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मौनी अमावस्या पर अमृत स्नान, 8 से 10 करोड़ श्रद्धालुओं के पहुंचने की उम्मीद; जानिए कब किस अखाड़े का समय


प्रयागराज:

दिव्य और भव्य महाकुंभ में मौनी अमावस्या पर पवित्र स्नान को लेकर करोड़ों की संख्या में श्रद्धालु प्रयागराज पहुंच रहे हैं. 2025 के सबसे बड़े अमृत स्नान मौनी अमावस्या का पर्व आधी रात से ही शुरू है. एक अनुमान के अनुसार, बुधवार को लगभग 8 से 10 करोड़ श्रद्धालुओं के महाकुंभ आने की उम्मीद है. मंगलवार से ही यहां लोगों के आने का सिलसिला जारी है. लोगों की सुविधा और सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए मेला प्रशासन ने भी खास तैयारियां की हैं. इधर अखाड़ों के अमृत स्नान को लेकर समय भी जारी कर दिया गया है.

मौनी अमावस्या स्नान के लिए अखाड़ों के परंपरागत अमृत स्नान की संशोधित समय-सारिणी

श्री पंचायती अखाड़ा, महानिर्वाणी अखाड़ा और श्री शम्भू पंचायती अटल अखाड़ा

  • शिविर से प्रस्थान का समय – सुबह 4 बजे
  • घाट पर आगमन का समय – सुबह 5 बजे
  • स्नान का समय – 40 मिनट
  • घाट से प्रस्थान – सुबह 5:40 बजे 
  • अखाड़ा शिविर में वापसी –  6:40 बजे

श्री तपोनिधि पंचायती श्री निरंजनी अखाड़ा और श्री पंचायती अखाड़ा आनंद

  • शिविर से प्रस्थान का समय – सुबह 4:50 बजे
  • घाट पर आगमन का समय – सुबह 5:50 बजे 
  • स्नान का समय – 40 मिनट
  • घाट से प्रस्थान – सुबह 6:30 बजे 
  • अखाड़ा शिविर में वापसी –  7:30 बजे

श्री पंचदशनाम जूना अखाड़ा, श्री पंच दशनाम आवाहन अखाड़ा और श्री पंचाग्नि अखाड़ा

  • शिविर से प्रस्थान का समय – सुबह 5:45 बजे
  • घाट पर आगमन का समय – सुबह 6:45 बजे 
  • स्नान का समय – 40 मिनट
  • घाट से प्रस्थान – सुबह 7:25 बजे 
  • अखाड़ा शिविर में वापसी –  8:30 बजे
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बैरागी अखाड़ों के तहत अखिल भारतीय श्री पंच निर्वाणी अनी अखाड़ा

  • शिविर से प्रस्थान का समय – सुबह 8:25 बजे
  • घाट पर आगमन का समय – सुबह 9:25 बजे 
  • स्नान का समय – 30 मिनट
  • घाट से प्रस्थान – सुबह 9:55 बजे 
  • अखाड़ा शिविर में वापसी –  10:55 बजे

अखिल भारतीय श्री पंच दिगंबर अनी अखाड़ा

  • शिविर से प्रस्थान का समय – सुबह 9:05 बजे
  • घाट पर आगमन का समय – सुबह 10:05 बजे
  • स्नान का समय – 50 मिनट
  • घाट से प्रस्थान – सुबह 10:55 बजे 
  • अखाड़ा शिविर में वापसी – 11:55 बजे

अखिल भारतीय श्री पंच निर्मोही अनी अखाड़ा

  • शिविर से प्रस्थान का समय – सुबह 10:05 बजे
  • घाट पर आगमन का समय – सुबह 11:05 बजे 
  • स्नान का समय – 30 मिनट
  • घाट से प्रस्थान –  11:35 बजे 
  • अखाड़ा शिविर में वापसी – 12:35 बजे
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उदासीन अखाड़ों के तहत श्री पंचायती नया उदासीन अखाड़ा

  • शिविर से प्रस्थान का समय – सुबह 11:00 बजे
  • घाट पर आगमन का समय – 12:00 बजे 
  • स्नान का समय – 55 मिनट
  • घाट से प्रस्थान –  12:55 बजे 
  • अखाड़ा शिविर में वापसी – 01:55 बजे
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श्री पंचायती अखाड़ा बड़ा उदासीन निर्वाण

  • शिविर से प्रस्थान का समय – 12:05 बजे
  • घाट पर आगमन का समय – 13:05 बजे
  • स्नान का समय – 60 मिनट
  • घाट से प्रस्थान –  14:05 बजे 
  • अखाड़ा शिविर में वापसी – 15:05 बजे

