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कल AAP दफ्तर में मनाई जाएगी अंबेडकर जयंती, 'संविधान बचाने' को लेकर पार्टी नेता लेंगे शपथ

नई दिल्ली:

‘आप’ के राष्ट्रीय संयोजक और दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने जेल से संदेश भेज कर बाबा साहब की जयंती (14 अप्रैल) को ‘संविधान बचाओ दिवस’ के रूप में मनाने का आह्वान किया है. आम आदमी पार्टी ने इस आयोजन को एतिहासिक सफल बनाने की तैयारियां पूरी कर ली है. आप के दिल्ली प्रदेश संयोजक एवं कैबिनेट मंत्री गोपाल राय ने बताया कि देश के 24 राज्यों की राजधानी में यह आयोजन किया जाएगा. दिल्ली में पार्टी मुख्यालय पर सुबह 11 बजे सभी मंत्री, विधायक समेत पदाधिकारी एकत्र होंगे और बाबा साहब के संविधान की मूल भावना प्रस्तावना को एक साथ पढ़कर शपथ लेंगे.

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आम आदमी पार्टी के दिल्ली प्रदेश संयोजक गोपाल राय ने शनिवार को पार्टी मुख्यालय पर प्रेस वार्ता में कहा कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के संदेश के मुताबित पार्टी ने ये निर्णय लिया था कि 14 अप्रैल को बाबा साहब डॉ. भीमराव अंबेडकर के जन्मदिन के अवसर पर पूरी पार्टी देशभर में ‘संविधान बचाओ’ दिवस मनाएगी. अरविंद केजरीवाल ने ये संदेश भेजा था कि सरकार हमारे और हमारी पार्टी के ऊपर जितनी भी ज्यादतियां और अत्याचार कर रही है, वो हम सब बर्दाश्त करेंगे. इस समय पूरा देश लोकसभा चुनाव के दौर से गुजर रहा है. ये बहुत ही संवेदनशील समय है, जिस तरह से सरकार इस देश के अंदर संविधान के मूल्यों पर हमला कर रही है. ऐसे में अगर संविधान को बचाना है तो आज पूरे देश के लोगों को एकजुट होकर खड़े होना पड़ेगा.

उन्होंने आगे कहा कि पार्टी ने निर्णय लिया है कि 14 अप्रैल को देशभर में सभी राज्यों की राजधानियों में संविधान बचाओ, तानाशाही हटाओ का शपथ समारोह आयोजित किया जाएगा. दिल्ली में ये शपथ समारोह सुबह 11 बजे आम आदमी पार्टी के मुख्यालय में आयोजित होगा, जहां पार्टी के सभी पदाधिकारी, मंत्री और विधायक संविधान की मूल आत्मा प्रस्तावना को पढ़ेंगे और शपथ लेंगे कि इसे बचाने के लिए हम काम करेंगे. इसी तरह से देशभर में 24 राज्यों की राजधानियों में बाबा साहब की जयंती को संविधान बचाओ तानाशाही हटाओ दिवस के रूप में मनाएंगे और शपथ समारोह का कार्यक्रम करेंगे.

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उन्होंने कहा कि जबसे संविधान और लोकतंत्र पर  हमले के खिलाफ रामलीला मैदान में इंडिया गठबंधन ने संयुक्त रूप से महारैली की थी. सत्ता पक्ष और विपक्ष को मिलाकर भारतीय लोकतंत्र की आत्मा पैदा होती है। लेकिन नए संसद में एक साथ 150 से ज्यादा सांसदों को निलंबित करके नया इतिहास भी बना दिया. इसके बाद भी कहते हैं कि लोकतंत्र जिंदाबाद है? अगर सारा विपक्ष संसद से बाहर रहेगा, अगर आप उसे सस्पेंड कर देंगे और उसके बाद जो मर्जी वो कानून पास करेंगे. यह संविधान के मूल्यों और लोकतंत्र पर हमला नहीं तो और क्या है?

गोपाल राय ने कहा कि आज देश में जिन भी राज्यों में बीजेपी की सरकार नहीं है, वहां आप या तो जनता के जनादेश को खरीद रहे हैं, उसकी बोली लगा रहे हैं या फिर एजेंसियों का डर दिखाकर विधायकों को तोड़ रहे हैं.

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