देश

जब तक नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री रहेंगे, तब तक मैं उनके साथ: The Hindkeshariयुवा कॉन्क्लेव में बोले चिराग पासवान


नई दिल्ली:

The Hindkeshariके युवा कॉन्क्लेव (Youth For Change) के पांचवें एडिशन में लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के प्रमुख और केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान (Chirag Paswan) ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) के नेतृत्व की तारीफ की है. चिराग पासवान ने कहा कि पीएम मोदी के कुशल नेतृत्व में देश लगातार सही दिशा में आगे बढ़ रहा है. जब तक नरेंद्र मोदी पीएम रहेंगे, तब तक मैं उनके साथ रहूंगा. पासवान ने कहा, “पीएम मोदी ने जिस तरह से अंतरराष्ट्रीय स्तर पर हमारे देश का मान बढ़ाया है, उसके लिए मैं उनका मुरीद हूं.”

पीएम मोदी के साथ कैसा है कनेक्शन?
मोदी सरकार में खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्री चिराग पासवान ने गुरुवार को The Hindkeshariके युवा कॉन्क्लेव में बिहार में  LJP की भूमिका, केंद्र सरकार में उनकी पार्टी की अहमियत पर विस्तार से बात की. पीएम मोदी के साथ कनेक्शन के सवाल पर चिराग पासवान कहते हैं, “2013 में मैंने जब राजनीति में कदम रखा था, उस समय नरेंद्र मोदी गुजरात से दिल्ली शिफ्ट हो रहे थे. क्योंकि इसके एक साल 2014 बाद लोकसभा के चुनाव होने थे. BJP ने उन्हें PM चेहरा घोषित किया था. उस समय मैं नरेंद्र मोदी के भाषणों को सुना करता था. मैं उससे बहुत प्रभावित हुआ था. मुझे महसूस हुआ कि एक ऐसा नेता है, जो देश के सवा सौ करोड़ लोगों की बात करता है. उन्होंने किसी जाति का जिक्र नहीं किया, किसी धर्म का जिक्र नहीं किया. ये अंदाज कुछ अलग था.”     

बिहार में LJP का भविष्य उज्जवल
पासवान ने कहा कि बिहार में LJP का भविष्य उज्जवल है. बड़े भाई BJP के साथ और सहयोग से हम सही दिशा में आगे बढ़ रहे हैं. आने वाले सालों में बिहार में मेरी पार्टी की भूमिका बढ़ेगी. न सिर्फ बिहार, बल्कि राष्ट्रीय स्तर पर भी हमारी पहचान बढ़ेगी. क्योंकि मेरे पिता रामविलास पासवान लोक जनशक्ति पार्टी को राष्ट्रीय पार्टी बनाना चाहते थे.” 

यह भी पढ़ें :-  "चुन चुन के साफ कर दो...": पीएम मोदी ने राहुल गांधी की "आग" लगने वाली टिप्पणी पर किया पलटवार

चिराग पासवान ने कहा, “अभी हम बिहार में ज्यादा फोकस कर रहे हैं. बिहार में अगले साल विधानसभा के चुनाव होने हैं. इसलिए अभी उसपर काम करना है. बिहार में काम करने का ब्लू प्रिंट तैयार है, लेकिन इसे शेयर नहीं कर सकता.” 

सरकार में सहयोगी दलों की भूमिका कितनी अहम?
हाल के समय में केंद्र सरकार को कई फैसलों पर अपने कदम खींचने पड़े. लैटरल एंट्री, वक्फ बोर्ड की जमीन ऐसे ही मामले हैं. ऐसे में क्या माना जाए कि केंद्र में BJP की गठबंधन सरकार कमजोर है? इसके जवाब में चिराग पासवान कहते हैं, “सरकार में सहयोगी दलों की भूमिका अहम है. ये कहना गलत है कि गठबंधन सरकार में BJP सहयोगियों को अहमियत नहीं देती. कोई भी अलायंस गवर्नमेंट सहयोगियों को साथ लेकर ही चल पाएगी. मैं लंबे समय से NDA सरकार का हिस्सा रहा हूं. इस बार भी पीएम मोदी के नेतृत्व में NDA सरकार सहयोगियों को साथ लेकर ही चल रही है.”

चिराग पासवान कहते हैं, “जहां तक लैटरल एंट्री, वक्फ बोर्ड और रिजर्वेशन में क्रीमी लेयर फैसलों की बात आती है, तो मेरी पार्टी और मेरे लिए ये प्रमुख मुद्दे हैं, जिन्हें हमने उठाया था. सरकार ने इसे पॉजिटिव तरीके से लिया.”

देश में वन नेशन वन इलेक्शन कितना संभव?
विपक्ष वन नेशन वन इलेक्शन को लेकर आरोप लगा रही है कि ये संघवाद को खत्म करने का हिडेन एजेंडा है. इन आरोपों पर चिराग पासवान कहते हैं, “मोदी कैबिनेट की मीटिंग में वन नेशन वन इलेक्शन के प्लान को मंजूरी दी गई है. इसके लिए मैं पीएम मोदी का धन्यवाद करता हूं कि वो ऐसी सोच लेकर आए. वन नेशन वन इलेक्शन आज देश की जरूरत है. क्योंकि हर साल कहीं न कहीं किसी न किसी राज्य में चुनाव होते हैं. इससे न सिर्फ हमारे देश पर आर्थिक बोझ बढ़ता है, बल्कि समय और मैन पावर भी खपता है.”

यह भी पढ़ें :-  "पीएम मोदी भी..": समाजवादी पार्टी के नेता स्वामी प्रसाद मौर्य ने अपने "हिंदू विरोधी" टिप्पणी का किया बचाव
चिराग पासवान ने कहा, “पहले हम लोकसभा चुनावों में थे. अभी जम्मू-कश्मीर और हरियाणा के विधानसभा चुनावों में हैं. इसके बाद महाराष्ट्र और झारखंड के चुनाव होंगे. ये सिलसिला चलता रहेगा. इसलिए वन नेशन वन इलेक्शन लागू होना चाहिए. ताकि एक बार में सभी चुनाव हो जाए, उसके बाद सरकार 5 साल तक फोकस करके विकास के काम करें.”

वन नेशन वन इलेक्शन को लेकर विपक्ष के तर्क बेतुका
पासवान ने कहा, “वैसे वन नेशन वन इलेक्शन तो हमारे देश में आजादी के बाद करीब डेढ़ दशक यानी 1967 तक चलता रहा. उस वक्त सभी चुनाव एक साथ होते थे. फिर सरकारें गिरने का सिलसिला शुरू हुआ और ये परंपरा खत्म हो गई. उस वक्त अगर देश के संघीय ढांचे को कोई नुकसान नहीं हुआ, तो हम विपक्ष ऐसे तर्क क्यों दे रहा है.”
 


Show More

संबंधित खबरें

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button