कांग्रेस के साथ ओवैसी के खिलाफ भी अखिलेश यादव ने ये प्लान बना लिया!!
Akhilesh Yadav Mega Plan: अखिलेश यादव को तो जैसे हरियाणा के चुनाव रिज़ल्ट का इंतज़ार था. वहां कांग्रेस की हार होते ही उन्होंने अपना पॉलिटिकल गेयर बदल लिया है. अब उन्होंने कांग्रेस की परवाह किए बिना ही एकला चलो के फ़ार्मूले पर चलने का मूड बनाया है.पहले उन्होंने यूपी के उप चुनाव के लिए छह टिकट तय कर दिए. कांग्रेस इनमें से दो सीटों पर चुनाव लड़ना चाहती थी.अब अखिलेश यादव की नज़र महाराष्ट्र के विधानसभा चुनाव पर है.आज उन्होंने लखनऊ में अपने करीबी नेताओं संग मीटिंग की.
महाराष्ट्र पर नजर
समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव अगले हफ़्ते महाराष्ट्र के दौरे पर रहेंगे. दो दिनों तक अलग-अलग इलाक़ों का दौरा कर वह चुनावी तैयारी का जायज़ा लेंगे. उन्होंने समाजवादी पार्टी के चार वरिष्ठ नेताओं को पहले ही वहां का प्रभारी बनाया है. इन सभी नेताओं को अलग-अलग इलाक़ों की ज़िम्मेदारी दी गई है. सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक़ अखिलेश यादव पहले मालेगांव जाएंगे. फिर वे धुले का दौरा करेंगे. इन दोनों जगहों पर ओवैसी की पार्टी से विधायक हैं. असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी AIMIM ने पिछली बार धुले सिटी और मालेगांव सेंटर सीट जीत ली थी.
ओवैसी के गढ़ पर हमला
अखिलेश यादव इस बार महाराष्ट्र में चुनाव प्रचार की शुरूआत असदुद्दीन ओवैसी के गढ़ से कर रहे हैं. उन्होंने ये फ़ैसला जानबूझ कर किया है. वैसे भी अखिलेश और ओवैसी का छत्तीस का रिश्ता रहा है. लोकसभा चुनावों में मिली शानदार जीत के बाद से ही समाजवादी पार्टी अध्यक्ष का जोश हाई है. वे यूपी से बाहर पार्टी का विस्तार करना चाहते हैं. महाराष्ट्र का चुनाव एक बेहतर मौक़ा हो सकता है. AIMIM के प्रभाव वाली सीटों पर प्रचार कर अखिलेश यादव एक बड़ा संदेश देने की तैयारी में हैं. ये मैसेज ओवैसी के लिए भी हैं और महा विकास अघाड़ी के लिए भी है. अखिलेश इसी बहाने उत्तर भारतीय और मुस्लिम वोटरों को बताना चाहते हैं कि वहीं उनके “नेचुरल” लीडर हैं.
पुराना है खुन्नस
अखिलेश यादव और असदुद्दीन ओवैसी का रिश्ता जगज़ाहिर है. ओवैसी को समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष बीजेपी की बी टीम बताते रहे हैं. पिछले विधानसभा चुनाव के समय अखिलेश के पास AIMIM से गठबंधन का प्रस्ताव आया था. तब समाजवादी पार्टी की तरफ़ से कहा गया था कि ओवैसी के साथ आने से बीजेपी को फ़ायदा होगा. ओवैसी के बयान से सांप्रदायिक ध्रुवीकरण हो जाता है. ओवैसी का आरोप रहा है कि अखिलेश यादव और बीजेपी में अंदर का रिश्ता है. AIMIM चीफ़ कहते हैं कि समाजवादी पार्टी में मुसलमानों को सिर्फ़ दरी बिछाने का काम मिलता है. मलाई बस यादव समाज के लोग खाते हैं.
उद्धव, शरद पवार को भी संदेश
कांग्रेस और समाजवादी पार्टी के गठबंधन में कई तरह की गांठें अब दिख रही हैं. लोकसभा चुनाव के बाद समाजवादी पार्टी देश में तीसरे नंबर की पार्टी बन गई है. अखिलेश यादव इस बार महाराष्ट्र में कम से कम बारह विधानसभा सीटों पर उम्मीदवार उतारने के मूड में हैं. पार्टी ने विधानसभा की 22 सीटों की पहचान की है. इन सीटों पर बिहार और यूपी के वोटरों का दबदबा है या फिर मुसलमानों का. पिछले चुनाव में समाजवादी पार्टी बस दो ही सीटें जीत पाई थीं. भिवंडी पूर्व से रईस शेख़ और मानखुर्द शिवाजी नगर से अबु आज़मी समाजवादी पार्टी के विधायक हैं, लेकिन इस बार पार्टी की दावेदारी कई और भी सीटों पर है.क्या कांग्रेस और उसकी बाक़ी सहयोगी पार्टियां इसके लिए तैयार होंगी? अखिलेश यादव के एक करीबी नेता कहते हैं ताली दोनों हाथों से बजती है.
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