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डोनाल्ड ट्रंप ने जैसे ही घोषित की कैबिनेट, लगने लगे कई आरोप


नई दिल्ली:

Donald Trump Cabinet: अमेरिका में राष्ट्रपति पद का चुनाव जीतने के बाद डोनाल्ड ट्रंप सरकार गठन की तैयारी कर रहे हैं. जनवरी में सत्ता पर आने से पहले अपने कैबिनेट को तैयार कर रहे हैं. डोनाल्ड ट्रंप ने इससे जुड़ी लिस्ट जारी की है. जाहिर है कि उनकी इस लिस्ट में उनके वफादारों का नाम ही होगा. अब कहा जा रहा है कि अमेरिका के प्रेजिडेंट इलेक्ट डोनाल्ड ट्रंप ने बुधवार को कई प्रमुख कैबिनेट पदों के लिए कम अनुभव वाले अपने वफादारों साथियों को चुना है और कुछ सहयोगियों को तो चौंका भी दिया है. ट्रंप ने स्पष्ट कर दिया कि वह अमेरिका के संस्थानों को फिर से नया आकार देने और कुछ मामलों में परीक्षण करने के बारे में काफी गंभीर हैं.

मैट गेट्ज के चयन पर चौंके कई

अमेरिका के शीर्ष कानून प्रवर्तन अधिकारी, अमेरिकी अटॉर्नी जनरल के लिए ट्रंप की 42 वर्षीय कांग्रेसी मैट गेट्ज़ को चुना है. उनकी इस पसंद पर कई लोग आश्चर्यचकित हैं. क्योंकि पूर्व वकील गेट्ज ने कभी भी न्याय विभाग में या अभियोजक के रूप में काम नहीं किया है, और तो और यौन तस्करी के आरोपों पर न्याय विभाग द्वारा उनकी जांच भी की गई थी. इस सफाई देते हुए उनके कार्यालय ने 2023 में कहा था कि अभियोजकों ने कहा था कि उन्हें आपराधिक आरोपों का सामना नहीं करना पड़ेगा.

कुछ को है तुलसी गबार्ड पर आपत्ति

डोनाल्ड ट्रंप ने तुलसी गबार्ड को राष्ट्रीय खुफिया विभाग में निदेशक के रूप में नियुक्त किया है. पूर्व में डेमोक्रेटिक कांग्रेस सदस्य रही तुलसी बाद में ट्रंप की सहयोगी बन गई थीं और पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा के तहत सीरिया में गृह युद्ध में सैन्य हस्तक्षेप के खिलाफ बोल चुकी हैं और यहां तक कि उन्होंने रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को अमेरिका के सहयोगी यूक्रेन पर आक्रमण करने तक को सही ठहराया था. 

तुलसी की तारीफ में ट्रंप ने एक बयान में कहा, “मैं जानता हूं कि तुलसी हमारे खुफिया समुदाय में वह निडर भावना लेकर आएंगी जिसने उनके शानदार करियर को परिभाषित किया है, हमारे संवैधानिक अधिकारों की वकालत की है और इसी हिम्मत के जरिए शांति हासिल की है.”

बता दें कि अमेरिका में यह कहा जा रहा है कि तुलसी के पास ख़ुफ़िया कार्य का सीधा अनुभव बहुत कम है और ऐसा माना जा रहा था कि उन्हें इस पद नियु्क्त नहीं किया जाएगा. बता दें कि जिस विभाग में तुलसी को निदेशक बनाया गया है वह 18 जासूसी एजेंसियों की देखरेख करता है. वह 2004 से 2005 तक इराक में हवाई नेशनल गार्ड में एक मेजर के रूप में तैनात थीं और अब अमेरिकी सेना रिजर्व में लेफ्टिनेंट कर्नल हैं.

