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नहीं चले अन्नामलाई, भारी पड़ी कांग्रेस की गारंटी… समझें दक्षिण भारत के 3 राज्यों में कैसे रहे 2024 के नतीजे


चेन्नई:

2024 के लोकसभा चुनाव के नतीजे BJP के लिए पिछले दो चुनावों के मुकाबले अच्छे नहीं रहे. BJP 370 सीटों का टारगेट लेकर चल रही थी, लेकिन उसे 240 सीटें ही मिलीं. NDA के भी 400 पार नहीं हो पाए. नरेंद्र मोदी 293 सीटों के साथ केंद्र में तीसरी बार NDA की सरकार बनाने जा रहे हैं. लोकसभा चुनाव-2024 में BJP के लिए दक्षिण भारत से मिली-जुली खबर आई. आंध्र प्रदेश के विधानसभा और लोकसभा की सीटों पर BJP ने अच्छा प्रदर्शन किया. तेलंगाना में उसके नंबर दोगुने हो गए. केरल में भी कमल खिल गया. लेकिन BJP को कर्नाटक और तमिलनाडु में खासा नुकसान हुआ है. कर्नाटक में BJP की कई सीटें घट गई. जबकि तमिलनाडु में अन्नामलाई का जादू नहीं चला और BJP के लिए दरवाजे ही नहीं खुले. जबकि कांग्रेस की अगुवाई वाले INDIA अलायंस ने इन राज्यों में अच्छा प्रदर्शन किया.

आइए समझते हैं दक्षिण भारत के तीन बड़े राज्यों तमिलनाडु, केरल और कर्नाटक में कैसा रहा BJP और INDIA अलायंस का प्रदर्शन:-

तमिलनाडु:- तमिलनाडु में लोकसभा की 39 सीटें हैं. यहां वोटिंग पहले फेज में 19 अप्रैल को हुई थी. BJP ने इस राज्य में खास फोकस कर रखा था. प्रचार की जिम्मेदारी खुद नरेंद्र मोदी ने संभाल रखी थी. तमिलनाडु BJP प्रदेश अध्यक्ष के. अन्नामलाई ने भी जोर-शोर से प्रचार किया. जमीनी स्तर पर जाकर वोटर से जुड़े. फिर भी वो अपनी पार्टी को एक भी सीट नहीं दिला पाए. जबकि INDIA अलायंस ने सभी 39 सीटें जीत ली. द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (DMK) को 22 सीटों पर जीत मिली है. कांग्रेस ने 9 सीटें अपने नाम की हैं. BJP के साथ ही AIADMK का भी खाता नहीं खुला.

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वोट शेयर की बात करें, तो AIADMK स्पष्ट रूप से दूसरी सबसे बड़ी पार्टी है, लेकिन BJP के पास भी 11% वोट हैं. 10% वोट शेयर के साथ कांग्रेस तीसरे नंबर पर है. लेकिन कांग्रेस ने BJP की तुलना में कम सीटों पर चुनाव लड़ा, इसलिए उनके वोट शेयरों से तुलना नहीं की जा सकती.

तमिलनाडु में BJP के ‘सिंघम’ कहे जाने वाले अन्नामलाई (Annamalai) का तिलस्म फीका पड़ गया. अन्नामलाई की सीट कोयंबटूर में BJP को सबसे ज्यादा वोट मिले, लेकिन वो DMK के गणपति राजकुमार से एक लाख से ज्यादा वोटों से हार गए. कोयंबटूर के अलावा BJP चेन्नई साउथ, चेन्नई सेंट्रल, तिरुनेलवेली, नीलगिरी और मदुरै जैसी प्रमुख सीटों पर दूसरे नंबर की पार्टी रही. जबकि NDA 12 सीटों पर दूसरे स्थान पर रही.

तमिलनाडु में ज्यादातर चुनावों में नतीजे DMK और AIADMK के बीच रहा है. हालांकि, 2024 का रिजल्ट तमिलनाडु की राजनीति की वास्तविकता को सशक्त रूप से दर्शाता है. फिलहाल, तमिलनाडु में एंट्री के लिए BJP का इंतजार बढ़ गया है.

अन्नामलाई स्पष्ट रूप से राज्य में सबसे लोकप्रिय BJP नेता हैं. कम से कम पार्टी के अपने वोट शेयर के मामले में उन्हें गठबंधन युग की राजनीति में खुद को फिर से स्थापित करना होगा. उन्हें अपनी पीढ़ी के ज्यादातर BJP नेताओं की तरह, पार्टी के भीतर और बाहर दोनों जगह गठबंधन की कला सीखनी होगी. उसपर काम भी करना होगा.

