देश

अमित शाह ने लाचित बोरफुकन पुलिस अकादमी का क‍िया उद्घाटन


डेरगांव:

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शनिवार को डेरगांव में नव-निर्मित लाचित बोरफुकन पुलिस अकादमी का उद्घाटन किया. यह अकादमी उन्नत प्रशिक्षण अवसंरचना और आधुनिक तकनीक से सुसज्जित है. उन्होंने अकादमी के आवासीय परिसर की आधारशिला भी रखी. इस दौरान सभा को संबोधित करते हुए केंद्रीय गृह मंत्री ने लाचित बोरफुकन को श्रद्धांजलि दी, जिन्होंने मुगलों के खिलाफ असम की रक्षा की थी.

अमित शाह ने मां कामाख्या और श्रीमंत शंकरदेव की महान विरासत को नमन किया. 167 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित इस अकादमी के प्रथम चरण को राष्ट्र को समर्पित करते और द्वितीय चरण की आधारशिला रखते हुए, उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि अगले पांच वर्षों में यह अकादमी भारत की सर्वश्रेष्ठ पुलिस अकादमी बन जाएगी. उन्होंने इसे देश का शीर्ष पुलिस प्रशिक्षण संस्थान बनाने के लिए तीन चरणों में कुल 1,024 करोड़ रुपये के निवेश की प्रतिबद्धता दोहराई.

केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा कि एक समय था जब उग्रवाद प्रभावित असम के पुलिस कर्मियों को प्रशिक्षण के लिए अन्य राज्यों में भेजना पड़ता था, जबकि आज यह गर्व की बात है कि मणिपुर और गोवा के 2 हजार पुलिस कर्मी लाचित बोरफुकन पुलिस अकादमी में प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे हैं. उन्होंने असम सरकार की सराहना की कि इस अकादमी को महान योद्धा लाचित बोरफुकन को समर्पित किया गया है.

यह भी पढ़ें :-  PM मोदी का आइडिया और गुजरात सरकार ने ओवरब्रिज के नीचे बना दिया स्पोर्ट्स क्लब, हेल्थ के साथ रोजगार के फायदे

अपने व्यक्तिगत अनुभव को साझा करते हुए गृह मंत्री शाह ने कहा कि सात वर्ष की आयु में उन्होंने लाचित बोरफुकन की वीरता के बारे में पढ़ा था, लेकिन अपनी स्नातक तक की पढ़ाई के दौरान उन्हें इस महान योद्धा पर कोई और पुस्तक नहीं मिली. उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि पहले लाचित बोरफुकन की गाथा केवल असम तक सीमित थी, लेकिन आज उनकी जीवनी को 23 भारतीय भाषाओं में अनुवादित कर देशभर के पुस्तकालयों में संरक्षित किया गया है, जिससे युवा छात्र प्रेरित हो रहे हैं. उन्होंने असम सरकार के उस प्रयास की भी सराहना की, जिसके तहत लाचित बोरफुकन की कहानी को आठ अन्य राज्यों के पाठ्यक्रम में शामिल किया गया है.

अपने संबोधन के दौरान उन्होंने पिछले दस वर्षों में असम के विकास के लिए मोदी सरकार द्वारा उठाए गए विभिन्न कदमों को रेखांकित किया. उन्होंने बोडो, कार्बी, आदिवासी और उल्फा उग्रवादी समूहों के साथ शांति समझौतों, असम-मेघालय और असम-अरुणाचल सीमा विवादों के समाधान, अर्धचालक क्षेत्र में निवेश और एडवांटेज असम 2.0 पहल की सफलता का उल्लेख किया. उन्होंने आशा व्यक्त की कि 5.18 लाख करोड़ रुपये के निवेश समझौतों में से अधिकांश जल्द ही साकार होंगे. इसके अलावा, भारत सरकार द्वारा 3 लाख करोड़ रुपये के बुनियादी ढांचा निवेश के साथ, अब कुल 8 लाख करोड़ रुपये का निवेश असम में रोजगार के नए अवसर सृजित करेगा, जिससे उन युवाओं के लिए नौकरियों के द्वार खुलेंगे, जो पहले मजबूरी में राज्य के बाहर काम करने जाते थे.

कांग्रेस शासन की तुलना करते हुए, उन्होंने बताया कि कांग्रेस सरकार ने असम को केवल 1,27,000 करोड़ रुपये की धनराशि दी थी, जबकि मोदी सरकार ने पिछले दस वर्षों में 4,95,000 करोड़ रुपये आवंटित किए हैं, जो कांग्रेस के मुकाबले चार गुना अधिक है. उन्होंने कांग्रेस पर असम में अशांति फैलाने और इसके विकास के लिए पर्याप्त वित्तीय संसाधन उपलब्ध नहीं कराने का आरोप लगाया, विशेष रूप से शिक्षा और बुनियादी ढांचे के क्षेत्र में.

यह भी पढ़ें :-  हथकड़ी पहने ताजमहल देखने पहुंचा कैदी, पर्यटक और स्थानीय लोग हैरान, जानें पूरा मामला

केंद्रीय गृह मंत्री ने असम की बुनियादी ढांचा परियोजनाओं की सराहना की, जिसमें भारत माला परियोजना के तहत 200 किमी सड़कों के लिए 10,000 करोड़ रुपये, धुबरी-फुलबाड़ी पुल, और सिलचर-चुराइबाड़ी कॉरिडोर के लिए 3,400 करोड़ रुपये आवंट‍ित क‍िए गए हैं. इसके अलावा, माजुली में सड़क और तटबंध के लिए एक हजार करोड़ रुपये, ब्रह्मपुत्र पर छह लेन पुलों के निर्माण के लिए भी धन आवंटित किया गया है. स्वास्थ्य, शौचालय निर्माण, एलपीजी कनेक्शन, और आवास परियोजनाओं के तहत लाखों लोगों को लाभ हुआ है. असम पुलिस की सजा दर 5 फीसदी से बढ़कर 25 फीसदी हो गई है और नए भारतीय न्याय संहिता के कार्यान्वयन से असम पुलिस को उच्चतम प्रशिक्षण मिलेगा.
 


Show More

संबंधित खबरें

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button