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पीट हेगसेथ का क्यों है विरोध

गौरतलब है कि मंगलवार को ट्रंप ने फॉक्स न्यूज के कमेंटेटर और अनुभवी पीट हेगसेथ को अपना रक्षा मंत्री बनाया है. उल्लेखनीय है कि हेगसेथ हमेशा से महिलाओं के कॉमबैट रोल के विरोध में रहे हैं. उन्होंने अपने 2017-2021 के कार्यकाल के दौरान कथित तौर पर युद्ध अपराध करने वाले सैनिकों को माफ करने के लिए ट्रंप से पैरवी भी की थी. 

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मार्को रुबियो की पसंद से दिक्कत

ट्रंप के चयन के लिए यह भी कहा जा रहा है कि ट्रंप ने कुछ ऐसे लोगों को भी चयन किया है जिसकी अपेक्षा थी. ट्रंप ने बुधवार को कहा कि वह चीन पर विरोधी रहे सीनेटर मार्को रुबियो को अपने नए विदेश मंत्री के रूप में नामित करते हैं. 

कुल मिलाकर कहा जा सकता है कि ट्रंप का चयन अमेरिकी सरकार के कामकाज के तरीके और अगले चार वर्षों में दुनिया में अमेरिका की भूमिका में आमूलचूल बदलाव का संकेत दे रहा है. ट्रंप ने कहा है कि वह न्याय विभाग के निहितार्थ प्रयोग (दुरुपयोग) को समाप्त करना चाहते हैं. ट्रंप का मानना है कि उनकी राष्ट्रपति पद की उम्मीदवारी को नुकसान पहुंचाने के लिए उनके खिलाफ राजनीति से प्रेरित आपराधिक मामले लाए गए थे. वहीं, विभाग का कहना है कि वह बिना राजनीतिक पूर्वाग्रह के काम करता है.

ट्रंप के प्रति रहेंगे निष्ठावान

ट्रंप के मंत्रियों के चयन के बाद जानकारों का कहना है कि ट्रंप की पसंद के लिए एक आम बात यह है कि उन्होंने ऐसे निष्ठावान लोगों को चुना, जो उनके विवादास्पद आदेशों के खिलाफ पीछे हटेंगे. 

ट्रंप ने अपने चुनावी अभियान में डेमोक्रेटिक राष्ट्रपति जो बाइडेन सहित अपने राजनीतिक दुश्मनों के खिलाफ कार्रवाई की प्रतिज्ञा की है. माना जा रहा है कि उनकी इस प्रतिज्ञा के रास्ते में उनके मनोनीत अटॉर्नी जनरल गेट्ज़ के खड़े होने की संभावना नहीं है. गेट्ज़ के चयन की घोषणा के बाद ट्रंप के एक करीबी सूत्र का कहना है कि  गेट्ज़ बिल्कुल वैसा ही करेंगे जैसा ट्रंप कहते हैं, मुझे लगता है कि यही वजह है कि उन्हें चुना गया है.

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क्या कहते हैं करीबी

सूत्रों के अनुसार ट्रंप के कई करीबी लोगों का कहना है कि वे गेट्ज़ की सीमित योग्यता और पिछली जांच के कारण ट्रंप द्वारा उनके चयन पर हैरान थे.

मेन के एक रिपब्लिकन सीनेटर सुसान कोलिन्स ने गेट्ज़ के चयन के बारे में कहा, “मैं हैरान हूं कि उन्हें चुना गया है.” “राष्ट्रपति को स्पष्ट रूप से यह अधिकार है कि वह जिसे चाहें उसे नामांकित कर सकते हैं, लेकिन हमारे पास संविधान में सलाह और सहमति का प्रावधान हैं.”

