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अनिल विज ने 'X' पर "मोदी का परिवार" लाइन की एडिट, सवाल उठे तो ऐसे दिया जवाब

नई दिल्ली:

हरियाणा के पूर्व गृह मंत्री अनिल विज ने एक्स पर अपने बायो से ‘मोदी का परिवार’ टैगलाइन हटा दिया. इसके बाद बीजेपी के नेता और समर्थक उन पर निशाना साधने लगे. इससे नाराज अनिल विज ने आज सोशल मीडिया पर एक लंबी पोस्ट लिखी और सुझाव दिया कि उन्हें सार्वजनिक रूप से हमला करने से पहले उनसे बात कर लेनी चाहिए थी.

सोशल मीडिया पर ‘मोदी का परिवार’ अभियान शुरू होने के बाद से बीजेपी के नेताओं ने इसे अपने बायो में लिखा है. अनिल विज ने भी ऐसा ही किया, लेकिन हरियाणा में सरकार बदलने और मंत्रिमंडल से हटाए जाने के बाद, उन्होंने अपने एक्स बायो में लिखा, “अनिल विज पूर्व गृह मंत्री हरियाणा, भारत’. वहीं अगली पंक्ति में लिखा है “पूर्व गृह और स्वास्थ्य मंत्री हरियाणा, भारत (मोदी का परिवार)”. इस बदलाव को कई लोगों ने मंत्रिमंडल से हटाए जाने को लेकर नाराजगी और विद्रोह के संकेत के रूप में समझा.

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इसके बाद विज ने अपने हिंदी पोस्ट में लिखा, “सब को पता है कि मैं अब एक्स हो गया हूं और सभी जगह पर मुझे एक्स लिखना चाहिए. लेकिन जब मैं X पर अपनी प्रोफाइल में एक्स लिखने लगा, तो नाम में लिखे जाने वाले अक्षरों की संख्या निश्चित संख्या से ज्यादा हो गई, तो उसमें से (मोदी का परिवार) जो कि मैं हूं ही, वह ऊपर से हटाकर नीचे लगाना पड़ा, जिससे कुछ लोगों को खेलने का अवसर मिल गया. कृपया इसे अब ठीक कर लें. मैं भाजपा का अनन्य भगत हूं. इस पर खेलने से पहले अगर मेरे से बात कर ली होती, तो आपकी मधुरवाणी सुनने का मौका भी मिलता और यह होता भी नहीं.”

दरअसल अनिल विज को हाल ही में मंत्रिमंडल से हटा दिया गया था. उस दौरान विधायक दल की बैठक से अचानक बाहर निकलने के बाद हलचल मच गई थी. नायब सैनी को मुख्यमंत्री चुना गया था. एक दिन बाद, वो सैनी के शपथ ग्रहण समारोह में भी शामिल नहीं हुए थे.

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लेकिन फिर जैसे ही आलोचना और अटकलों की लहरें बढ़ीं, उन्होंने एक कदम पीछे हटते हुए खुद को ‘भाजपा का भक्त’ घोषित कर दिया. विज ने संवाददाताओं से कहा, ”स्थितियां बदल सकती हैं, लेकिन मैं पार्टी के लिए काम करना जारी रखूंगा.”

पार्टी सूत्रों ने कहा कि मनोहर लाल खट्टर को हटाए जाने के बाद अनिल विज सीएम पद की उम्मीद कर रहे थे और सैनी को पदोन्नति के लिए चुने जाने के बाद वो निराश हो गए. छह बार के विधायक विज हरियाणा में भाजपा के सत्ता में आने के बाद मुख्यमंत्री पद के प्रबल दावेदारों में से एक थे.

इसके बाद पार्टी ने इस पद के लिए पहली बार विधायक बने मनोहर लाल खट्टर को चुना. खट्टर सरकार में विज ने एक सख्त मंत्री की पहचान बनाई और लोगों की शिकायतों के समाधान के कारण लोकप्रिय भी हुए.

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