म्यांमार के शरणार्थियों के साथ सैनिकों को भी भारत में एंट्री की परमिशन, सरेंडर करने होंगे हथियार- सैन्य अधिकारी

पूर्वी कमान के जनरल ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ (GOC-In-C) लेफ्टिनेंट जनरल राणा प्रताप कलिता ने मंगलवार को इसकी जानकारी दी. उन्होंने पिछले हफ्ते म्यांमार से 5000 शरणार्थियों के भारत में प्रवेश करने और म्यांमार आर्मी 60 सैनिकों को म्यांमार वापस सौंपे जाने के मद्देनजर ये बयान दिया.
म्यांमार में जुंटा आर्मी और PDF के बीच बढ़ा संघर्ष, मिजोरम आने के लिए सीमा के पास डटे शरणार्थी
मिजोरम के जरिए भारत में प्रवेश कर रहे शरणार्थी
ज्यादातर शरणार्थी मिजोरम के जरिए भारत में प्रवेश कर रहे हैं. इनकी जनजातियां म्यांमार के लोगों के साथ एक मजबूत जातीय संबंध साझा करती हैं. कुछ शरणार्थी मिजोरम के अलावा संघर्षग्रस्त मणिपुर से भी आ रहे हैं. नागालैंड और मणिपुर समेत कई पूर्वोत्तर राज्यों के साथ म्यांमार की 1640 किलोमीटर की सीमा मिलती है.
म्यांमार सेना की मिलिशिया ग्रुप PDF से छिड़ी जंग, भारतीय सीमा में घुसे 2000 नागरिक
सीमा पार करने वाले कई लोगों के पास से प्रतिबंधित दवाएं बरामद
अधिकारी ने कहा, “हमने आने वाले लोगों के पास से बहुत सारी प्रतिबंधित दवाएं और नशीले पदार्थ बरामद किए हैं. इसलिए हम नशीली दवाओं के तस्करों पर बहुत कड़ी नजर रख रहे हैं. जब म्यांमार सेना के जवान आ रहे हैं, तो उन्हें हथियार सरेंडर करने के बाद ही एंट्री दी जा रही है. उचित पहचान के बाद उन्हें मोरेह सीमा (मणिपुर में) ले जाया जाता है. फिर म्यांमार के अधिकारियों को सौंप दिया जाता है.”
म्यांमार में सैन्य शिविर पर जुंटा विरोधी समूह के कब्जे के बाद 29 और सैनिक भाग कर मिजोरम पहुंचे
मणिपुर हिंसा का राजनीतिक समाधान निकालना होगा
मणिपुर में जारी हिंसा पर लेफ्टिनेंट जनरल ने कहा, “हम मणिपुर में हिंसा को रोकने में काफी हद तक सफल रहे हैं. लेकिन दोनों समुदायों के बीच छिटपुट घटनाएं होती रहती हैं. इसका राजनीतिक समाधान निकालना होगा.”
मणिपुर में 2 की हत्या
अधिकारियों ने कहा कि सोमवार को मणिपुर के कांगपोकपी जिले में इंफाल घाटी स्थित आतंकी समूहों के संदिग्ध सदस्यों ने 2 लोगों की हत्या कर दी. इनमें से एक सुरक्षा बल के जवान और दूसरा उनका ड्राइवर था. दोनों को गोली मारी गई थी.
कांगपोकपी जिले में बंद का ऐलान
एक आदिवासी संगठन ने दावा किया कि कुकी-ज़ो समुदाय के सदस्यों पर बिना उकसावे के हमला किया गया. हत्याओं के विरोध में कांगपोकपी जिले में बंद का ऐलान किया गया.
मुठभेड़ के बाद भागकर भारत आए म्यांमार के 29 सैनिकों को वापस भेजा गया
आम लोगों के हाथों में हैं लूटे गए हथियार
इस पूरे मामले पर लेफ्टिनेंट जनरल कलिता ने कहा, “मणिपुर में समुदायों के बीच विरासत के मुद्दे रहे हैं. अब दोनों समुदाय पूरी तरह से ध्रुवीकृत (पोलोराइज्ड) हो गए हैं. 4000 से ज्यादा लूटे गए हथियार अभी भी लोगों के हाथों में हैं. उनका इस्तेमाल किया जा रहा है. लिहाजा हिंसक घटनाएं हो रही हैं.”
बता दें कि मणिपुर में 3 मई को शुरू हुई हिंसा में अब तक 200 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है. 3000 से अधिक लोग घायल हुए हैं.
मिजोरम में 18 करोड़ रुपये से अधिक की हेरोइन जब्त,म्यांमार के पांच नागरिक गिरफ्तार