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वापस जेल जाने से 3 दिन पहले आसाराम को मिली 3 महीने की अंतरिम जमानत, लेकिन अभी भी अटका है पेंच

Asaram Bail: नाबालिग शिष्यों से रेप के मामले में कैद की सजा काट रहे आसाराम को फिर से अंतरिम जमानत मिल गई है. आसाराम को गुजरात हाईकोर्ट ने 3 महीने की अंतरिम जमानत दी है. आसाराम को यह जमानत मेडिकल ग्राउंड पर दी गई है. आसाराम अभी राजस्थान हाईकोर्ट से मेडिकल ग्राउंड पर मिले पैरोल के आधार पर बाहर है. पैरोल की यह अवधि अभी 31 मार्च को समाप्त हो रही थी. मतलब यह कि वापस जेल जाने से तीन दिन पहले आसाराम को फिर से तीन महीने की अंतरिम जमानत मिल गई है. 

दरअसल दुष्कर्म के सजायाफ्ता आसाराम को गुजरात हाईकोर्ट से स्वास्थ्य कारणों के चलते इलाज करवाने के लिए तीन माह और जेल से बाहर रहने की अनुमति मिल गई है. हालांकि, अब राजस्थान हाईकोर्ट से अनुमति मिलना जरूरी है. इसके लिए आसाराम की ओर से याचिका लग चुकी है.

गुजरात कोर्ट में जमानत अवधि बढ़ाने के लिए बैंच में सहमति नहीं बनने पर मामला तीसरे जज को भेजा गया था. तीसरे जज ने आसाराम की अपील को स्वीकार कर लिया.

बढ़ती उम्र, बीमारी… जमानत के लिए आसाराम ने दिए ये तर्क 

दरअसल, आसाराम अभी 31 मार्च तक अंतरिम जमानत पर है. अपनी अंतरिम जमानत छह माह बढ़ाने के लिए आसाराम ने गुजरात हाईकोर्ट में गुहार की थी. आसाराम ने गुजरात कोर्ट में अपना पक्ष रखते हुए कई तरह की मेडिकल रिपोर्ट पेश की. 

साथ ही मौलिक अधिकारों का हवाला देते हुए तर्क दिया कि वह 86 वर्ष के है. दुनिया में बहुत कम लोग 75-80 वर्ष की आयु के बाद कोई इनवेसिव सर्जरी सहन कर सकते हैं. ऐसे में इलाज के लिए उसे अभी कुछ समय और बाहर रहना जरूरी है.

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लार्जर बेंच को भेजा गया था मामला

गुजरात कोर्ट की बैंच ने गत दिनों सुनवाई पूरी करने के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया था और इसे 28 मार्च को सुनाने के लिए कहा था. शुक्रवार सुबह बैंच बैठी तो फैसला सुनाया गया. बैंच के एक जज आसाराम की अंतरिम जमानत अवधि बढ़ाने के पक्ष में थे तो वहीं दूसरे जज इससे सहमत नहीं थे.

बैंच के एकमत नहीं होने पर मामला लार्जर बैंच को भेजा गया. दोपहर बाद लार्जर बैंच के जज ने आसाराम की जमानत अवधि तीन माह बढ़ाने पर सहमति दे दी.

अब जोधपुर कोर्ट में होगी सुनवाई 

इससे पहले आसाराम ने राजस्थान उच्च न्यायालय जोधपुर में जमानत अवधि बढ़ाने की याचिका लगाई थी. कोर्ट ने यह कहते हुए याचिका लौटा दी थी कि पहले गुजरात हाईकोर्ट में याचिका लगाओ, उसके फैसले के आधार पर यहां सुनवाई हो सकेगी. जब गुजरात हाईकोर्ट में सुनवाई पूरी होकर फैसला सुरक्षित रख लिया तब आसाराम ने 27 मार्च को जोधपुर में पुन: याचिका दाखिल कर दी थी. गुजरात कोर्ट का आदेश लंबित होने के कारण यहां सुनवाई स्थगित कर दी गई. अब जोधपुर में सुनवाई पूरी होने और यहां से भी जमानत अवधि बढ़ने के बाद आसाराम 30 जून तक जमानत पर रहे सकेगा.

(जोधपुर से अरुण हर्ष की रिपोर्ट)


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