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देश

अरविंद केजरीवाल कभी सच नहीं बोलने वाले और राष्ट्रविरोधी नेता : अजय माकन


नई दिल्ली:

दिल्ली के कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अजय माकन (Ajay Maken) बुधवार को आम आदमी पार्टी के संयोजक और दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) पर जमकर बरसे. उन्होंने The Hindkeshariसे खास बातचीत में केजरीवाल पर आरोप लगाया कि वे कभी सच नहीं बोलते. उन्होंने केजरीवाल पर वादे पूरे नहीं करने का आरोप लगाया और उन्होंने राष्ट्रविरोधी भी कहा. माकन ने कहा कि दिल्ली में लोग केजरीवाल को वोट देते हैं क्योंकि किसी को उम्मीद नहीं रहती है कि कांग्रेस जीतेगी और इसका फायदा बीजेपी को होता है.

अजय माकन ने कहा कि, ”मेरा मानना यह है कि हमारे देश के अंदर के बहुत सारे नेता मैंने देखे…लेकिन ऐसा नेता नहीं देखा जो कभी सच ही नहीं बोलता, और वह है (अरविंद) केजरीवाल. कभी सच नहीं बोलते हैं, जब भी बोलते हैं, झूठ बोलते हैं. इसलिए मैं बोलता हूं कि वह फर्जीवाल है… फर्जीवाड़े  के उस्ताद हैं.  इसलिए बोलता हूं कि वह सारे के सारे जो वादे किए थे, वह भूल गए. उन्होंने लोकपाल का वादा किया था, वह भूल गए. कैग रिपोर्ट लेकर आए थे, वे सारी रिपोर्ट भूल गए. दिल्ली में कह रहे हैं 2000 रुपये देंगे. पहले एक हजार का वादा किया था वह नहीं दिया. पंजाब में किया था वादा, वह नहीं निभाया.”

कैग की रिपोर्ट क्यों नहीं कर रहे सार्वजनिक?

कांग्रेस नेता माकन ने कहा कि, ”मनमोहन सिंह के जमाने में जो कांग्रेस पर अटैक किया करते थे. वे कैग रिपोर्ट को आधार बनाकर अटैक किया करते थे. आज कैग की 14 रिपोर्ट हैं. उनसे लोग कह रहे हैं कि उनको आप टेबल करिए, तो क्यों नहीं उसको टेबल कर रहे हैं? उसमें से एक स्वास्थ्य पर था जिसमें 384 करोड़ रुपये का घोटाला सीधे-सीधे नजर आता है क्योंकि जो टेंडर अमाउंट था उससे ज्यादा पैसा खर्च किया गया. उसके अलावा दिल्ली के अंदर जो बजट का आवंटन होता है 2016 से 2021 के बीच वह पैसा लैप्स हो गया, वह इस्तेमाल तक नहीं हो सका. लगभग 56 फीसदी पैसा यूज नहीं कर पाए, यह क्रिमिनल नेगलिजेंस है.” 

उन्होंने कहा कि, ”मैंने कहा था कि मैं बताऊंगा कि क्यों मैं कहता हूं कि केजरीवाल राष्ट्र विरोधी हैं और मैं यह कह रहा हूं कि समय आने पर मैं पूरे डिटेल के साथ प्रेस कॉन्फ्रेंस करूंगा कि क्यों मैं ऐसा कह रहा हूं और मैं आज उस पर भी कायम हूं. केजरीवाल जी ने तो खुद को एनार्किस्ट (anarchist) कहा था, अराजक कहा था…अराजक तो वह होता है जो कानून या संविधान को नहीं मानता है. तो जो व्यक्ति खुद कहता है, संविधान नहीं मानता है, वह देश विरोधी ही हुआ. केजरीवाल जी खुद कहते हैं कि मैं संविधान नहीं मानता, बाबा साहब अंबेडकर का संविधान नहीं मानता, तो जो व्यक्ति खुद यह कह रहा है वह तो राष्ट्र विरोधी ही हुआ.” 

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दिल्ली में केजरीवाल के आने के बाद से भाजपा ही जीत रही लोकसभा सीटें

अजय माकन ने कहा कि, ”मैं फिर कहता हूं दिवाली के पटाखे एक साथ नहीं जल जाने चाहिए. इस चुनाव के बाद कोई भूकंप या प्रलय तो आ नहीं जाएगी, न ही सारी दुनिया खत्म हो जाएगी और यह चुनाव तो सिर्फ दिल्ली का है. दिल्ली केंद्र शासित प्रदेश है. हम सब जानते हैं कि दिल्ली की सरकार आधी भी नहीं पौनी सरकार है…सरकार बन भी जाए तो असली ताकत लेफ्टिनेंट गवर्नर की होती है. तो जो लेफ्टिनेंट गवर्नर है वह तो भाजपा के कंट्रोल में है. तो हमें कोशिश यह करनी चाहिए कि केंद्र के अंदर कांग्रेस आए और इसलिए केंद्र के अंदर कांग्रेस मजबूत होनी चाहिए.” 

माकन ने कहा कि, ”यह इतिहास है कि दिल्ली के अंदर जो भी चुनाव जीतता है लोकसभा का, वही केंद्र में सरकार बनाता है. जब से अरविंद केजरीवाल दिल्ली में सरकार में आए हैं यहां भाजपा ही लोकसभा की सीटें जीत रही है. शीला दीक्षित जब मुख्यमंत्री थीं तो हम कांग्रेस ने सातों सीटें जीती थीं. जब कांग्रेस दिल्ली में पावर में होती है तो लोग कांग्रेस को वोट देते हैं, लेकिन केजरीवाल के आने के बाद केजरीवाल को वोट देते हैं क्योंकि किसी को उम्मीद नहीं रहती है कि कांग्रेस जीतेगी और इसका फायदा बीजेपी को होता है.”

