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"आतंकवाद के कारण यात्रा पर पुनर्विचार करें": अमेरिका की पाकिस्‍तान को लेकर एडवाइजरी 


नई दिल्‍ली:

पाकिस्‍तान (Pakistan) को लेकर अमेरिका ने अपनी ट्रैवल एडवाइजरी (US Travel Advisory) को संशोधित किया है और अपने नागरिकों को आतंकवाद (Terrorism) के खतरे का हवाला देते हुए पाकिस्‍तान की यात्रा पर पुनर्विचार करने की सलाह दी है. इस एडवाइजरी में आतंकवाद और सशस्त्र संघर्ष की संभावना के कारण भारत-पाकिस्तान बॉर्डर और एलओसी के पाकिस्तानी की ओर वाले हिस्से के नजदीकी इलाके के साथ ही अशांत बलूचिस्तान और खैबर पख्तूनख्वा प्रांतों और पूर्व संघीय प्रशासित जनजातीय क्षेत्रों (Federally Administered Tribal Areas) में आतंकी घटनाओं के खतरे का उल्लेख किया गया है.  

इस एडवाइजरी को समय-समय पर रिव्‍यू के बाद मंगलवार को जारी किया गया है. ट्रैवल एडवाइजरी में अमेरिका ने पाकिस्‍तान को लेवल 3 के तहत वर्गीकृत किया है, जिसका अर्थ है “यात्रा पर पुनर्विचार करें”. यह अंतिम लेवल 4 श्रेणी से बस एक कदम नीचे है, जो कि “यात्रा न करें” है. लेवल 4 को बलूचिस्तान, खैबर पख्तूनख्वा और एफएटीए क्षेत्रों के साथ-साथ नियंत्रण रेखा के आसपास भी लागू किया गया है. 

हमले की साजिश रच रहे चरमपंथी : एडवाइजरी 

एडवाइजरी में कहा गया है कि पाकिस्तान में सुरक्षा का माहौल अस्थिर है, यह “कभी-कभी बहुत कम या बिना किसी सूचना के बदल रहा है” और हिंसक चरमपंथी समूह देश में हमलों की साजिश रच रहे हैं. 

एडवाइजरी के मुताबिक, “व्‍यापक पैमाने पर आतंकवादी हमलों के कारण कई लोग मारे गए हैं और छोटे  हमले होते रहते हैं. आतंकवाद और चरमपंथी तत्वों द्वारा हिंसा के कारण नागरिकों के साथ सेना और पुलिस के ठिकानों पर भी हमले हो रहे हैं. आतंकी परिवहन केंद्रों, सैन्य प्रतिष्ठानों, एयरपोर्ट, विश्वविद्यालयों, बाजारों, शॉपिंग मॉल, पर्यटक आकर्षणों, स्कूलों, अस्पतालों, पूजा स्थलों और सरकारी सुविधाओं को निशाना बनाकर बहुत कम या बिना किसी चेतावनी के हमला कर सकते हैं. आतंकवादियों ने पहले भी अमेरिकी राजनयिकों और राजनयिक सुविधाओं को निशाना बनाया है.”

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विरोध-प्रदर्शनों के दौरान इंटरनेट बंद होना आम : एडवाइजरी 

साथ ही इसमें कहा गया है, “स्थानीय कानून बिना परमिट विरोध या प्रदर्शन करने पर रोक लगाता है. किसी विरोध प्रदर्शन के करीब होने पर पाकिस्तानी सुरक्षाबलों की नजर पड़ सकती है. अमेरिकी नागरिकों को विरोध प्रदर्शनों में भाग लेने और सोशल मीडिया पर पाकिस्तानी सरकार, सेना या अधिकारियों की आलोचना करने वाली सामग्री पोस्ट करने के लिए हिरासत में लिया गया है. इंटरनेट और मोबाइल फोन सेवा बंद होना खासकर विरोध प्रदर्शनों के दौरान आम बात है.”

एडवाइजरी में बलूचिस्तान को लेकर कहा गया है कि चरमपंथी समूहों ने घातक आतंकवादी हमले किए हैं, जबकि खैबर पख्तूनख्वा प्रांत में आतंकी और विद्रोही समूहों ने सरकारी अधिकारियों और नागरिकों को निशाना बनाया है. 

साथ ही इसमें पूर्व एफएटीए सहित खैबर पख्तूनख्वा के बारे में कहा, “हत्या और अपहरण के प्रयास आम हैं, जिसमें पोलियो उन्मूलन टीमों और पाकिस्तान सरकार की सुरक्षा सेवा (पुलिस और सैन्य) कर्मियों को निशाना बनाना शामिल है.”

पाकिस्तानी सीमा पर एलओसी के आसपास के इलाके को लेकर कहा गया है कि आतंकी समूह इस इलाके में सक्रिय हैं. साथ ही कहा है कि इसके दोनों ओर भारत और पाकिस्तान मजबूत सैन्य उपस्थिति बनाए हुए हैं. 
 



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