दुनिया

गाजा में 'सीजफायर' नहीं होने से नाराज तुर्की ने इजरायल से अपने राजदूत को वापस बुलाया

पिछले महीने इजरायल-हमास युद्ध शुरू होने से पहले फिलिस्तीन का सहयोगी तुर्की धीरे-धीरे इजरायल के साथ अपने टूटे हुए संबंधों को सुधार रहा था.

हालांकि जैसे-जैसे युद्ध बढ़ता गया और फिलिस्तीनी लोंगों की मौतों का आंकड़ा बढ़ता गया, तुर्की ने इजरायल और उसके समर्थक पश्चिमी देशों, विशेष रूप से अमेरिका के खिलाफ अपना स्वर सख्त करना शुरू कर दिया.

तुर्की के विदेश मंत्रालय ने कहा कि राजदूत साकिर ओजकान टोरुनलर को “गाजा में नागरिकों के खिलाफ इजरायल की ओर से निरंतर किए जा रहे हमलों और इजरायल के युद्धविराम को अस्वीकार करने के कारण हुई मानवीय त्रासदी को देखते हुए” परामर्श के लिए वापस बुलाया जा रहा है.

इजरायली सैन्य बलों ने गाजा के सबसे बड़े शहर को घेरा

इजरायली सैन्य बलों ने गाजा के सबसे बड़े शहर को घेर लिया है, वे इजरायल पर सात अक्टूबर को किए गए हमले का बदला लेने के लिए हमास को कुचलने की कोशिश कर रहे हैं. इजरायली अधिकारियों का कहना है कि हमले में करीब 1400 लोग मारे गए, जिनमे से ज्यादातर आम नागरिक थे. इसके अलावा हमास ने लगभग 240 लोगों को बंधक बना लिया.

हमास द्वारा गाजा में संचालित स्वास्थ्य मंत्रालय का कहना है कि इजरायली हमलों और तेज होते जमीनी अभियान में अब तक करीब 9500 लोग मारे गए हैं. मरने वालों में से ज्यादातर महिलाएं और बच्चे हैं.

एर्दोगन ने नेतन्याहू को युद्ध के लिए जिम्मेदार ठहराया

तुर्की के राष्ट्रपति रेसेप तैयप एर्दोगन (Recep Tayyip Erdogan) ने संवाददाताओं से कहा कि उन्होंने गाजा पट्टी में बढ़ते आम नागरिकों की मौतों के आंकड़े के लिए नेतन्याहू को व्यक्तिगत रूप से जिम्मेदार ठहराया है. तुर्की मीडिया ने एर्दोगन के हवाले से कहा, “नेतन्याहू अब ऐसे व्यक्ति नहीं हैं जिनसे हम बात कर सकें. हमने उन्हें खारिज कर दिया है.”

यह भी पढ़ें :-  इजरायल को भारत पर भरोसा, हमास से जंग के लिए ईरान जिम्मेदार: इजरायली राजदूत नाओर गिलोन

‘इसे रोकने की जरूरत’ 

इजराइल ने पहले सुरक्षा को लेकर एहतियात बरतते हुए तुर्की और अन्य क्षेत्रीय देशों से अपने सभी राजनयिकों को वापस बुला लिया था.

इजरायली विदेश मंत्रालय ने पिछले वीकेंड पर कहा था कि वह इजरायल-हमास युद्ध के बारे में तुर्की की बढ़ती तीखी बयानबाजी के कारण अंकारा के साथ अपने संबंधों का “पुनर्मूल्यांकन” कर रहा है.

एर्दोगन ने शनिवार को कहा कि तुर्की इजराइल के साथ राजनयिक संबंध पूरी तरह से नहीं तोड़ रहा है. एर्दोगन ने कहा, “संबंधों को पूरी तरह से तोड़ना संभव नहीं है, खास तौर पर इंटरनेशनल डिप्लोमेसी में.”

“नेतन्याहू ने अपने ही नागरिकों का समर्थन खो दिया”

एर्दोगन ने कहा कि खुफिया एजेंसी एमआईटी के चीफ इब्राहिम कालिन युद्ध को समाप्त करने की कोशिश और मध्यस्थता के लिए तुर्की के प्रयासों का नेतृत्व कर रहे हैं. एर्दोगन ने कहा, “इब्राहिम कालिन इजरायली पक्ष से बात कर रहे हैं. बेशक वे फिलिस्तीन और हमास से भी बातचीत कर रहे हैं.”

हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि नेतन्याहू हिंसा के लिए प्राथमिक रूप से जिम्मेदार हैं और उन्होंने “अपने ही नागरिकों का समर्थन खो दिया है.” एर्दोगन ने कहा, “उन्हें एक कदम पीछे हटने और इसे रोकने की जरूरत है.”

फिलिस्तीनियों का विनाश करने की कोशिश का आरोप

इजरायल-हमास युद्ध के शुरुआती दिनों में तुर्की नेता एर्दोगन ने अधिक सतर्कता वाला रुख अपनाया था. लेकिन बाद में पिछले वीकेंड पर उन्होंने इस मुद्दे पर इस्तांबुल में एक विशाल रैली को संबोधित किया. इसमें उन्होंने इजरायल सरकार पर “युद्ध अपराधी” की तरह व्यवहार करने और फिलिस्तीनियों का “जड़ से विनाश” करने की कोशिश करने का आरोप लगाया.

यह भी पढ़ें :-  "अगर मैं राष्ट्रपति होता तो इजरायल में अत्याचार नहीं होते": पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प

एंटनी ब्लिंकन मध्य-पूर्व के दौरे के तहत रविवार को अंकारा की दो दिन की यात्रा शुरू करेंगे. शीर्ष अमेरिकी राजनयिक ने इसके एक दिन पहले इजरायल की यात्रा के बाद शनिवार को जॉर्डन की राजधानी अम्मान में अपने अरब समकक्षों के साथ बैठक की.

यह भी पढ़ें –

अमेरिका ने इजरायल से गाजा के सबसे बड़े शरणार्थी शिविर पर हमले को लेकर स्पष्टीकरण मांगा: रिपोर्ट

गाजा में युद्ध के लिए अमेरिका जिम्मेदार, इजरायल को बनाया औजार : हिजबुल्ला चीफ

Show More

संबंधित खबरें

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button