कांग्रेस को केजरीवाल को समर्थन नहीं देना था

अजय माकन ने कहा कि, ”हमारी पार्टी में बहुत सारे मत होते हैं…अलग-अलग लोगों के मत होते हैं. मैं शुरू से ही इस मत कर रहा हूं. पहले दिन से ही मेरा मानना था कि 2013 में भी इनको समर्थन नहीं देना चाहिए था और 2024 में भी लोकसभा साथ नहीं लड़ना चाहिए था. उसका नुकसान कांग्रेस को नहीं दिल्ली की जनता को हुआ. दिल्ली की जनता को जो नुकसान हुआ उससे फायदा बीजेपी को हुआ.”

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उन्होंने कहा कि, ”कांग्रेस अगर दिल्ली की सत्ता से बाहर हो जाती है तो उसका नुकसान जनता को होता है जब शीला जी की सरकार थी तो केंद्र में वाजपेयी जी के नेतृत्व वाली भाजपा की सरकार थी लेकिन हमने डिलीवर करके दिया. हम यह नहीं कहते थे कि केंद्र नहीं करने दे रहा है, लेफ्टिनेंट गवर्नर नहीं करने दे रहा है… समस्याएं होती थीं लेकिन हम उसको सुलझाते थे.” 

चुनाव में कांग्रेस की ताकत का इस्तेमाल करते हैं केजरीवाल

माकन ने कहा कि, ”इंडिया गठबंधन का मसला था लेकिन दिल्ली में चुनाव अलग लड़ने की घोषणा सबसे पहले केजरीवाल ने खुद की, जब केजरीवाल ने खुद लोकसभा चुनाव हारते ही कहा कि दिल्ली में हम अकेले चुनाव लड़ेंगे… तो क्या हम लोग कमंडल पकड़कर कुंभ चले जाएं?  दिल्ली के अंदर कांग्रेस की अपनी ताकत है. केजरीवाल कांग्रेस की ताकत का इस्तेमाल करके चुनाव लड़ते हैं और उसके बाद दूध से मक्खी की तरह बाहर निकाल देते हैं.”

उन्होंने कहा कि, ”भविष्य में गठबंधन बिल्कुल नहीं होना चाहिए. अगर हम गठबंधन की बात करेंगे तो हम लोगों से वोट कैसे मांगेंगे. हम लोगों से कह रहे हैं कि हम पर विश्वास करिए, हम सरकार बनाएंगे, तो उनके साथ गठबंधन कैसे करेंगे. बिल्कुल समर्थन नहीं करेंगे, बिल्कुल विपक्ष में बैठेंगे. अगर लोगों ने हमें जनादेशी नहीं दिया सरकार में आने का, तो हम कैसे सरकार में आ जाएंगे.”

कांग्रेस की अपनी जगह दिल्ली में 

माकन ने कहा कि, ”यह मेरी अपनी निजी राय है. मैं पहले दिन से बोल रहा हूं कि हमारी पार्टी में निर्णय सब मिलकर लेते हैं लेकिन ये मेरी अपनी राय है और मैं दिल्ली में सभी पार्टियों में सीनियर मोस्ट हूं. मेरी अपनी निजी राय यह है कि कांग्रेस की अपनी जगह दिल्ली में है. अभी भी लोग कांग्रेस को वापस चाहते हैं, कांग्रेस के शासन को याद करते हैं. हमारे पास बहुत बेहतरीन लीडर हैं. तो ऐसे समय में कांग्रेस को अपनी जगह छोड़नी नहीं चाहिए.”  

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उन्होंने कहा कि, ”हम सेकुलर पार्टी हैं. हम यह नहीं करते कि सिर्फ मुस्लिम का वोट लेने के लिए उनका साथ ले लें. पार्टी ने संदीप दीक्षित को लड़ाने का निर्णय इसलिए किया क्योंकि उनका उस इलाके के साथ भावनात्मक लगाव है. शीला दीक्षित को जब केजरीवाल ने चुनाव लड़के हराया था तो उनके खिलाफ क्या-क्या भ्रामक प्रचार किए गए थे, झूठ बोले गए थे. मनमोहन सिंह के खिलाफ झूठ बोले गए थे. इसलिए मैं बोलता हूं कि वर्ल्ड रिकॉर्ड अगर माफी मांगने का किसी का है तो वह केजरीवाल के पास है.” 

अजय माकन ने कहा कि, ”न केवल दिल्ली बल्कि पंजाब में भी और गुजरात में भी कांग्रेस के लोगों से पूछिए और गोवा में भी लोगों से पूछे तो सब केजरीवाल के खिलाफ हैं. हम इन राज्यों में हारे नहीं हैं बीजेपी जीती है. आप इसे केवल दिल्ली के परिप्रेक्ष्य में मत सोचिए, हरियाणा में भी हम इसलिए हारे क्योंकि केजरीवाल जी ने उम्मीदवार खड़ा कर दिया. हमारी पार्टी उनके साथ लड़ने के लिए बातचीत कर रही थी, एडवांस स्टेज पर चल रही थी हमारी बातचीत. लेकिन जैसे ही जेल से जमानत के बाद केजरीवाल बाहर आए उन्होंने कहा कि वह 90 की 90 सीटों पर लड़ेंगे.”


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