गेट्ज पर क्यों आपत्ति

इतना ही नहीं ट्रंप के कुछ अन्य नामांकित व्यक्तियों के पास भी कोई सार्थक योग्यता नहीं है. जैसा कि हेगसेथ. वे  एक पूर्व सैन्य अधिकारी हैं. हाल के वर्षों में एक मीडिया व्यक्तित्व के रूप में सबसे ज्यादा पहचान मिली है. अब वह बतौर रक्षामंत्री 30 लाख कर्मचारियों के बड़े हिस्से और दुनिया की सबसे बड़ी सेना के प्रमुख होंगे.

अमेरिकी आर्म्ड सर्विस समिति के सदस्य इलिनोइस के डेमोक्रेटिक सीनेटर टैमी डकवर्थ का कहना है कि रक्षा मंत्री बनना एक बहुत ही गंभीर काम है, और पीट हेगसेथ जैसे अयोग्य व्यक्ति को उस भूमिका में रखना कुछ ऐसा है जिससे हम सभी को डरना चाहिए.

यूक्रेन पर तुलसी का विरोध

कई लोगों का मानना है कि यूक्रेन के मुद्दे पर यूक्रेन के विरोधी रहे लोगों को ट्रंप ने अपनी कैबिनेट में रखा है. तुलसी गबार्ड जिन्हें खूफिया विभाग में निदेशक बनाया गया है वह यूक्रेन की सरकार को भ्रष्ट कह चुकी हैं. 

सीनेट में नहीं होगी दिक्कत

गौरतलब है कि अमेरिकी सीनेट में रिपब्लिकन पार्टी का बहुमत है. इससे साफ है कि सभी ट्रंप के चयन का समर्थन ही करेंगे.  ट्रंप के मंत्रियों के चयन पर भले ही कई लोग आशंकित हों लेकिन एक मंत्री को लेकर चिंता नहीं है. मार्को रुबियो को विदेश मंत्री के रूप में चुना जाना उन अमेरिकी साझेदारों के लिए राहत की बात हो सकती है, जो इस बात से चिंतित थे कि ट्रंप प्रशासन नाटो सहित अन्य गठबंधनों के अपने वैश्विक नेटवर्क से पीछे हट सकता है. गौरतलब है कि नाटो पर ट्रंप पहले भी बयान दे चुके हैं और वह लगातार “अमेरिका फर्स्ट” पर जोर देते आ रहे हैं.

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रुबियो पर ट्रंप की राय

ट्रंप ने रुबियो के बारे में एक बयान में कहा, “वह हमारे राष्ट्र के लिए मजबूती से खड़े  रहेंगे, हमारे सहयोगियों के लिए एक सच्चे दोस्त साबित होंगे और देश के दुश्मनो ंके सामने एक निडर योद्धा साबित होंगे.

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चीन पर हमेशा कड़ी नज़र रखने वाले 53 वर्षीय रुबियो क्यूबा की कम्युनिस्ट सरकार के मुखर आलोचक रहे हैं और इज़राइल के प्रबल समर्थक हैं. रुबियो ने अतीत में अमेरिका के भूराजनीतिक शत्रुओं के संबंध में अधिक मुखर अमेरिकी विदेश नीति की वकालत की है, हालांकि हाल ही में उनके विचार विदेश नीति के बारे में ट्रंप के दृष्टिकोण के साथ अधिक मेल खाते हैं.

कार्नेगी एंडोमेंट फॉर इंटरनेशनल पीस के एक सीनियर फैलो आरोन डेविड मिलर जिन्होंने डेमोक्रेटिक और रिपब्लिकन दोनों प्रशासनों में काम किया है, का कहना है कि किसी भी राष्ट्रपति के सलाहकारों के लिए यह आवश्यक है कि जब आवश्यक हो तो विदेश नीति की चुनौतियों की विस्तृत संभावनाओं से राष्ट्रपति को अवगत कराएं. 

मिलर का कहना है कि कांग्रेस में अपने अनुभव के कारण रुबियो, ट्रंप द्वारा नियुक्त किए गए किसी भी अन्य व्यक्ति की तुलना में विदेश नीति पर बेहतर समझ रखते हैं.


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