श्री पंचायती निर्मल अखाड़ा

  • शिविर से प्रस्थान का समय – 13:25 बजे
  • घाट पर आगमन का समय – 14:25 बजे 
  • स्नान का समय – 40 मिनट
  • घाट से प्रस्थान –  15:05 बजे 
  • अखाड़ा शिविर में वापसी – 15:55 बजे
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मौनी अमावस्या पर प्रशासन की अपील, बताया- ‘क्या करें और क्या नहीं’

श्रद्धालुओं को किसी भी तरह की अफवाहों से बचने और सतर्क रहने की सलाह दी गई है. इसके अलावा आपात स्थिति में मेला पुलिस, ट्रैफिक पुलिस और स्पेशल डॉक्टरों की टीम श्रद्धालुओं की देखरेख के लिए 24 घंटे तैनात की गई है.

क्या करना है…

  • संगम घाट पहुंचने के लिए अलग-अलग लेन से ही जाएं
  • गंगा स्नान के लिए जाते समय अपनी लेन में बने रहें
  • आने वाले श्रद्धालु स्नान और दर्शन करने के बाद सीधे पार्किंग की ओर जाएं.
  • मंदिरों में दर्शन के लिए जाते समय अपनी लेन में बने रहें, वहां से अपने गंतव्य स्थान के लिए प्रस्थान करें.
  • जरूरत पड़ने पर पुलिस का सहयोग लें, पुलिस आपकी मदद के लिए है.
  • ट्रैफिक पुलिस भी आपकी मदद के लिए तत्पर है.
  • स्वास्थ्य संबंधी समस्या होने पर नजदीकी सेक्टर में बने हॉस्पिटल में जांच कराएं.
  • बैरिकेडिंग और पांटून पुलों पर धैर्य बनाए रखें, जल्दबाजी और धक्कामुक्की से बचें.
  • कागज, जूट या इको फ्रेंडली बर्तनों और कुल्हड़ों का ही प्रयोग करें.
  • सभी घाट संगम घाट हैं, जिस घाट पर पहुंच जाएं, वहीं स्नान करें.
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क्या नहीं करना है…

  • श्रद्धालु कहीं एक साथ एक स्थान पर न रुकें
  • किसी भी स्थिति में आने और जाने वाले श्रद्धालु आमने-सामने न पड़ें.
  • मेले में किसी के द्वारा फैलाई गई अफवाहों से बचें.
  • सोशल मीडिया पर फैलाए गए किसी भी भ्रम को सच न मानें.
  • मंदिरों में दर्शन के लिए किसी भी प्रकार की हड़बड़ी न दिखाएं.
  • होल्डिंग एरिया के बजाय रास्तों पर न रुकें, किसी तरह का अवरोध न उत्पन्न करें.
  • व्यवस्था या सुविधा को लेकर किसी के भी बहकावे में आने से बचें.
  • किसी प्रकार की भ्रामक खबरों को आगे बढ़ाने से बचें.
  • पवित्र स्नान के लिए किसी भी प्रकार की जल्दबाजी न करें.
  • प्लास्टिक की पन्नियों और बर्तनों के इस्तेमाल से बचें.
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मौनी अमावस्या स्नान से पूर्व श्रद्धालुओं के लिए परामर्श

पुलिस ने बताया कि श्रद्धालुओं से आग्रह है कि सभी घाट संगम घाट हैं और वे जिस घाट पर पहुंच जाएं वहीं स्नान करें. श्रद्धालु कहीं एक साथ एक स्थान पर ना रुकें और किसी भी स्थिति में आने और जाने वाले श्रद्धालु आमने-सामने ना आएं. साथ ही मेले में अफवाहों से बचें और सोशल मीडिया पर फैलाए गए किसी भी भ्रम को सच ना मानें.

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महाकुम्भनगर में 1000 से अधिक मेडिकल कर्मियों की तैनाती

मौनी अमावस्या के मौके पर बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं के जुटने के मद्देनजर यहां 1000 से अधिक मेडिकल कर्मियों को तैनात किया गया है. मेले के हर सेक्टर में आधुनिक चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध कराई गई हैं. 300 विशेषज्ञ डॉक्टर सुपर स्पेशल हॉस्पिटल में तैनात किए गए हैं. ये डॉक्टर किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए तैयार हैं. अब तक 2 लाख से अधिक मरीज यहां के केंद्रीय समेत अन्य अस्पतालों में ओपीडी सेवाओं का लाभ उठा चुके हैं. साथ ही ढाई लाख से अधिक पैथोलॉजी टेस्ट अब तक किए जा चुके हैं. आधुनिक चिकित्सा सुविधाओं के साथ सरकार ने मेले को सुरक्षित और स्वस्थ बनाने के लिए हर संभव कदम उठाए हैं.

