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Arvind Kejriwal Supreme Court Hearing live Updates: अरविंद केजरीवाल को क्‍या आज मिलेगी जमानत… ED ने जताई आपत्ति, सुप्रीम कोर्ट आज सुनाएगा फैसला

अरविंद केजरीवाल की कानूनी टीम ने ईडी द्वारा दाखिल हलफनामे पर आपत्ति जताई है…

अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) को क्‍या आज सुप्रीम कोर्ट से अंतरिम जमातन मिल पाएगी? सुप्रीम कोर्ट द्वारा पिछली सुनवाई में जो संकेत दिये गए थे, उनसे तो लगता है कि दिल्‍ली के मुख्‍यमंत्री को राहत मिल सकती है. आम आदमी पार्टी (AAP) के राष्ट्रीय संयोजक केजरीवाल को 21 मार्च को गिरफ्तार किया गया था और फिलहाल वह न्यायिक हिरासत के तहत तिहाड़ जेल में बंद हैं. सुप्रीम कोर्ट आज केजरीवाल की अंतरिम जमानत के मुद्दे पर फैसला सुनायेगा. इससे पहले गुरुवार को प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने कथित आबकारी नीति घोटाले से जुड़े धनशोधन मामले में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की अंतरिम जमानत के मुद्दे पर हलफनामे के जरिये सुप्रीम कोर्ट में विरोध दर्ज कराया और कहा कि चुनाव में प्रचार करने का अधिकार न तो मौलिक अधिकार है और न ही संवैधानिक. वहीं, अरविंद केजरीवाल की कानूनी टीम ने ईडी द्वारा दाखिल हलफनामे पर आपत्ति जताई है.

लोकसभा चुनाव से ठीक पहले यदि अरविंद केजरीवाल जेल से बाहर आ जाते हैं, तो आम आदमी पार्टी के लिए यह बड़ी राहत की खबर होगी. दिल्‍ली में 25 मई को लोकसभा चुनाव हैं, जिनमें अब सिर्फ 15 दिन का समय रह गया है. दिल्‍ली में आम आदमी पार्टी कांग्रेस के साथ मिलकर चुनाव लड़ रही है. अगर केजरीवाल चुनाव से पहले बाहर आ जाते हैं, तो पार्टी को काफी सहारा मिलेगा. केजरीवाल की अनुपस्थिति में अभी उनकी पत्‍नी सुनीता केजरीवाल चुनाव प्रचार में जुटी हुई हैं.

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Live Updates…

केजरीवाल के बाहर आने से क्‍या AAP के चुनाव प्रचार को मिलेगी धार…!
अरविंद केजरीवाल के बाहर आने से क्‍या AAP के चुनाव प्रचार को मिलेगी धार…? यह सवाल इन दिनों आम जनता के साथ-साथ राजनीतिक पार्टियों के दिमाग में भी चल रहा होगा. दिल्‍ली में आप और कांग्रेस मिलकर चुनाव लड़ रहे हैं, तो कांग्रेस को कुछ लाभ हो सकता है. हालांकि, BJP को इसका नुकसान होगा या नहीं, यह कह पाना बेहद मुश्किल है!

SC ने केजरीवाल की गिरफ्तारी को ठहराया था वैध
सुप्रीम कोर्ट ने नौ अप्रैल को केजरीवाल की गिरफ्तारी को वैध ठहराया था और कहा था कि बार-बार समन जारी करने और केजरीवाल के जांच में शामिल होने से इनकार करने के बाद ईडी के पास ‘बहुत ही मामूली विकल्प’ बचा था.

…तो चुनाव प्रचार के लिए कभी अंतरिम जमानत नहीं दी गई
सुप्रीम कोर्ट में दाखिल एक नये हलफनामे में ईडी ने कहा कि ऐसे कई उदाहरण हैं जहां राजनीतिज्ञों ने न्यायिक हिरासत में रहते हुए चुनाव लड़ा और कुछ जीते भी, लेकिन चुनाव प्रचार के लिए कभी अंतरिम जमानत नहीं दी गई. ईडी ने कहा, “किसी भी नेता को चुनाव प्रचार के लिए अंतरिम जमानत नहीं दी गई है, भले वह चुनाव नहीं लड़ रहा हो. यहां तक कि चुनाव लड़ने वाला उम्मीदवार भी यदि हिरासत में हो तो उसे अपने खुद के प्रचार के लिए भी अंतरिम जमानत नहीं दी जाती है.”

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केजरीवाल की गिरफ्तारी के विरोध ED के तर्क
ईडी ने अपने 44 पृष्ठ के हलफनामे में कहा कि एक राजनीतिज्ञ एक आम नागरिक से अधिक किसी विशेष दर्जे का दावा नहीं कर सकता है और अपराध करने पर उसे किसी अन्य नागरिक की तरह ही गिरफ्तार और हिरासत में लिया जा सकता है. इसने कहा, “यदि प्रचार अभियान के अधिकार को अंतरिम जमानत देने के आधार के रूप में माना जाता है, तो यह अनुच्छेद 14 के सिद्धांतों का उल्लंघन होगा, क्योंकि एक आरोपी किसान के लिए फसल कटाई अंतरिम जमानत के लिए अनुरोध करने वाला उतना ही महत्वपूर्ण कारक होगा जितना कि किसी कंपनी के आरोपी निदेशक के लिए बोर्ड बैठक या वार्षिक आम बैठक.” ईडी ने कहा कि केजरीवाल ने उच्चतम न्यायालय या किसी अन्य अदालत के समक्ष नियमित या अंतरिम जमानत के लिए याचिका दायर नहीं की है.

SC आज सुनाएगी फैसला
गिरफ्तारी के खिलाफ अरविंद केजरीवाल की याचिका पर सुनवाई कर रही पीठ की अध्यक्षता कर रहे न्यायमूर्ति संजीव खन्ना ने बुधवार को कहा था, “हम शुक्रवार को अंतरिम आदेश (अंतरिम जमानत पर) सुनाएंगे. गिरफ्तारी को चुनौती देने से जुड़े मुख्य मामले पर उस दिन सुनवाई भी होगी.”

मामला भ्रष्टाचार और धनशोधन से संबंधित
सुपीम कोर्ट ने नौ अप्रैल को केजरीवाल की गिरफ्तारी को वैध ठहराया था और कहा था कि बार-बार समन जारी करने और केजरीवाल के जांच में शामिल होने से इनकार करने के बाद ईडी के पास ‘बहुत कम विकल्प’ बचा था.  यह मामला 2021-22 के लिए दिल्ली सरकार की आबकारी नीति के निर्माण और कार्यान्वयन में कथित भ्रष्टाचार और धनशोधन से संबंधित है. यह नीति रद्द की जा चुकी है.

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