी घटना है.”

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(इस खबर को The Hindkeshariटीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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