कलर कोडेड आश्रय स्थलों से होकर प्लेटफॉर्म पर पहुंचेगें तीर्थ यात्री

महाकुंभ में मौनी अमावस्या के अमृत स्नान के लिए देशभर से करोड़ों की संख्या में श्रद्धालु प्रयागराज आ रहे हैं. मेला प्राधिकरण का अनुमान है कि मौनी अमावस्या पर्व पर लगभग 10 करोड़ श्रद्धालु पवित्र संगम में स्नान करेंगे. इस अवसर पर प्रयागराज रेल मंडल ने श्रद्धालुओं की सुगम, सुरक्षित यात्रा और स्टेशन पर भीड़ प्रबंधन के लिए विशेष क्राउड मैनेजमेंट प्लान तैयार किया है. तीर्थयात्रियों को उनके गंतव्य स्टेशन के अनुसार दिशावार कलर कोडेड आश्रय स्थलों के माध्यम से प्लेटफार्म पर पहुंचाया जाएगा. सभी आश्रय स्थलों में खानपान के स्टॉल, अनाउंसमेंट और पूछताछ काउंटर, प्राथमिक चिकित्सा, पेयजल एवं सार्वजनिक शौचालय जैसी बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध रहेंगी.

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प्रयागराज क्षेत्र में श्रद्धालुओं के आवागमन को सुगम और सुरक्षित बनाने के लिए कलर कोडिंग व्यवस्था को लागू किया गया है. प्रयागराज जंक्शन, छिवकी, नैनी जंक्शन एवं सूबेदरगंज स्टेशनों से यात्रा करने वाले श्रद्धालुओं को उनके गंतव्य स्टेशन पर भेजने के लिए लाल, नीले, पीले एवं हरे रंग के यात्री आश्रय बनाए गए हैं. कलर कोडिंग व्यवस्था से यात्रियों को आसानी से दिशावार उचित प्लेटफॉर्म से सही ट्रेनों में सरलतापूर्वक भेजा जाएगा.

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श्रद्धालुओं के आवागमन को सुगम और सुरक्षित बनाने के लिए कलर कोडिंग की व्यवस्था

प्रयागराज जंक्शन से लखनऊ और वाराणसी की ओर जाने वाले यात्री लाल रंग के आश्रय स्थलों में रोके जाएंगे. जबकि, मानिकपुर, सतना और झांसी के लिए पीले रंग और कानपुर जाने वाले यात्री हरे और पं. दीनदयाल उपाध्याय की ओर जाने वाले श्रद्धालुओं को नीले रंग के आश्रय स्थलों में उद्धोषणा कर उनकी ट्रेन के हिसाब से प्लेटफॉर्म पर भेजा जाएगा, ताकि स्टेशन परिसर में बिना अफरा-तफरी यात्री सुगमता से सही ट्रेन में पहुंच सकें.

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नैनी जंक्शन, छिवकी और सूबेदारगंज स्टेशनों पर भी इसी तरह कलर कोडेड आश्रय स्थलों का निर्माण किया गया है. इस महाकुंभ में पहली बार प्रयागराज रेल मंडल ने दिशावार कलर टिकट भी जारी किए हैं, ताकि रेलवे और जीआरपी के कर्मी आसानी से तीर्थयात्रियों को सही प्लेटफॉर्म और ट्रेन तक पहुंचा सकें.

इसके अलावा रेलवे प्रशासन ने भीड़ के अतिरिक्त दबाव के प्रबंधन के लिए खुसरोबाग में एक लाख लोगों की क्षमता का होल्डिंग एरिया भी बनाया है. साथ ही सिविल प्रशासन विभिन्न प्रतिबंधों के साथ तय मार्गों से ही तीर्थयात्रियों का आवागमन करा रहा है, ताकि भगदड़ की स्थिति न बनने पाए. श्रद्धालुओं को रेलवे स्टेशनों पर पहुंचने में अनुमानित समय से अधिक समय लग सकता है, अतः प्रयागराज रेल मंडल ने श्रद्धालुओं से अपील की है कि प्रयागराज क्षेत्र के स्टेशनों से यात्रा के लिए यात्री अतिरिक्त समय लेकर यात्रा करें.


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