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देश

अमित शाह ने सहकारिता क्षेत्र के लिए शरद पवार के कार्यों पर उठाए सवाल


मालेगांव/ मुंबई:

केंद्रीय सहकारिता मंत्री अमित शाह ने शुक्रवार को राकांपा (एसपी) प्रमुख शरद पवार के केंद्रीय कृषि मंत्री रहते समय सहकारिता क्षेत्र में दिए गए योगदान पर सवाल उठाते हुए कहा कि मोदी सरकार ने इस क्षेत्र के प्रोत्साहन के लिए कई कदम उठाए हैं.

अमित शाह ने महाराष्ट्र यात्रा के दौरान दो कार्यक्रमों को संबोधित करते हुए कहा कि केंद्र और महाराष्ट्र में सत्तारूढ़ भाजपा के नेतृत्व वाली सरकारें सहकारिता क्षेत्र को अलग पहचान दिलाने के साथ इसे चमकाने का काम करेंगी.

उन्होंने कहा, “मैं आपसे पूछना चाहता हूं पवार साहब… आप संप्रग सरकार के समय 10 साल तक कृषि मंत्री थे और सहकारिता विभाग आपके ही अधिकार क्षेत्र में था. महाराष्ट्र के लोगों को बताएं कि आपने राज्य में सहकारिता आंदोलन, चीनी मिलों, कर, किसानों, सहकारी क्षेत्र के लिए क्या किया है. क्या आपने कर संबंधी मुद्दों को हल किया या कर के संबंध में मॉडल उपनियम बनाए?”

दिग्गज भाजपा नेता ने विपक्षी गठबंधन में अहम भूमिका निभाने वाले पवार पर तीखा हमला करते हुए कहा, “मार्केटिंग करके नेता बनना काफी नहीं है…आपको जमीन पर काम करने की जरूरत है.”

शाह ने उत्तर महाराष्ट्र के नासिक जिले के मालेगांव में सहकारिता क्षेत्र की एक बैठक को संबोधित करते हुए यह टिप्पणी की. उन्होंने शाम को मुंबई में आयोजित एक अन्य कार्यक्रम में भी पवार पर बिना नाम लिए हमला किया.

सहकारिता मंत्री शाह ने मालेगांव कार्यक्रम में कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार ने 2021 में एक अलग सहकारिता मंत्रालय का गठन करने के बाद इस क्षेत्र में कई सकारात्मक बदलाव किए हैं.

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शाह ने कहा, “मोदी ने सहकारिता मंत्रालय की स्थापना की, चीनी मिलों के लिए एथनॉल नीति का मसौदा तैयार किया, उनके आयकर मुद्दों को हल किया और कराधान के लिए मॉडल उपनियम लेकर आए.”

केंद्रीय मंत्री ने बताया कि देश में 1,465 शहरी सहकारी बैंक हैं जिनमें से आधे अकेले गुजरात एवं महाराष्ट्र में स्थित हैं. उन्होंने कहा कि सहकारिता मंत्रालय ने भारतीय रिजर्व बैंक के साथ शहरी सहकारी बैंकों से जुड़े कई मुद्दों को सुलझाया है.

शाह ने कहा कि जब विज्ञान सहकारी क्षेत्र का हिस्सा बन जाता है तो कृषि एक लाभदायक व्यवसाय बन जाती है. उन्होंने कहा कि जैविक कृषि उत्पादों की पैकेजिंग एवं विपणन के लिए सहकारिता मंत्रालय के तहत एक अलग इकाई ‘भारत सहकारी ऑर्गेनिक्स लिमिटेड’ (आधिकारिक तौर पर राष्ट्रीय सहकारी ऑर्गेनिक्स लिमिटेड) की स्थापना की गई है.

शाह ने कहा कि एक मजबूत सहकारी क्षेत्र सही मायने में ‘आत्मनिर्भर’ होने का संकेत देता है. इस क्षेत्र में 1.18 लाख सदस्य हैं और उनकी सरकार ने जुलाई, 2021 में स्थापित सहकारिता विभाग के कई लंबित मुद्दों को हल किया है.

उन्होंने कहा, “चीनी मिलों का 46,000 करोड़ रुपये का कर घटा दिया गया है. नए गोदाम बनाए गए हैं, ऋण वितरित किए गए हैं, एथनॉल मिश्रण के लिए कदम उठाए गए हैं.”

सहकारिता मंत्रालय देश में सहकारी आंदोलन को मजबूत करने के लिए एक अलग प्रशासनिक, कानूनी और नीतिगत ढांचा प्रदान करने के लिए जिम्मेदार है.



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