Jannah Theme License is not validated, Go to the theme options page to validate the license, You need a single license for each domain name.
देश

हवाबाज हिंडनबर्ग का हो रहा शटर डाउन, जानिए एक्सपर्ट क्या बोल रहे 










Hindenburg Nathan Anderson Conspiracy: हिंडनबर्ग के पीछे की ताकतों की जांच की मांग एक्सपर्ट कर रहे हैं.

Hindenburg Nathan Anderson Conspiracy: अमेरिकी इंवेस्टमेंट रिसर्च फर्म और शॉर्ट सेलिंग ग्रुप हिंडनबर्ग रिसर्च बंद होने जा रही है. कंपनी के फाउंडर नाथन एंडरसन ने ये एलान करते हुए कहा, ‘‘ जैसा कि मैंने पिछले साल के अंत से ही अपने परिवार, दोस्तों और अपने दल के साथ यह जानकारी साझा की थी कि मैंने हिंडनबर्ग रिसर्च को बंद करने का निर्णय लिया है. योजना मौजूदा विषयों पर जारी काम को पूरा करने के बाद इसे बंद करने की है. पोंजी मामलों पर काम हमने पूरा कर लिया है और इसे विनियामकों के साथ साझा कर रहे हैं. ”

क्यों बंद हुआ हिंडनबर्ग?

नाथन एंडरसन ने ये फैसला ऐसे समय में लिया है, जब अमेरिका में सत्ता हस्तांतरण की तैयारी जारी है. अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन के चार साल के कार्यकाल का अंत हो रहा है और 20 जनवरी को अमेरिका के 47वें राष्ट्रपति के रूप में डोनाल्ड ट्रंप शपथ ग्रहण करने जा रहे हैं.

एंडरसन ने कंपनी बंद करने पर आगे कहा, ‘‘ इसे बंद क्यों हो जाना चाहिए? कोई खास वजह नहीं है. कोई खतरा नहीं है, कोई स्वास्थ्य समस्या नहीं और कोई व्यक्तिगत समस्या नहीं है. किसी ने एक बार मुझसे कहा था कि एक निश्चित बिंदु पर एक सफल करियर एक स्वार्थी कार्य बन जाता है. शुरू में मुझे लगा कि मुझे खुद को कुछ चीजें साबित करने की जरूरत है. अब मुझे खुद के लिए कुछ सुकून चाहिए.”

यह भी पढ़ें :-  The Hindkeshariसे बोले विदेश मंत्री एस जयशंकर, विश्व शांति की दिशा में पहल करते दिखेंगे पीएम मोदी

जानिए एक्सपर्टस की राय 

हिंडनबर्ग टारगेटेड सुपारी लेकर भारत की अर्थव्यवस्था को नुकसान पहुंचाने और निजी मुनाफा कमाने की मंशा से काम कर रहा था. 

शहजाद पूनावाला

बीजेपी प्रवक्ता

नाथन एंडरसन पूरी तरह से बेनकाब हो चुका है. पीएम मोदी, अदाणी और सेबी पर हमले सिर्फ लाभ के लिए नहीं थे. ये भारत में अस्थिरता पैदा करने की साजिश थी.

जय अनंत देहाद्राई

वरिष्ठ वकील

हिंडनबर्ग ने जो अदाणी समुह के साथ किया और आज जो बाजार बता रहा है वो बता रहा है कि हिंडनबर्ग की रिपोर्ट का क्या महत्व है? फिर भी इनके पीछे लोग कौन थे, ये सामने आना जरूरी है.

हर्षवर्धन त्रिपाठी

वरिष्ठ पत्रकार

हिंडनबर्ग की रिपोर्ट पर कभी भी भरोसा नहीं था. हिंडनबर्ग खुद ट्रांसपेरेंसी नहीं रखता था. अगर हमें देश को मजबूत करना है तो देश के उद्योगपतियों पर भरोसा करना होगा. इसके लिए सरकार और विपक्ष को एक होना होगा. 

तहसीन पूनावाला

राजनीतिक विश्लेषक

हमने देखा है कि बांग्लादेश में क्या हुआ, श्रीलंका में क्या हुआ, नेपाल में क्या हो रहा है, म्यांमार में भी चालू हो गया है. इसी तरह भारत के खिलाफ भी डीप स्टेट की तरफ से साजिश रची गई.

अमन चुघ

अर्थशास्त्री

मोदी सरकार से लेकर सुप्रीम कोर्ट और सेबी तक को हिंडनबर्ग रिपोर्ट पर घेरने की कोशिश की गई. मकसद था अराजकता फैलाना. हिंडनबर्ग की पूरी रिपोर्ट मोटिवेटेड थी. इसके पीछे जो साजिश रचने वालों की जांच होनी चाहिए.

हितेश जैन

वरिष्ठ वकील

ये भी पढ़ें-

हिंडनबर्ग रिसर्च कंपनी अपने ही जाल में फंसी, क्या जांच के डर से बंद की अपनी दुकान

यह भी पढ़ें :-  मायावती बोलीं, जब सपा ने हमला किया तो बीजेपी ने बचाया था, कांग्रेस की चुप्पी पर उठाए सवाल


Show More

संबंधित खबरें

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button