कर्नाटक:- दक्षिण का द्वार कहे जाने वाले कर्नाटक में BJP-JDS के साथ मिलकर चुनाव लड़ी. 28 सीटों पर दो फेज में मतदान कराया गया. कांग्रेस ने कुल 9 सीटें जीती. कर्नाटक में कांग्रेस की सरकार है. कांग्रेस ने हैदराबाद कर्नाटक या कल्याण कर्नाटक, मल्लिकार्जुन खरगे के गृह क्षेत्र में भी जीत हासिल की. ओल्ड मैसुरू क्षेत्र में कांग्रेस को 2 सीटें मिली हैं. BJP ने 17 सीटें जीतीं. जबकि JDS के खाते में 2 सीटें आई. BJP को र्नाटक में 2019 में 25 सीटें मिलीं थीं. जबकि कांग्रेस, JDS और निर्दलीय एक-एक सीट ही जीत पाई थी.

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कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष और डिप्टी सीएम डीके शिवकुमार के भाई डीके सुरेश बेंगलुरु ग्रामीण सीट हार गए. इससे JDS को अपने गढ़ में फिर से स्थापित होने की ताकत मिल गई. JDS ने 3 सीटों पर चुनाव लड़ा, जिसमें 2 सीटें जीत पाई. ऐसे में एक तरफ जहां JDS खुद को फिर से खड़ा करने पर काम करेगी. वहीं, एचडी कुमारस्वामी NDA सरकार में संभवतः कृषि मंत्रालय की मांग कर सकते हैं.

केरल:- केरल में इस बार BJP की एंट्री हो गई. सिंगर और एक्टर सुरेश गोपी ने त्रिशूर लोकसभा सीट पर BJP का कमल खिलाया. BJP के हाई प्रोफाइल राज्यसभा सांसद राजीव चंद्रशेखर ने शशि थरूर की तिरुवनंतपुरम में कड़ी टक्कर दी. हालांकि, चंद्रशेखर थरूर से महज 16,000 वोटों से हार गए. केरल में BJP का वोट शेयर सिर्फ 3% से बढ़कर 16% हो गया. लेकिन पार्टी की सीट स्पेसिफिक स्ट्रैटजी सिर्फ त्रिशूर में चल पाई.

शशि थरूर ने संसद में चौथी बार जीत हासिल की है, लेकिन इस बार प्रदर्शन अच्छा नहीं रहा. वहीं, तिरुवनंतपुरम में लेफ्ट तीसरे स्थान पर खिसक गया है. नतीजों से साफ है कि चुनिंदा सीटों पर BJP लेफ्ट के वोट पर कब्ज़ा कर रही है.

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केरल में ईसाइयों की आबादी ज्यादा है. ईसाई वोट बेस को लेकर BJP को कांग्रेस में आंतरिक स्थानीय विभाजन से भी फायदा हुआ है. कांग्रेस उम्मीदवार के मुरलीधरन, पूर्व मुख्यमंत्री और दिवंगत कांग्रेस नेता के करुणानकरण के बेटे वट्टकारा निर्वाचन क्षेत्र से त्रिशूर शिफ्ट कर गए थे. जबकि उनकी बहन पद्मजा चुनाव से पहले BJP में शामिल हो गई थीं. इन दोनों से कांग्रेस को सीधा-सीधा नुकसान हुआ है. लगातार विधानसभा चुनाव जीतने वाले वाम मोर्चे ने इस बार सिर्फ एक सीट जीती है. इससे कांग्रेस के नेतृत्व वाले UDF को 20 में से 18 पर जीत मिली. 

इस बीच वायनाड सीट खाने होने की अटकलें हैं. राहुल गांधी ने इस चुनाव में उत्तर प्रदेश की रायबरेली सीट और केरल की वायनाड सीट से जीत दर्ज की है. ऐसी अटकलें हैं कि राहुल रायबरेली से सांसद बने रहेंगे और वायनाड सीट छोड़ देंगे. क्योंकि कांग्रेस को हिंदी पट्टी में खुद को खड़ा करने और BJP से मुकाबला करने की जरूरत है. ऐसे में यह देखना दिलचस्प होगा कि कांग्रेस वायनाड में किसे मौका देती है?

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